समय- 3.10 बजे दोपहर (13 अक्टूबर, 2025) जगह- सोरांव तहसील परिसर एक पेड़ से नोटों की बारिश होने लगी। वकील और नोटरी काउंटर पर बैठे लोग दौड़-दौड़कर नोट बटोरने लगे। जब लोगों ने पेड़ की ओर देखा, तो एक बंदर नजर आया। उसके हाथ में नोटों की गड्डी थी। इसी बीच एक शख्स चिल्लाते हुए बोले- ये मेरे रुपए हैं…भैया बचा लो, बहुत नुकसान हो जाएगा। रुपए लूट रहे लोग अब उसकी मदद करने लगे। रुपए इकट्ठा करके कारोबारी वसीम को दिए। इसमें करीब 45 मिनट का समय लगा। गिनने पर पता चला कि 50 हजार की गड्डी में 1500 रुपए कम हैं, बहुत ढूंढने पर भी ये नोट नहीं मिले। वसीम ने कहा- रुपए वापस मिलने के बाद मैंने हनुमानजी को शुक्रिया कहा। उन्हें याद करके हाथ जोड़े। जब नोट हवा में उड़ रहे थे, मुझे हनुमानजी ही दिखे। इस घटना का VIDEO 14 अक्टूबर को सामने आया। तहसील परिसर में मौजूद एक शख्स ने बंदर की इस हरकत का VIDEO बनाया था। दैनिक भास्कर टीम वसीम अली तक पहुंची, जिनके रुपए बंदर ने लुटाए थे। वो मऊआइमा के बांका जलालपुर में रहते हैं। पढ़िए तहसील में क्या हुआ? कैसे बंदर तक ये नोट की गड्डी पहुंची? क्या वकील, नोटरियों को अक्सर बंदर परेशान करते हैं। पढ़िए रिपोर्ट… सबसे पहले पढ़िए, बंदर को रुपए कैसे मिले– वसीम अली कहते हैं- मुझे एक प्लॉट की रजिस्ट्री करानी थी। उसके स्टाम्प के रुपए लेकर मैं तहसील पहुंचा था। वकील साहब के चैम्बर के बाहर मैंने अपनी बाइक खड़ी कर दी। जैसे ही मैं उनके चैम्बर के गेट के पास पहुंचा। अचानक एक बंदर पेड़ से उतरकर आया, झपट्टा मारकर वो मुझसे पॉलिथीन छीन ले गया, जिसमें 1 लाख रुपए थे। अब वसीम से हुई बातचीत पढ़िए रिपोर्टर. जो घटना हुई, उसे इत्तफाक मानेंगे या लापरवाही? वसीम अली. लापरवाही कैसे कहेंगे, क्योंकि जहां वकील साहब का चैम्बर है, वहीं पर गाड़ी खड़ी की थी। एक 20×50 का प्लॉट खरीदना था, मेरे पास 1 लाख रुपए थे। रिपोर्टर. उस समय आपको कैसा लगा? जब बंदर रुपए हवा में उड़ा रहा था। वसीम अली. पेड़ के ऊपर चढ़ते ही बंदर ने पॉलीथिन को फाड़ दिया। उसमें रखे नोट हवा में उड़ने लगे। मेरे तो पैरों तले जमीन खिसक गई। कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या होगा? थोड़ी देर में सब वकील और लोग दौड़कर आए, नोट इकट्ठा करने में मेरी मदद करने लगे। मगर कुछ देर में लोग भाग गए, हालांकि जब तहसील में बात फैली तो लोग लौट आए, रुपए ढूंढने में मदद की। रिपोर्टर. आपने बंदर की हर हरकत देखी होगी, बताइए क्या हुआ? वसीम अली. हां, रुपए का थैला झपटने के बाद बंदर पेड़ पर चढ़ गया। पॉलिथीन को फाड़ दिया। एक 50 हजार की गड्डी नीचे गिर गई। फिर बंदर दूसरी डाल पर चला गया। दूसरी गड्डी की रबड़ तोड़ दी और नोट नीचे फेंकने लगा। रिपोर्टर. सारे नोट नीचे तो गिरे नहीं