औरंगाबाद में 60 साल के फूफा के प्यार में पागल पत्नी गुंजा ने अपने पति प्रियांशु की हत्या करवा दी। 10 मई को गुंजा की शादी थी, लेकिन किसे पता था कि वो मंडप में बैठकर ही प्रियांशु की हत्या की प्लानिंग कर रही है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया है कि एक तरफ प्रियांशु मंडप में अपनी दुल्हन का इंतजार कर रहा था। वहीं दूसरी ओर गुंजा लगातार अपने फूफा जीवन सिंह को कॉल कर रही थी। शादी वाले दिन उसने अपने फूफा को 99 बार किए। ऐसा इसलिए, क्योंकि फूफा इस शादी से नाराज था। वो नहीं चाहता था कि गुंजा की शादी कहीं और हो। उसने गुंजा को कई बार ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान देने की धमकी तक दी थी। गुंजा को लग रहा था कि कहीं उसका प्रेमी खुदकुशी न कर ले। पुलिस की जांच में सामने आया है कि गुंजा और प्रियांशु की शादी फिक्स होने के बाद से ही जीवन परेशान था। उसने कई बार गुंजा पर शादी से इनकार करने का दबाव डाला, लेकिन गुंजा ने माता-पिता की इज्जत की बात कहकर शादी के लिए हां कर दिया। गुंजा ने शादी के बाद भी जीवन से रिश्ता रखने की बात कही, तब जाकर जीवन थोड़ा नॉर्मल हुआ। हालांकि, प्रियांशु इन सब बातों से बिल्कुल अनजान था। उसे नहीं पता था कि उसकी होने वाली दुल्हन का उसके सगे फूफा से पिछले 15 साल से अफेयर चल रहा है और प्रियांशु की होने वाली पत्नी उसकी हत्या की साजिश रच रही है। गुंजा के पिता अब अपनी बेटी की लिए ही फांसी की सजा मांग रहे हैं। पढ़िए प्रियांशु हत्याकांड की सीरीज का पार्ट- 1 फूफा अभी भी पुलिस के हाथ नहीं लगा गुंजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसने अपने पति की हत्या कराने की बात स्वीकार की है, जबकि उसका प्रेमी फूफा फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। आरोपी जीवन झारखंड के डाल्टेनगंज का रहने वाला है। पुलिस डाल्टेनगंज में भी उसकी तलाशी कर रही है। कहा जा रहा है कि जीवन सिंह और गुंजा के बीच के रिश्ते की भनक किसी को नहीं थी। न ही गुंजा के परिवार के लोग इस बारे में कुछ जानते थे और न ही प्रिंस को कुछ पता था। जब पुलिस को गुंजा पर शक हुआ तो उससे सख्ती से पूछताछ शुरू की, तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ। आखिर में जब पुलिस ने 2 जुलाई को हत्याकांड का खुलासा किया, तो गुंजा और प्रियांशु के घरवाले इस बात से हैरान थे कि जिस जीवन सिंह पर गुंजा के घर वालों ने भरोसा किया था, वही अपनी भतीजी के साथ पिछले 15 सालों से इश्क लड़ा रहा था। गुंजा पर पहले से ही जीवन की नजर थी, बहाने से घर बुला लिया था जानकारी के मुताबिक, गुंजा पर जीवन की नजर पहले से ही थी। गुंजा जब 10वीं पास करके कॉलेज जाने लगी तो जीवन ने उसके माता-पिता से कहा कि इसकी पढ़ाई बेहतर तरीके से हो, घर में काम न करना पड़े, इसलिए इसे मेरे पास डाल्टेनगंज भेज दो। उस वक्त गुंजा की उम्र 16 से 17 साल थी। गुंजा भी शायद इस बात से अनजान थी कि उस पर उसके सगे फूफा की गंदी नजर है। जब जीवन ने पढ़ाई के लिए गुंजा को भेजने की बात रामरूप से कही, तो उन्होंने कहा- ‘ठीक है, इसे भेज देता हूं।’ जब गुंजा जीवन के घर आ गई तो अक्सर वो उसे किसी न किसी बहाने से बाहर घुमाने ले जाने लगा, खिलाने लगा और शॉपिंग भी कराने लगा। उसे नया फोन भी खरीदकर दिया। ये सब देखकर गुंजा उसके झांसे में फंस गई। फिर दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। पिछले 15 साल से ये सिलसिला लगातार चला आ रहा था, लेकिन किसी को इस बारे में भनक तक नहीं लगी। अब पढ़िए, प्रिंस और गुंजा के परिजन ने दैनिक भास्कर को क्या बताया 2 मोबाइल रखती थी गुंजा बुधवार को हत्याकांड के खुलासे के बाद भास्कर की टीम जब नबीनगर इलाके में प्रिंस के घर पहुंची। मां बेसुध पड़ी थी, बात करने की हालत में नहीं थी। बस एक ही बात बोल रही थी, ‘आखिर मेरे बेटे का क्या दोष था, जो मेरी ही बहू उसे खा गई, उसकी हत्या करवा दी।’ ये कहते-कहते वो बेसुध हो जाती हैं। इतने में कहीं से प्रिंस के बड़े भाई हिमांशु आते हैं। पहले वो मां को संभालते हैं, फिर घर में लगी भाई की तस्वीर देखकर बोलते हैं, ‘पता नहीं मेरे भाई को किसकी नजर लग गई। हिमांशु बताते हैं- CDR खंगालने के बाद पुलिस ने हिरासत में ले लिया हिमांशु ने कहा, ‘पुलिस ने गुंजा और प्रियांशु के कमरे की तलाशी ली तो दूसरा मोबाइल उसके पास से बरामद किया गया। पुलिस ने तत्काल दूसरा मोबाइल लिया और CDR खंगालने के बाद गुंजा को हिरासत में ले लिया।’ ‘प्रियांशु तो काम काज के सिलसिले में घर से बाहर रहता था, घर पर मां अकेले रहती थी। न तो मां को और न ही प्रियांशु को, दोनों में किसी को भी गुंजा के अफेयर की भनक तक नहीं थी।’ ‘पुलिस ने ही पूरे घटनाक्रम की जानकारी हम लोगों को दी। भाई की हत्या के बाद से ही गुंजा के माता-पिता हमारे घर में रह रहे थे, लेकिन जब मामले की खुलासा हुआ और पुलिस गुंजा को गिरफ्तार करके ले गई, वे भी चले गए।’ हिमांशु ने कहा- शादी में 20 लाख का जेवर चढ़ाया था। प्रियांशु की मौत के बाद भी गुंजा जेवर नहीं उतारती थी। जेवर लेकर भाग न जाए, इसलिए हमने उसे कमरे में बंद कर दिया था। गुंजा ने हमारे घर को तो बर्बाद किया ही, उनकी बदनामी भी करा दी। गुंजा के पिता बोले- शर्म से मैं किसी को चेहरा नहीं दिखा पा रहा हूं भास्कर ने टंडवा थाना क्षेत्र के घुरा नंद गांव में रहने वाले गुंजा के पिता रामरूप सिंह से भी बातचीत की। उन्होंने पहले तो इस बारे में बातचीत करने से इनकार कर दिया। कहते रहे कि मेरा गुंजा से कोई रिश्ता नहीं है, लेकिन जब उनसे हिम्मत रखने और प्रिंस की हत्या का जिक्र किया गया तो वे बात करने को तैयार हो गए। उन्होंने कहा, ‘प्रिंस तो मेरे बेटे जैसा ही था। कितना अच्छा लड़का था। न कोई डिमांड थी, न ही कोई दिक्कत परेशानी थी।’ बात करते-करते जब गुंजा का जिक्र आया तो रामरूप सिंह ने कहा- बेटी और बहनोई के अवैध संबंधों की जानकारी पुलिस से ही हुई गुंजा के पिता ने कहा, ‘काफी मुश्किल से मैंने ये शादी की थी। मेरी हैसियत नहीं थी, फिर भी बेटी खुश रहेगी, ये सोचकर मैंने अपनी जमीन का कुछ हिस्सा बेच दिया और उस पैसे से गुंजा की धूमधाम से शादी की।’ ‘मुझे तो ये भी सोच कर शर्म आ रही है कि मेरे ही अपने बहनोई ने इस काम में मेरी बेटी का साथ दिया है। अगर मेरी बेटी कुछ ऐसा कर रही थी तो उसे अपनी बेटी समझकर जीवन को समझाना चाहिए था। अब तो जो हुआ है, उससे पूरा समाज थू-थू कर रहा है।’ रामरूप ने कहा, ‘जो कुछ हुआ है, उसके लिए मौत की सजा भी कम है। फिर भी मैं पुलिस और कोर्ट से अपील करना चाहता हूं कि जितनी जल्दी हो सके, स्पीडी ट्रायल चलाकर गुंजा को फांसी की सजा देनी चाहिए।’ जीवन को भी पुलिस को पकड़ना चाहिए और उसे भी मौत की सजा दिलानी चाहिए। उन्होंने बताया कि मुझे भी बेटी और बहनोई के अवैध संबंधों की जानकारी पुलिस से ही हुई। मेरे पूरे परिवार के किसी भी सदस्य को इस बारे में भनक तक नहीं थी। जीवन सिंह की उम्र लगभग 65 साल है और करीब 35 साल पहले उसकी शादी मेरी बहन मीना देवी से हुई थी। मिठाई लाने के लिए बाजार भेजा, शूटर्स को फोटो भेजकर टारगेट की जानकारी दी पकड़े गए दोनों शूटर्स प्रियांशु की हत्या से एक दिन पहले ही नबीनगर आ गए थे। उन्होंने घर की रेकी भी की थी। हत्या के 2 दिन पहले गुंजा ने प्रियांशु को मिठाई लाने के बहाने से बाजार भेज दिया था। उसने कहा, ‘मेरे भाई को आना है, तो इसलिए मिठाई लेकर आइए।’ इसके बाद गुंजा ने शूटर्स को अपने पति की फोटो भेजी और बताया कि यही तुम लोगों का टारगेट है। जब शूटर्स ने पहचान कर ली, तो भीड़ होने की वजह से बाजार में वारदात को अंजाम नहीं दे पाए। इससे प्रियांशु की जान बच गई और वो घर लौट आया। उसी दिन रात को प्रियांशु अपने काम से वाराणसी चला गया। कैसे हुई थी हत्या? रिश्तेदारों से मिलकर मंगलवार को रांची वाराणसी इंटरसिटी से लौट रहा था। नवीनगर रोड रेलवे स्टेशन पहुंचने से पहले उसने अपने घर फोन किया और गांव से बाइक मंगवाई थी। गांव के ही सोनू और अंकित उसे लेने गए थे। तीनों एक ही बाइक पर सवार होकर घर लौट रहे थे। बाइक प्रियांशु चला रहा था। जैसे ही नबीनगर रेलवे स्टेशन से लगभग 4 से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिंदुरिया गांव के पास पहुंचे, तभी दूसरी बाइक पर सवार लोगों ने उनकी बाइक रुकवाई। बाइक रोकने के बाद बदमाशों ने पूछा कि देवराज बिगहा गांव किधर है। प्रियांशु ने बताया कि देवराज बिगहा गांव दो किलोमीटर आगे है। इसके बाद बाइक सवार अपराधियों ने पिस्टल निकाला और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। 7 से 8 राउंड फायरिंग की। जिसमें 4 गोली प्रियांशु के सिर में लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। जबकि उसके साथ रहे सोनू और अंकित बाल-बाल बच गए। घटना के बाद सोनू और अंकित ने इसकी जानकारी मृतक के परिजन और अन्य लोगों को दी। ————- ये भी पढ़ें… सोए पति को प्रेमी संग मिलकर तलवार से काटा:दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था; चार दिन पहले ही पंजाब से लौटा था गोपालगंज में एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की तलवार से काटकर हत्या कर दी। अवैध संबंध का विरोध करने पर पत्नी के अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति का गला काटा दिया। वारदात शनिवार रात बरौली थाना क्षेत्र के कटहरीबारी गांव में हुई है। मृतक की पहचान ध्रुप पटेल (35) के रूप में की गई। ध्रुप पंजाब में मजदूरी करता था और चार दिन पहले 21 मई को ही घर लौटा था। पूरी खबर पढ़िए