पूर्व विधायक बीमा भारती से आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की पूछताछ करेगी। कई सवाल हैं, जिसके जवाब उनसे मांगेगी। यह पूछताछ पटना में 21 जुलाई को होगी। इसके लिए उन्हें EOU की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया है। मामला पिछले साल हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा हुआ है। पूर्व विधायक को नोटिस जारी कर पूछताछ और अपना बयान दर्ज कराने के लिए जारी किए गए नोटिस को लेकर जांच एजेंसी की तरफ से सोमवार को एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है। दरअसल, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीमा भारती राजद में शामिल हो गईं थी। मगर, उसके पहले वो जदयू में थीं। जब पिछले साल महागठबंधन का साथ छोड़ जदयू ने NDA के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, उसी दरम्यान फ्लोर टेस्ट में राजद के पक्ष में वोट करने के लिए बीमा भारती समेत कई विधायकों को रुपए देने और मंत्री बनाने का प्रलोभन दिया गया था। साथ ही आरोप लगा था कि दबाव बनाने के लिए बीमा भारती और विधायक दिलीप राय को किडनैप किया गया है। अब इस मामले में उनसे सवाल जवाब होंगे। इन तीनों से भी होगी पूछताछ और दर्ज होंगे बयान इस मामले में EOU ने बीमा भारती समेत कुल 4 लोगों को नोटिस जारी किया है। इसमें पूर्व विधायक बीमा भारती के अलावा औरंगाबाद जिले के बारुण के रहने वाले प्रमोद कुमार, वैशाली के जंदाहा के रहने वाले संजय पटेल और वैशाली के ही नारायणपुर देवपुरा के रहने वाले सन्नी कुमार का नाम शामिल है। इन सभी को उसी दिन जांच एजेंसी ने बुलाया है। ठेकेदार व इंजीनियर सुनील से हुई थी पूछताछ इस मामले में 24 जून को तेजस्वी यादव के करीबी और ठेकेदार व इंजीनियर सुनील सिंह से पूछताछ हुई थी। इस पूरे प्रकरण में इनकी अहम भूमिका रही है। इस कारण उस दिन इनसे करीब 3 घंटे तक जांच एजेंसी के अधिकारी ने कई सवाल पूछे थे। विधायकों को खरीदने के मामले में जो सबूत मिले थे और रुपयों का जिन सोर्स के जरिए इस्तेमाल किया जाना था, उसे बारे में वेरीफाई कराया गया था। इस प्रकरण में यह भी बात सामने आई थी कि बालू माफियाओं के साथ-साथ कई अलग-अलग माफियाओं के माध्यम से रुपयों का इस्तेमाल विधायकों को खरीदने के लिए होना था। उस बीव जांच एजेंसी के सामने सुनील ने माना था कि उनका माफियाओं के साथ कनेक्शन है। हालांकि, पहले ही जांच के क्रम में इस बात के सबूत EOU को मिले थे। यही कारण है कि इस केस में सुनील नामजद अभियुक्त हैं। जदयू विधायक ने दर्ज कराई थी FIR दरअसल, 2024 में जब जदयू और भाजपा के गठबंधन की सरकार बनी तो विधानसभा के फ्लोर टेस्ट में इन्हें विश्वासमत हासिल करना था। पर उस दरम्यान बीमा भारती जदयू की विधायक थीं। अचानक से यह बात सामने आई कि जदयू के विधायकों पर महागठबंधन के पक्ष में वोट करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। विधायक कृष्ण मुरारी शरण को मंत्री पद का ऑफर दिया गया है। जबकि, मधुबनी के हरलाखी से विधायक सुधांशू शेखर को महागठबंधन के पक्ष में वोट करने के लिए 10 करोड़ रुपए का ऑफर दिया गया है। इस मामले में जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने पटना के कोतवाली थाना में एक FIR दर्ज कराई थी। शुरुआती जांच में ही इस केस को EOU ने टेकओवर कर लिया था। जब उनकी टीम ने जांच शुरू की तो उन्हें विधायकों को खरीदने के लिए अवैध धन के इस्तेमाल के सबूत मिले थे। साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में बैठे लोगों का कनेक्शन भी सामने आया था।