इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को फर्रुखाबाद की पुलिस अधीक्षक (SP) आरती सिंह पर कड़ी नाराजगी जताई। जस्टिस जेजे मुनीर की कोर्ट ने IPS आरती सिंह को हिरासत में लेने को कहा। चूंकि यह आदेश मौखिक था। इसलिए एसपी आरती सिंह के वकील ने कोर्ट से मोहलत मांगी। इस पर जस्टिस शांत हुए। तब पुलिस ने एसपी को हिरासत में नहीं लिया। एसपी पर याचिकाकर्ता को धमकाने और 2 लोगों को अवैध हिरासत में रखने का आरोप है। प्रीती यादव और दो अन्य लोगों ने हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की थी। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा- कोई भी पुलिसकर्मी याचिकाकर्ता प्रीति यादव से संपर्क नहीं करेगा। न ही किसी प्रकार की धमकी देगा। न ही उत्पीड़न किया जाएगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भी जवाब तलब किया है। राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अब बुधवार को इस मामले में अदालत फिर से सुनवाई करेगी। कल, 15 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे तक एसपी आरती सिंह को प्रयागराज में ही रहने का आदेश दिया है। अब विस्तार से पढ़िए पूरा मामला पुलिस ने 2 लोगों को सात दिन तक अवैध हिरासत में रखा था
एडवोकेट संतोष पांडे ने बताया, हमने फर्रुखाबाद निवासी प्रीति यादव की तरफ से एक हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की थी। फर्रुखाबाद की कायमगंज थाने की पुलिस 8 सितंबर की रात करीब नौ बजे प्रीति के घर में घुस गई। पुलिस टीम में थाना प्रभारी अनुराग मिश्रा, सीओ समेत चार-पांच पुलिसकर्मी शामिल थे। वह लगातार एसपी फतेहगढ़ (फर्रुखाबाद) से बातचीत कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने प्रीति के परिवार के 2 सदस्यों को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने दोनों लोगों को करीब एक सप्ताह तक हिरासत में रखा। फिर 14 सितंबर की रात 11 बजे पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया। उन्होंने बताया, दोनों लोगों को छोड़ने से पहले पुलिस ने दबाव में एक लिखित बयान लिखवा लिया। जिसमें लिखवाया कि हमने कोई मुकदमा नहीं किया। हमें कोई शिकायत नहीं है और न ही किसी तरह की शिकायत करेंगे। पुलिस ने यही जवाब हाईकोर्ट में लगा दिया। कोर्ट ने पुलिस की बात नहीं मानी, पिटीशनर को बुलाया
हाईकोर्ट ने पुलिस की बात नहीं मानी। कोर्ट ने मेन पिटीशनर प्रीति को बुलाया। उनकी सारी बातें सुनीं। इसके बाद कोर्ट ने 9 अक्टूबर को आदेश जारी किया। कोर्ट ने 14 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे तक एसपी फतेहगढ़, सीओ कायमगंज और एसएचओ कायमगंज को अदालत में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया। इसके बाद 11 अक्टूबर को करीब 100 पुलिस वाले फर्रुखाबाद के रहने वाले वकील अवधेश मिश्र के घर पहुंचे। वहां तोड़फोड़ की। सामान फेंक दिया। सीसीटीवी तोड़ा, डीवीआर उठा ले गए। इसके बाद अवधेश मिश्र की तरफ से कोर्ट में एफिडेविट फाइल किया। उस पर आज जस्टिस जेजे मुनीर और संजीव कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की। इस दौरान एसपी और उनकी टीम कोई जवाब नहीं दे सकीं। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी माना