होंगे, कुछ हवा में उड़ भी गए होंगे? वसीम अली. हां, नोट चारों तरफ पेड़ के नीचे बिखर गए। कुछ यहां गिरे, कुछ वहां। सब लोगों ने मिलकर पैसा इकट्ठा किया। मैं भी खुद नीचे झुककर पैसे उठाता रहा। पेड़ की जितनी छांव होती है, समझिए 1 मीटर में नोट फैले हुए थे। रिपोर्टर. क्या कुछ नोट वकीलों के चैम्बर की छत पर भी गिरे थे? वसीम अली. हां, तीन-चार नोट छत पर गिरे थे। मैं चढ़कर ऊपर गया और वहां से नोट उठाए। इतना सब करने के बाद भी 1,500 रुपए कम मिले। वो कहां गिरे, ये नहीं पता चला। रिपोर्टर. जब आपको रुपए मिले गए, तब क्या किया? वसीम अली. हां, सबसे पहले हनुमान जी का शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने मेरा पैसा वापस दिलाया। फिर फोन करके परिवार को पूरी घटना बताई। सभी सुनकर चौंक गए। रिपोर्टर. आपके परिवार में कौन-कौन हैं? वसीम अली. मां हैं, दो भाई हैं, बहन है, बीवी है और तीन बच्चे हैं। मेरे बच्चे अभी पढ़ रहे हैं। इस घटना के वक्त वहां मौजूद वकील दिलशाद की बात पढ़िए जब नोट उड़े, लोग ऐसे भागे, जैसे कोई आफत आई हो
यह सब मेरे ही चेंबर के सामने हुआ। वसीम ने बाइक यहीं स्टैंड पर लगाई गई थी। वह अपने काम से मेरे चेंबर आए थे। वो जैसे ही चैंबर के अंदर आए, किसी ने बताया कि बाहर बंदर हैं। हम लोग बाहर निकले तो एक बंदर उनके हाथ से थैला छीनकर पीपल के पेड़ पर चढ़ गया। नोटों के उड़ते ही नीचे अफरातफरी मच गई। तहसील परिसर में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बड़ी आफत आ गई हो। बंदर को पकड़ने की कोशिश में लोग दौड़ रहे थे, लेकिन बंदर खुद ही लोगों पर झपट रहा था। वकील ने कहा- ऐसी घटना मेरे सामने पहली बार हुई है। हालांकि, बंदरों का आतंक यहां पहले से है। कपड़े फाड़ देना या फाइलें उठा ले जाना, आम बात है। लेकिन रुपए लेकर भागने वाली यह पहली घटना है। ——————— दो महीने पहले औरैया में बंदर ने ऐसे नोट लुटाए थे, पढ़िए- औरैया में बंदर ने नोटों की बारिश की…VIDEO, डिग्गी से बैग निकालकर कर पेड़ पर चढ़ा, लोगों ने 28 हजार लूटे औरैया की तहसील में एक बंदर ने नोटों की बारिश करा दी। लूटने के लिए लोगों के भीड़ जमा हो गई। परिसर में मौजूद लोगों ने लगभग 28 हजार रुपए लूट लिए। इसका वीडियो भी सामने आया है। दरअसल, एक किसान रजिस्ट्री करने के लिए मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे बिधूना तहसील पहुंचा था। उसके पास 80 हजार रुपए से भरा बैग था। वह बैग डिग्गी में रखकर वकील से बात करने लगा। तभी एक बंदर आया और डिग्गी से रुपए का बैग निकालकर पेड़ पर चढ़ गया। देखते-देखते उसने रुपयों की बरसात कर दी। मौके पर मौजूद लोग रुपए लूटने लगे। किसान को उसके 52 हजार रुपए ही मिले, बाकी के 28 हजार लोगों ने लूट लिए। पढ़ें पूरी खबर…