पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल से राजनीति सीखने वाले पूर्व मंत्री प्रो.संपत सिंह इनेलो में शामिल होने के बाद पूरी तरह एक्टिव हो गए हैं। फतेहाबाद में वह पुराने साथियों को एकजुट करने में जुट गए हैं। उनके अगला विधानसभा चुनाव फतेहाबाद से लड़ने की संभावनाएं भी बढ़ गई है। इस सवाल के जवाब में प्राे.संपत सिंह ने कहा कि कार्यकर्ताओं की भावनाएं उनके साथ जुड़ रही है। भावनाओं से ही संभावनाएं बनती है। मगर अभी विधानसभा चुनाव काफी दूर है। पहले वह अपने पुराने साथियों को दोबारा जोड़ने में लगे हुए हैं। बता दें कि, 3 दिसंबर को प्रो.संपत सिंह ने कांग्रेस छोड़कर इनेलो में वापसी की थी। साल 2009 से पहले वह लंबे समय तक इनेलो में रहे। प्रो.संपत सिंह का लंबा राजनीतिक अनुभव है। वह वित्त, गृह समेत कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं। जानिए… कैसे एकजुट कर रहे कार्यकर्ता प्रो.संपत सिंह और उनके बेटे गौरव संपत पुराने कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क बढ़ा रहे हैं। किसी के यहां शादी तो किसी के अन्य कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है। दुख में भी शामिल होने पहुंचे रहे हैं। साथ ही फोन के जरिए भी लोगों से फिर से एक्टिव होकर साथ देने की अपील कर रहे हैं। फतेहाबाद जिले से ही प्रो.संपत सिंह ने की थी राजनीतिक शुरुआत बोले-अभी तो पुराने साथी जोड़ रहा दैनिक भास्कर एप से बातचीत में प्रो.संपत सिंह ने कहा कि अभी तो वह पुराने साथियों को फिर से लोकदल के साथ जोड़ रहे हैं। उनके कांग्रेस में जाने और नलवा से चुनाव लड़ने के कारण पुराने साथी कांग्रेस व अन्य पार्टियों की तरफ शिफ्ट हो गए। उनकी वापसी लोकदल में करवाएंगे ताकि पार्टी यहां से और मजबूत हो सके। फतेहाबाद से चुनाव लड़ने के सवाल पर प्रो.संपत सिंह ने कहा कि अभी चुनाव में करीब चार साल का समय पड़ा है। पहले यहां से चुनाव लड़ा है, इसलिए कार्यकर्ताओं की भावनाएं हैं, भावनाओं से ही संभावनाएं बनती है। चुनाव आने पर पार्टी तय करेगी कि कहां से चुनाव लड़ना है।