पंजाब में फरीदकोट जिले के सिविल अस्पताल में अपनी नवजात बच्ची को एक लाख में बेचने के बाद अस्पताल की एक दर्जा चार महिला कर्मचारी पर आरोप लगाकर एक व्यक्ति ने शहर में सनसनी पैदा कर दी थी। हालांकि महिला कर्मचारी के पक्ष में आए संगठन ने पड़ताल के बाद मामले से पर्दा उठा दिया। जिसमें सामने आया कि आरोप लगाने वाले बच्ची के पिता ने खुद ही पहले अपनी बच्ची को एक लाख रुपए में बेच दिया। सूचना पर पत्नी का विरोध वहीं जानकारी मिलने पर उसकी पत्नी ने विरोध किया, तो उसने मीडिया के सामने ड्रामा किया कि उन्हें धोखे में रखकर बच्ची को बेचा गया है। पिता की करतूत से पर्दा उठाने के बाद संगठन ने उसकी बच्ची को वापिस करवा दिया और उसके द्वारा वसूले पैसे से वापिस करवा दिए। जिसमें से वह कुछ रुपए खर्च भी कर चुका था। 28 मई को हुआ था बच्ची का जन्म बता दें कि फरीदकोट के गांव चहिल की रहने वाली अमृतपाल कौर पत्नी गुरमेल सिंह को डिलीवरी के लिए 27 मई की रात को फरीदकोट के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया था और 28 मई की सुबह उसने एक स्वस्थ्य बेटी को जन्म दिया था। अस्पताल रिकॉर्ड के मुताबिक अमृतपाल कौर व उसकी नवजन्मी बेटी को 30 मई को डिस्चार्ज कर दिया गया था। इसके बाद गुरमेल सिंह ने एक लाख रुपए लेकर अपनी बच्ची एक परिवार को पालन पोषण के लिए दे दी। ड्रामा रच कर्मचारी पर लगाए आरोप बाद में उसके घर में विवाद हुआ, तो उसने ड्रामा रचते हुए अस्पताल की एक दर्जा चार कर्मचारी पर आरोप लगाए कि उसने धोखे में रखते हुए बच्ची बेच दी। उसने यह भी आरोप लगाए कि धोखे का आभास होने पर पैसे भी वापिस कर दिए पर बच्ची नहीं मिली। मामले में एक संगठन ने दखल देते हुए गुरमेल सिंह के झूठ से पर्दा उठा दिया। मामले में गुरमेल सिंह ने स्वीकार किया कि उसने अस्पताल की महिला कर्मचारी पर बच्ची बेचने के झूठे आरोप लगाए थे, जबकि उसने खुद ही बच्ची को एक लाख लेकर दिया था। अब बच्ची वापिस लेकर पैसे लौटा दिए है। एसएमओ बोले-मामला पहले ही दिख रहा था संदिग्ध सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉ. परमजीत सिंह बराड़ ने बताया कि यह मामला पहले से ही संदिग्ध दिख रहा था, क्योंकि बच्ची के परिजनों ने किसी प्रकार की शिकायत नहीं दी थी। अब आपस में समझौता उनका हो गया है और बच्ची परिजनों के पास मौजूद है।