फिरोजपुर के रहने वाले सरवन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान साहस की मिसाल पेश की और अब उसे राष्ट्रीय वीर बाल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय वीर बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उसे यह पुरस्कार दिल्ली में आयोजित समारोह के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिया है। सरवन और अन्य पुरस्कार विजेता बच्चे इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बातचीत करेंगे। सरवन ने ऑपरेशन सिंदर के दौरान फिरोजपुर में जोखिम भरे हालातों में लोगों और सेना के जवानों की मदद की। सरवन बोले- मुझे अवॉर्ड पाकर बहुत अच्छा लग रहा है 10 साल के सरवन ने कहा, “जब पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, तो सैनिक हमारे गांव आए। मैंने सोचा कि मुझे उनकी सेवा करनी चाहिए। मैं उनके लिए दूध, चाय, छाछ और बर्फ ले जाता था। मुझे अवॉर्ड पाकर बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने कभी इसका सपना भी नहीं देखा था।” सेना भी कर चुकी है सरवन कुमार को सम्मानित फिरोजपुर के 10 वर्षीय सरवन ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत-पाक सीमा पर तैनात भारतीय सेना के जवानों की निस्वार्थ भाव से मदद की थी, उन्हें पानी, दूध, लस्सी और खाना पहुंचाया, जिसके लिए सेना ने उन्हें ‘सबसे युवा नागरिक योद्धा’ घोषित कर सम्मानित किया और अब उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का जिम्मा उठाया है। फिरोजपुर छावनी में एक समारोह के दौरान, पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने बच्चे को सम्मानित भी किया। सेना के अधिकारियों ने कहा था कि सरवन की कहानी देश र के उन ‘ नायकों’ की याद दिलाती है जो देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले हैं। बड़ा होकर भारतीय सेना में शामिल होना चाहता है सरवन फिरोजपुर जिले के ममदोट इलाके में रहने वाले सरवन ने पहले कहा था कि वह भी बड़ा होकर सेना में भर्ती होना चाहता है। उसने कहा कि मैं बड़ा होकर फौजी बनना चाहता हूं और देश की सेवा करना चाहता हूं। उसके पिता ने का कहना है कि ऑपरेशन सिंदर के बाद से सेना के अफसर भी उसे बेहद प्यार करने लगे हैं।