‘प्रोफेसर मुझे ब्लू फिल्म दिखाकर सालभर से कर रहे शोषण’:BBAU रिसर्च स्कॉलर का HOD पर आरोप, कहा- कार्रवाई नहीं हुई तो आत्महत्या कर लूंगा

मैं एनवायरन्मेंटल माइक्रोबायोलॉजी का रिसर्च स्कॉलर हूं। मेरे विभाग के प्रमुख सालभर से ज्यादा समय से मेरा यौन शोषण कर रहे हैं। मैं काम के लिए जब भी उनके कमरे में जाता हूं तो अकेले में मौका पाकर वो मुझे पोर्न वीडियो दिखाते हैं। अब मैं यौन उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं कर पा रहा हूं। एक दिन तो उन्होंने कहा कि तुम यदि ओरल सेक्स करो तो मैं तुम्हारे NFSC फैलोशिप पर हस्ताक्षर कर दूंगा। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (BBAU) के रिसर्च स्कॉलर ने कुलपति को पत्र लिखकर अपने गाइड और विभाग के डीन प्रो.राजेश कुमार पर यह गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिसर्च स्कॉलर का कहना है कि यदि आरोपी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। छात्र ने बताया कि एमएससी, CSIR NET, आईसीएआर नेट और गेट क्वालीफाइंग में उसे स्वर्ण पदक मिल चुका है। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से प्रोफेसर की अच्छी दोस्ती, नहीं हुआ एक्शन रिसर्च स्कॉलर ने बताया कि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अश्वनी कुमार सिंह से मैंने इसकी शिकायत की। उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। वो आरोपी प्रो.राजेश के करीबी मित्र हैं। डीन एकेडमिक प्रो.विक्टर बाबू से भी मैंने शिकायत की पर अब तक कोई एक्शन नहीं हुआ। मेरी कहीं पर भी सुनवाई नहीं हुई। मदद करें भगवान… मुझे न्याय दीजिये… रिसर्च स्कॉलर ने 2 जून को BBAU के कुलपति प्रो.आरके मित्तल को मेल कर प्रो.राजेश कुमार के खिलाफ शिकायत की है। मेल में रिसर्च स्कॉलर ने लिखा है कि विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) में मामले को दर्ज कर और पुलिस में FIR भी दर्ज कराएं। प्रोफेसर राजेश कुमार को उनके अवैध और क्रूर कृत्य के लिए नियमानुसार दंडित करें। रिसर्च स्कॉलर ने प्रोफेसर को उनके हेड और डीन के पद से हटाकर मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। कहा कि हेड और डीन रहते हुए वे जांच को प्रभावित करेंगे। अंत में रिसर्च स्कॉलर ने लिखा कि प्रो.राजेश ने मुझे अपने बताए स्थान पर बुलाया, लेकिन मैंने मना कर दिया। मेरी मदद करें कुलपति महोदय… मेरी मदद करें, भगवान… मुझे न्याय दें। ICC करेगी निष्पक्ष जांच इस मामले में डीन एकेडमिक प्रो.विक्टर बाबू ने बताया कि शिकायत आने के बाद तत्काल इस मामले को कुलपति के संज्ञान में लाया गया है। वर्क प्लेस पर सेक्सुअल हैरसमेंट का आरोप है। ऐसे में पूरे प्रकरण की जांच ICC करेगी। निष्पक्ष जांच के आधार पर कार्रवाई भी होगी। उन्होंने कहा कि यौन शोषण की शिकायत लेकर इससे पहले कभी भी रिसर्च स्कॉलर मेरे पास नहीं आया। मैं उसका गाइड नहीं, तो कैसे कर सकता हूं शोषण प्रो.राजेश कुमार ने बताया कि मैं 3-4 दिनों से किसी गोपनीय ऑफिशियल काम से बाहर था। मेरे निकलने के बाद ही रिसर्च स्कॉलर ने ये शिकायत की है। मैं इसका गाइड नहीं हूं। ये बिना गाइड के काम कर रहा। इनके गाइड पंकज कुमार अरोड़ा रोहिलखंड यूनिवर्सिटी चले गए। प्रोग्रेस रिपोर्ट न देने पर वॉर्निंग लेटर किया जारी प्रो. राजेश ने कहा- कुलपति को भी पता है कि मैं बाहर हूं। ये आरोप सरासर गलत है। कब और कहां शोषण हुआ, इसका उल्लेख नहीं। वेन्यू, डेट या टाइम कहीं नहीं लिखा। इनकी फैलोशिप पर बिना प्रोग्रेस रिपोर्ट के 2 बार हेड के तौर पर साइन भी कर दिया। ऐसे में मैंने उसकी हेल्प की। पिछली बार पैर पकड़ फैलोशिप पर साइन करने की रिक्वेस्ट की। पर अब भी प्रोग्रेस रिपोर्ट नहीं दी। ऐसे में उसके लिए वॉर्निंग लेटर जारी किया गया। इसके बाद ही ये सब आरोप लगे है। 30 मई को वॉर्निंग लेटर दिया गया। उसके बाद 3 जून को ये शिकायत की आई। विवादों से कभी नहीं रहा नाता प्रो.राजेश ने बताया कि ये एक गहरी साजिश है। मामले में विभाग के कुछ लोग भी शामिल हैं। कुछ साल पहले एक शख्स ऐसे ही एक मामले में फंसे थे। उनके खिलाफ एक महिला रिसर्च स्कॉलर ने शिकायत की थी। बाद में किसी तरह समझौता हुआ था। ये शिकायत भी उसी की कॉपी है। 25 साल के मेरे करियर में आज तक कोई दाग नहीं लगा। किसी भी तरह के विवाद से मेरा कोई नाता नहीं रहा। …………………………… ये खबर भी पढ़ें लखनऊ में बच्ची से दरिंदगी का CCTV सामने आया:मां के बगल से उठाया, मेट्रो लिफ्ट के पास रेप किया; पुलिस ने 24 घंटे में एनकाउंटर में मार गिराया लखनऊ में ढाई साल की बच्ची से दरिंदगी के आरोपी को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। शुक्रवार तड़के गन्ना संस्थान, देवी खेड़ा के पास पुलिस ने आरोपी दीपक वर्मा को घेर लिया। पुलिस को देखते ही उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लग गई। (पूरी खबर पढ़ें)

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