पूर्णिया में सरकारी स्कूल में 4 महीने से फर्जी थाना चल रहा था। इस थाने के फर्जी थानेदार ने लोगों से करीब 50 लाख की वसूली की है। ठगी करने वाले फर्जी थानेदार की पहचान राहुल साह के रूप में हुई है, जो NCC का कोर कैडर था। राहुल के गिरोह में शामिल अधिकांश ठग भी एनएससी कैडेट ही थे। राहुल ने 45 कैंडिडेट को विधानसभा चुनाव से पहले ग्राम रक्षा दल और होमगार्ड में सरकारी नौकरी लगाने की गारंटी दी थी। डेढ़ महीने से ये सभी इसके लिए ट्रेनिंग भी ले रहे थें। राहुल ने ग्राम रक्षा दल और होमगार्ड की बहाली के नाम पर 300 से अधिक लोगों से 50 लाख रुपए ऐंठे थे। राहुल 100 कैंडिडेट की फर्जी बहाली भी कर चुका था। वर्दी, पहचान पत्र और डंडा तक अलॉट कर दिया था। बड़ी बात यह है कि फरवरी महीने से ही सरकारी स्कूल से इस फर्जी थाने को संचालित किया जा रहा था। पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगी। मामले की हकीकत जानने दैनिक भास्कर की टीम कसबा प्रखंड स्थित उस बैतोना गांव में पहुंची, जहां बीते करीब पांच महीने से सरकारी स्कूल में फर्जी थाना चल रहा था। स्कूल के 3 कमरों में बनाया गया था थाना मध्य विद्यालय बैतोना के जिस तीन कमरों को थाना की शक्ल दी गई थी, राहुल रातों रात उसे खाली कर फर्जी टीम संग भाग निकला। दरअसल राहुल को पुलिस के एक्शन की भनक 4 दिन पहले ही लग चुकी थी। जिसके बाद वो सामान समेट कर फरार हो गया। फर्जी थाना के हर कमरे अब वीरान हैं। जहां अब मवेशी और बकरियां हाजिरी लगाते दिखाई दिए। बातचीत में ग्रामीण जावेद अख्तर कहते हैं कि ‘ट्रेंड लड़का-लड़की को चौक पर सुरक्षा देने के लिए भेज दिया जाता था। पुलिस की जीप फेक थी या नहीं, ये मुझे नहीं पता। उस पर थाने का नाम लिखा रहता था।’ जावेद बताते है कि, ‘फर्जी थानेदार राहुल साह की टीम में 5 से 6 फर्जी सिपाहियों की भी टीम थी। इसमें दो लड़कियां भी शामिल थीं। राहुल साह असली पुलिस की तरह टीम लेकर निकलता था।’ ‘असली थाने की ही तरह गश्त के लिए पुलिस वैन भी थी, जिसमें कसबा थाना लिखा था। सरस्वती पूजा, होली, रमजान और ईद में राहुल और उसकी टीम ने फरकिया चौक, गांधी पुल, बाज़ार और आसपास के इलाके में वाहन चेकिंग और गश्त तक की थी।’ शराब की खेप पकड़ने के बदले वसूले रुपए पीड़ित नावेद अख्तर के पिता जावेद अख्तर ने बताया, राहुल साह 5 महीने पहले ही मध्य विद्यालय बैतोना में फर्जी थानेदार बनकर आया था। उसने ग्रामीणों और विद्यालय के प्रिंसिपल को स्कूल में नाका खोले जाने की बात बताई थी। रात्रि गश्त, वाहन चेकिंग, शराब की खेप पकड़ने के एवज में उसने लाखों की अवैध उगाही की। सुबह 8 बजे थाना खुल जाता और शाम 5 बजते ही सभी थाने से निकल जाते थे। फोन पर हुई बातचीत में खुश्कीबाग की सिमरन चौहान, गांधी नगर के संजीव कुमार, कसबा के गौरव कुमार, गांधीनगर के मानिक कुमार मंडल, पूर्णिया की संजना कुमारी, गांधीनगर के संजीत कुमार ने बताया कि इसकी शुरुआत एक साल पहले ही हो गई थी। राहुल ने युवाओं को झांसे में लेकर ग्रुप में जोड़ा मास्टरमाइंड राहुल साह कसबा नगर परिषद के वार्ड-23 स्थित नेमा टोल का रहने वाला है। पिता छोटा मोटा धंधा कर किसी तरह से घर चलाते थे। वो NCC का कैडर था। हमेशा पैसे की बात करता और कहता था- एक साल के भीतर उसके पास बेशुमार पैसा होगा। उसकी पहुंच किसी बड़े अधिकारी से है। जिसके जरिए वो किसी को भी ग्रामीण रक्षा दल और होम गार्ड की सरकारी नौकरी में रखवा सकता है। लोग उसके इसी झांसे में आ गए। राहुल ने ग्रामीण रक्षा दल मोहिनी नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप भी बना रखा था। राहुल ने अपने मुहल्ले और आसपास के इलाके के युवाओं को झांसे में लेकर वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा। ग्रामीण रक्षा दल और होम गार्ड की सरकारी नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया था। खुश्कीबाग की सिमरन चौहान और पूर्णिया की संजना कुमारी कहती हैं कि ‘दोनों गांधीनगर के दोस्तों के जरिए राहुल साह से जुड़ी। इसी तरह ये नेटवर्क बढ़ता गया। वे और उनके जैसे 300 से अधिक लोग झांसे में आ गए।’ वर्दी, पहचान पत्र और पुलिसिया लाठी भी दी पीड़ित कैंडिडेट आगे बताते हैं कि, ‘ग्रामीण रक्षा दल और होम गार्ड में सरकारी नौकरी दिलाने के एवज में फर्जी थानेदार राहुल साह ने उन लोगों से 15 से 20 हजार रुपए लिए थे। इन रुपयों के एवज में उन्हें फर्जी थाना पर बुलाया गया। वर्दी, पहचान पत्र और पुलिसिया लाठी दी गई थी।’ ’45 लोगों को स्कूल से चल रहे फर्जी थाना के कैंपस में पिछले डेढ़ महीने से ट्रेनिंग भी जा रही थी। ट्रेनिंग में लड़के और लड़कियां दोनों शामिल थें। राहुल ने चुनाव से पहले ग्रामीण रक्षा दल और होम गार्ड में सरकारी नौकरी दिलाने की गारंटी थी।’ राहुल ने वाहन जांच अभियान और गश्ती भी कराई पीड़ित कैंडिडेट्स ने बताया कि ‘ट्रेनिंग के दौरान राहुल ने उनसे ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन जांच अभियान और गश्त भी कराई थी। जांच के दौरान उन्होंने मोटर साइकिल चालकों के हेलमेट, ड्राइविंग चेक करना सीखा। इसके एवज में लोगों से लाखों ऐंठे, वसूले गए रुपए बाद में राहुल लेता था।’ पीड़ित नावेद अख्तर ने बताया कि ‘राहुल साह ने ग्रामीण रक्षा दल और होम गार्ड में सरकारी नौकरी दिलाने के एवज में जिन 100 लोगों की बहाली कराई, इसमें वे भी शामिल हैं। उनकी ज्वॉइनिंग मार्च में ही कराई गई थी।’ दो महीने काम करने के बाद नहीं मिली सैलरी दो महीने तक काम करने के बाद भी जब उन्हें सैलरी नहीं मिली, तो राहुल से संपर्क किया। लेकिन राहुल ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इस पर वे समूह बनाकर एक साथ राहुल के घर पहुंचे। जहां उसकी मां ने पैसे वापस मांगने वाले कैंडिडेट से गाली-गलौज शुरू कर दी। इसी के बाद बवाल हुआ और फिर रातों रात फर्जी थानेदार राहुल अपनी अपनी टीम के साथ भाग निकला। जिसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ। दरोगा बन कर घूमता था राहुल पीड़ित लड़की बताती है कि ‘राहुल से एनसीसी के दौरान मुलाकात हुई थी। उसने ग्राम रक्षा दल में नौकरी लगाने की बात कही। करीब 300 लोगों से उसने 10 हजार और 5 हजार रुपए लिए। उसने 22 हजार सैलरी देने की बात कही थी। उसको मैं अपना भाई मानती थी। मुझे आईकार्ड भी दिया है।’ ‘मोइनी थाना में मेरी मां ने भी ड्यूटी की है। राहुल दरोगा बन कर घूमता है। मेरी मम्मी ने 2 महीना तक नौकरी किया। राहुल ने ही वर्दी सिलवा कर दिया था। मुझे भी सरकारी नौकरी का झांसा दिया था। कसबा में राहुल एनसीसी में था। यहां पर इसने पैसे लेकर नौकरी का झांसा दिया।’ राहुल की गिरफ्तारी के लिए बंगाल तक छापेमारी मामले की जानकारी देते हुए कसबा थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी ने बताया कि, ‘4 दिन पहले ग्राम रक्षा दल व दलपति की नौकरी दिलवाने के नाम पर राहुल की ठगी किए जाने की लिखित शिकायत मिली है। पीड़ित कैंडिडेट के आवेदन पर जांच शुरू कर दी गई है। जांच में युवक के बंगाल भागने की जानकारी मिली है, जिसके बाद छापेमारी की जा रही है।’ ————– ये भी पढ़ें… ट्रक चालकों से वसूली करते धराए फर्जी DTO-MVI:महीने में 4.50 लाख की थी कमाई; पुलिस ने चोरी की स्कॉर्पियो के साथ तीन को किया अरेस्ट औरंगाबाद में फर्जी DTO और MVI बनकर ट्रक चालकों से अवैध वसूली करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। बारुण थाने की पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की स्कॉर्पियो, हैंड माइक, बैटरी से जुड़ा नीला-लाल सायरन, डंडा और 5,300 कैश बरामद किया है। पूरी खबर पढ़िए