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह ने बताया, कोर्ट में याचिकाकर्ता प्रीति यादव का बयान दर्ज हुआ। उन्होंने कोर्ट में सभी बातें बताईं। बताया कि पुलिस वालों ने उन्हें धमकी दी और जबरन एक कागज में लिखवा लिया कि हमने कोई केस नहीं किया है। इसको लेकर कोर्ट ने एसपी से जवाब मांगा। मगर एसपी और उनकी टीम कोर्ट में जवाब नहीं दे सकीं। उन्होंने कहा, मामले की जांच कर रहे हैं। इसे कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी मानते हुए उनसे सवाल किए। उन्हें एफिडेविट देना था, लेकिन वह नहीं दे सकीं। अमरेंद्र सिंह ने बताया, कोर्ट आने से पहले फर्रुखाबाद के एडवोकेट अवधेश मिश्र के घर पर पुलिस पहुंच गई। उनके परिवार वालों को पीटा। घर में तोड़फोड़ की। कैमरे तोड़ दिए। पुलिस को शंका थी कि अवधेश मिश्रा ने ही प्रीति यादव को हाईकोर्ट रिट दाखिल करने के लिए भेजा है। अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि बिना एफआईआर के वकील के घर हमला हुआ। अदालत ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में घोर हस्तक्षेप है। इस पर अदालत ने सवाल किया। 15 अक्टूबर यानि बुधवार तक का समय दिया। एडवोकेट और उनके बेटे को कोर्ट परिसर से अरेस्ट किया
एडवोकेट अमरेंद्र ने बताया, शाम करीब 4 बजे हाईकोर्ट परिसर के बाहर अवधेश मिश्र और उनके बेटे को फर्रुखाबाद पुलिस ने जबरन अरेस्ट कर लिया। पुलिस दोनों को लेकर जाने लगी। इसके बाद फिर से हम लोगों ने यह मामला कोर्ट में रखा। अदालत की वजह से अवधेश मिश्र और उनके बेटे छूट सके। अब इस मामले में अदालत में कल जवाब देना होगा। जब तक एसपी जवाब नहीं देतीं उन्हें रुकना पड़ेगा।
2017 बैच की IPS हैं आरती सिंह
आरती सिंह मध्य प्रदेश के सिंगरौली की रहने वाली हैं। उनके पति अनिरुद्ध सिंह भी आईपीएस अधिकारी हैं। आरती और अनिरुद्ध सिंह ने साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी की थी। दोनों ने एक ही साथ UPSC की परीक्षा पास की। दोनों एक साथ IPS बने। आरती सिंह को यूपीएससी में 118वीं रैंक मिली थी। वहीं अनिरुद्ध सिंह को 146वीं रैंक के साथ हिंदी माध्यम में टॉपर रहे थे। आईपीएस में ट्रेनिंग के दौरान उनकी पहली पोस्टिंग बनारस में सीओ के रूप में हुई थी। आरती सिंह की प्रारंभिक शिक्षा सोनभद्र के एनटीपीसी शक्तिनगर के विवेकानंद स्कूल से हुई। फिर उन्होंने दुद्धीचुआ स्थित डीएवी स्कूल से इंटरमीडिएट और जबलपुर से बीबीए की पढाई की। इसके बाद वह एमबीए करने के लिए इंदौर गईं। पहले भी आरती सिंह विवादों में रही हैं। बनारस पुलिस कमिश्नरेट में तैनाती के दौरान आरती सिंह पर मकान मालिक को किराया नहीं देने का आरोप लगा था। इस मामले में मकान मालिक ने DGP से शिकायत की थी। ………………………………. ये खबर भी पढ़िए- गर्लफ्रेंड की शादी तय हुई…प्रेमी पानी टंकी से कूदा, मौत, अनूपशहर में मां गिड़गिड़ाती रही- कूदना मत बुलंदशहर में 80 फीट ऊंची पानी टंकी से 22 साल युवक ने कूद कर जान दे दी। वह गर्लफ्रेंड की शादी किसी और से तय होने से नाराज था। जानकारी के मुताबिक, सज्जा (22) मंगलवार सुबह 9.30 बजे पानी की टंकी पर चढ़ गया। इसके बाद वो जोर-जोर से रोने लगा। यह देखकर नीचे काफी भीड़ जमा हो गई। सूचना घरवालों को लगी तो वो भी भागकर वहां पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर…