पंजाब के पूर्व कांग्रेसी मंत्री बलवीर सिद्धू के भाई और मोहाली के मेयर अमरजीत सिंह उर्फ जीती सिद्धू मर्डर केस से बरी हो गए हैं। शनिवार को मोहाली की स्पेशल CBI कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि मेयर के हत्या में शामिल होने को लेकर जो सबूत पेश किए गए हैं, वह दोष साबित नहीं करते। यह मामला करीब 15 साल पुराना है। तब खरड़ में पारिवारिक रंजिश से मर्डर हुआ था। जिसमें तत्कालीन कांग्रेस MLA बलवीर सिद्धू के भाई जीती सिद्धू पर भी हत्या में शामिल होने के आरोप लगे थे। इस मामले में जब पंजाब पुलिस ने ठोस कार्रवाई नहीं की तो मृतक के परिवार ने CBI जांच की मांग की थी। जिसमें अब यह फैसला आया है। पूर्व मंत्री बलवीर सिद्धू और मेयर अमरजीत सिद्धू दोनों लंबे टाइम से कांग्रेस से जुड़े रहे। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने BJP जॉइन कर ली थी लेकिन फिर कांग्रेस में लौट आए। जानिए, मर्डर से जुड़ा मामला क्या है? विदेश जाने की परमिशन का किया था विरोध
केस के दौरान की अमरजीत जीती सिद्धू ने विदेश जाने की परमिशन मांगी। इस पर CBI कोर्ट में मृतक के वकील ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा था कि आरोपी कांग्रेस पार्टी का बड़ा नेता है और उनका बड़ा भाई भी कई बार एमएलए और पंजाब का मंत्री रह चुका है। ऐसे में अगर उक्त आरोपी को विदेश जाने की इजाजत दी जाती है तो वह भगोड़ा भी हो सकता है। कोर्ट ने इन शर्तों पर दे दी थी जमानत
मगर कोर्ट ने मेयर जीती सिद्धू की हिस्ट्री को देखते हुए उन्हें कई शर्तें रखकर कनाडा जाने की इजाजत दे दी। कोर्ट ने कहा था कि 15 लाख रुपए के पर्सनल बांड एक श्योरिटी के साथ जमा कराने होंगे। इसके अलावा 15 लाख रुपए की एफडी कोर्ट में जमा करानी होगी। कनाडा के अलावा किसी अन्य देश में नहीं जा सकेंगे। इसके अलावा उन्हें 20 दिन के अंदर ही वापस लौटना होगा। इसके लिए दिन नहीं बढ़ाए जाएंगे। कनाडा से वापस आते ही एक हफ्ते में पासपोर्ट कोर्ट में जमा करवाना होगा। वहीं आरोपी के वकील का हर पेशी में आना अनिवार्य होगा। कौन है अमरजीत उर्फ जीती सिद्धू
अमरजीत सिंह उर्फ जीती सिद्धू मोहाली की नगर निगम राजनीति का जाना-पहचाना चेहरा हैं। वह नगर निगम मोहाली के मेयर हैं और लंबे समय से स्थानीय राजनीति में सक्रिय हैं। जीती सिद्धू का प्रभाव खास तौर पर मोहाली और आसपास के क्षेत्रों में रहा है। जीती सिद्धू कांग्रेस से जुड़े हैं और नगर निगम स्तर पर पार्टी के प्रमुख नेताओं में उनकी गिनती होती है। मेयर रहते हुए उन्होंने शहर से जुड़े विकास कार्यों, सफाई व्यवस्था, सड़कों, स्ट्रीट लाइट, सीवरेज और नागरिक सुविधाओं से जुड़े मुद्दों पर काम किया। नगर निगम प्रशासन में उनकी भूमिका अहम रही। जीती सिद्धू के परिवार की राजनीति में भी मजबूत पकड़ रही है।