पीयू में परीक्षा केंद्रों पर स्टाफ बढ़ा मेहनताना:20% बढ़ोतरी का प्रस्ताव पास, टीचर को अभी, पर नॉन टीचिंग स्टाफ को मई 2026 से मिलेगा

पंजाब यूनिवर्सिटी और इससे एफिलिएटेड कॉलेजों में परीक्षा केंद्रों पर ड्यूटी देने वाले सुपरिंटेंडेंट, क्लर्क और इलेक्ट्रीशियन के मेहनताने में 20 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव को बोर्ड ऑफ फाइनांस की बैठक में मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि, यह बढ़ा हुआ मेहनताना परीक्षा कंडक्ट (प्रबंधन) करने वाले नॉन-टीचिंग स्टाफ को फिलहाल नहीं मिलेगा। बोर्ड ऑफ फाइनांस की बैठक में एग्जाम ड्यूटी में लगे शिक्षकों सहित सभी कैटेगरी के लिए संशोधित मेहनताने पर मोहर लगा दी गई है। लेकिन परीक्षा केंद्रों के संचालन से जुड़े सुपरिंटेंडेंट, क्लर्क और अन्य नॉन-टीचिंग स्टाफ को बढ़ा हुआ मेहनताना मई 2026 में होने वाली परीक्षाओं से लागू होगा, जबकि टीचिंग स्टाफ को यह लाभ दिसंबर माह की परीक्षाओं से मिलेगा। हर साल ढाई लाख छात्र देते हैं परीक्षा जानकारी के अनुसार, पंजाब यूनिवर्सिटी की ओर से हर साल पंजाब और चंडीगढ़ के करीब 200 एफिलिएटिड कॉलेजों के लगभग 2 से 2.5 लाख छात्र परीक्षाओं में शामिल होते हैं। इसके लिए पंजाब के विभिन्न शहरों और चंडीगढ़ में सैकड़ों कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाए जाते हैं। इन परीक्षा केंद्रों पर फ्लाइंग स्क्वायड, सीनियर और जूनियर सुपरिंटेंडेंट, चीफ को-ऑर्डिनेटर प्रिंसिपल, सीईटी और पीजी परीक्षाओं के लिए सेंटर सुपरिंटेंडेंट सहित कई स्तरों पर ड्यूटी लगाई जाती है। इन्हीं सभी के मेहनताने में संशोधन को लेकर पीयू प्रबंधन की ओर से बोर्ड ऑफ फाइनांस में एजेंडा रखा गया था। टीचिंग स्टाफ का बढ़ा हुआ प्रस्तावित मेहनताना नॉन-टीचिंग स्टाफ का मेहनताना (फाइनल परीक्षाओं से लागू) इसके अलावा, एक सेंटर क्लर्क की ड्यूटी के लिए 250 रुपए प्रति सत्र, 350 रुपए प्रति सत्र और क्लर्क टू चीफ को-ऑर्डिनेटर के लिए 250 रुपए निर्धारित किए गए हैं। पहले यह राशि 250 रुपए प्रति सत्र थी, जिसे बढ़ाकर 350 रुपए प्रति सत्र किया गया है।

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