‘फिल्मों में लव जिहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है’:बिहार में अनिरुद्धाचार्य बोले- गुजरात के लोग नौकरी देते हैं, तो आप जॉब देना कब सीखोगे?

‘आप बताओ बिहार में लव जिहाद है या नहीं, हिंदू लड़कियों को कुछ मुसलमान लड़के प्यार के झूठे जाल में फंसा कर ले जाते हैं और दुनिया के दूसरे देशों में बेच आते हैं। आपकी बेटी को कल कोई प्यार के बहाने ले जाए, दुबई में 10 लाख, 20 लाख में बेच आए। सोचिए, उस लड़की पर क्या गुजरती होगी, जिसे सारी जिंदगी बर्तन धोने के लिए और शारीरिक शोषण के लिए बैठा दिया जाए। कितनी गंदी बीमारी है ये लव जिहाद। बड़ी-बड़ी फिल्म लव जिहाद का प्रमोशन करती हैं।’, ये बातें कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने मुजफ्फरपुर में कथावाचन के दौरान सोमवार को कही। कथावाचक अनिरुद्धाचार्य 23 मई से मुजफ्फरपुर के पताही में कथावाचन कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने कहा कि ‘पीके मूवी में एक हिंदू लड़की होती है, उसका नाम जग्गू होता है, उस लड़की को पाकिस्तान के मुसलमान लड़के से प्यार हो जाता है। बताओ ये लव जिहाद को बढ़ावा देना है या नहीं।’ ‘बच्चे मूवी देखने जाते हैं, आपको लगता है कि पिक्चर कितनी बढ़िया है, लेकिन पिक्चर के पीछे का जो षड्यंत्र है वो तो आपने जाना ही नहीं।’ अनिरुद्धाचार्य बोले- फिल्मों में मंदिरों, भगवान को बदनाम किया जाता है अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि ‘कई फिल्मों में हमारे मंदिरों और भगवान को बदनाम किया जाता है। पीके मूवी में कुछ ऐसा दिखाया कि आपको ये लगा कि मंदिर नहीं जाना चाहिए। ये मूवी जब बनी, उसने हजारों करोड़ रुपए की कमाई की।’ ‘मेरा सवाल है कि तुम्हें गरीबों की इतनी ही चिंता थी तो जो मूवी से कमाई हुई, उसे गरीबों में बांट देना चाहिए था। हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल बनवाना चाहिए था, लेकिन ये सब कुछ नहीं हुआ।’ अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि, ये सिर्फ पाठ पढ़ाते हैं कि शंकर भगवान पर दूध क्यों चढ़ाते हैं, सावन का महीना है, श्रद्धा है, तो लोग 10-5 रुपए का चढ़ावा चढ़ा देते हैं, श्रद्धा नहीं है तो नहीं चढ़ाते। कोई जबरदस्ती नहीं है। मूवी देखने वाले लड़का-लड़की समझ लेते हैं कि यार बात सही है, मंदिर जाना छोड़ देते हैं। भगवान शंकर पर दूध चढ़ाना उन्हें दिखता है, तो जो टिकट मूवी के खरीदते हैं, उन पैसों को गरीबों में क्यों नहीं बांट देते? कथावाचक ने कहा कि चलो बताओ, बिहार में लोग शराब पीते हैं कि नहीं। खूब पीते हैं, जबकि बिहार में शराब बंद है। जब सबको पता है कि शराब पीना गलत है, तो आज तक कोई ऐसी मूवी बनी, जिसमें ये बताया गया हो कि शराब न पीयो, शराब वाला पैसा गरीबों में बांट दो। अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि ‘बिहार को सबसे ज्यादा नशा ने बर्बाद कर रखा है। यहां के लोग जितना पैसा नशा में खर्च करते हैं, उतना पैसा अपनी तरक्की में खर्च करें तो बहुत विकास हो जाए।’ बोले- मैं जो कहता हूं, ध्यान से सुनो, सफल न हो तो कहना अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि मेरी एक बात सुनो, सफल न हो तो फिर कहना। सफल व्यक्ति के पास टाइम बहुत कम, जबकि असफल व्यक्ति के पास टाइम ही टाइम होता है। आपने देखा होगा कि हमारे देश के लड़के क्रिकेट देखते हैं। भारत में 22 साल का लड़का, 25 साल का लड़का, 30 साल का छोरा, जिसे काम करके सफल हो जाना चाहिए था, वो क्रिकेट देखकर अपना टाइम बर्बाद कर रहा है। अमेरिका, चीन के पास कोई क्रिकेट टीम ही नहीं है। चाइना को पता है कि लड़कों को काम पर लगाना है, लेकिन भारत में तो क्रिकेट चल रहा है, चला ही जा रहा है। इसलिए अपने बच्चों को समझाना होगा कि क्रिकेट देखकर टाइम बरबाद करने से कोई फायदा नहीं है। ‘बिहार में एक बहुत बड़ा रोग है, मां-बाप कहते हैं- नौकरी करो’ कथावाचक ने कहा कि बिहार में एक बहुत बड़ा रोग है। यहां के हर मां-बाप अपने बच्चों को कहते हैं कि बेटा पढ़ो, नौकरी करना है, ये सबसे बड़ा रोग है। आपका बेटा पढ़े, ये बहुत अच्छी बात है। पढ़ लिखकर योग्य बने, ये अच्छी बात है, लेकिन बेटे को ये मत कहा करो कि पढ़ लिखकर नौकरी कर, बल्कि बेटे को ये कहो कि तुम पढ़ कर नौकरी लेने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनो। बिहार को सुधारने के लिए सबसे पहले ये जरूरी है। अपनी विचारधारा, अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है। नौकरी मिल रही है तो ठीक है, नहीं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। नौकरी को दूसरे या तीसरे नंबर पर रखो, बिजनेस को पहले नंबर पर। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग नौकरी देते हैं, तो आप लोग नौकरी देना कब सीखोगे? बिहार के बहुत लोग ऐसे हैं, जो नौकरियां छोड़कर बिजनेस करने में लग गए। नौकरी करने से 50 हजार, एक लाख पाते थे, बिजनेस शुरू किया तो महीने के 10 लाख रुपए कमाने लगे। दशरथ मांझी का जिक्र कर बोले- हर परिस्थिति में डटे रहना जरूरी है अनिरुद्धाचार्य ने दशरथ मांझी का जिक्र करते हुए कहा कि हर परिस्थिति में डटे रहना जरूरी है। आपने सुना है कि दशरथ मांझी ने छेनी, हथौड़ी से पहाड़ काट दिया था, रास्ता बना दिया था। दशरथ मांझी जैसे लोग मेहनत से इतिहास रच देते हैं, कुछ न करने वाले बेरोजगारी का रोना रोते हैं। ——————– ये भी पढ़ें… बॉयफ्रेंड की मां संग अनिरुद्धाचार्य महाराज के पास पहुंची लड़की: बोली-मम्मी शादी नहीं होने देगी; एक लड़के से कहा- आप 20 लाख महीने कमा सकते हो ‘गुरुजी एक प्रश्न है। मैं यहां अपने प्रेमी की मां के साथ आई हूं। मेरी मम्मी मेरे प्रेमी से शादी नहीं कराएंगी। ऐसा वो बोल रही थी। कहती हैं कि हम दोनों की जाति अलग है। ‘ ‘हम धोबी हैं, वो पासवान हैं। मैं 12 साल से रिलेशन में हूं। मैं 21 साल की हूं। मुझे 11 साल में ही प्यार हो गया था।’ ये बातें एक लड़की ने मुजफ्फरपुर में भागवत कथा वाचक आचार्य अनिरुद्धाचार्य महाराज से कही। पूरी खबर पढ़िए

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