पीके बोले, लूटने वाले को वोट नहीं दें:इसबार नेताओं के नहीं; अपने बच्चों के चेहरे को देखकर वोट दीजिएगा

बेगूसराय के मटिहानी में बिहार बदलाव यात्रा के तहत आयोजित सभा को संबोधित करते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार की जनता से वोट लेकर गुजरात में फैक्ट्री लगा रहे हैं। पूरे देश का पैसा ृ लेकर गुजरात के गांव-गांव में फैक्ट्री लगा रहे। बिहार के बच्चे वहां जाकर मजदूरी करने को मजबूर हैं। उन्होंने जनता से पूछा कि जब वोट आपका है तो फैक्ट्री कहां लगनी चाहिए, गुजरात में या बिहार में। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में अधिकारी और नेता, राशन कार्ड बनाने से लेकर जमीन की रसीद कटाने तक के लिए रिश्वत ले रहे हैं। जिससे आम लोग परेशान हैं। उन्होंने मटिहानी की जनता से अपील की कि उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट नहीं दें। अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें। नेताओं का चेहरा देखकर वोट न करें। चुनाव में वोट लालू यादव, नीतीश कुमार और नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर नहीं अपने बच्चों के चेहरे को देखकर दीजिएगा। अगली बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें। बेगूसराय पहुंचने पर प्रशांत किशोर का विभिन्न स्थानों पर बड़ी संख्या में पार्टी और उनके समर्थकों ने ढोल-नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया। समर्थकों ने उन्हें फूल-माला से लाद दिया। एनडीए में मोदी-शाह जो तय करेंगे वही होगा जनसभा के बाद चिराग पासवान एवं उपेंद्र कुशवाहा के शीट शेयरिंग सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि गठबंधन की राजनीति में ऐसी चीज चलती रहती है। हर दल चाहता है कि अधिक से अधिक सीट मिले, लेकिन अभी जो स्थिति है एनडीए का प्रमुख दल भाजपा है, भाजपा में दो नेता नरेंद्र मोदी और अमित शाह हैं। वह जो निर्णय लेंगे, वही सभी लोग मानेंगे, चाहे कोई कितना उछल-कूद मचा ले। अंतिम में वही होगा जो भाजपा तय करेगा। दूसरी तरफ गठबंधन जो है, उसमें वही होगा जो लालू यादव तय कर लें। राहुल गांधी चाहे जितना हाथ-पैर मार लें, कुछ नहीं होगा। कुछ दिन पहले कन्हैया आए थे, यहां राहुल गांधी आए थे, खूब सवाल उठा था। उस समय भी हमने कहा था कि जब तक लालू जी का दम है, राजद का शासन है, कोई सवाल नहीं है कि किसका चेहरा कौन होगा। कांग्रेस, राहुल गांधी और कन्हैया तय नहीं करेंगे कि चेहरा कौन होगा। लालू जी तय करेंगे कि चेहरा कौन होगा। चेहरा उनके परिवार का होगा। केंद्र की सरकार में मंत्री हैं, फिर अलग कैसे लड़ेंगे चिराग पासवान एनडीए में मंत्री हैं, क्या उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया, क्या संसद से त्यागपत्र दे दिया, एनडीए से बाहर चले आए। अगर आप एनडीए के घटक दल हैं तो घटक दल होने के नाते केंद्र की सरकार में मंत्री हैं, फिर अलग कैसे लड़ेंगे। अगर लड़ेंगे इसका मतलब भाजपा की सहमति से लड़ेंगे। तेजस्वी यादव राजद के नेता हैं, लोगों को अच्छे तरीके से याद है कि जब उनके पिताजी का शासन था तो यहां पर चुनाव कितना अच्छा तरीके से होता था, कैसे बूथ लूटा जाता था, कैसे बक्सा से जिन्न निकलने की बात होती थी। तेजस्वी यादव के कहने का कोई मतलब नहीं है, राहुल गांधी ने इलेक्शन पर जो कहा है उसका जवाब उन्हें मिलना चाहिए।

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