मायावती की रैली में इतनी भीड़ आई कि कार्यकर्ता उत्साह में भर गए। फिर बहन जी हर 2-3 महीने पर ऐसी रैली क्यों नहीं करतीं? हमारे इस सवाल के जवाब में रैली में आए अशोक कुमार बिंद कहते हैं- बहन जी को अपने समाज की हकीकत पता है। उन्हें पता है कि यहां जो लोग आए हैं, वो अपना पैसा खर्च करके आए हैं। अगर हर 2-3 महीने में रैलियां होने लगीं, तो लोगों का नुकसान होगा। इसलिए बहन जी सोच समझकर ही रैली करती हैं। 9 अक्टूबर को लखनऊ में कांशीराम जयंती पर रिकॉर्ड संख्या में बसपा कार्यकर्ता लखनऊ पहुंचे। इतनी भीड़ देखकर बसपा के नेता उत्साह से भर गए। घोषणा करने लगे कि 2027 में बसपा की सरकार बनेगी और मायावती सीएम बनेंगी। इसके लिए उनके पास बहुत सारे तर्क हैं। दलित-मुस्लिम वोट बैंक का समीकरण है। मायावती के शासनकाल की उपलब्धियां हैं। वहीं भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को लेकर कार्यकर्ताओं में दो फाड़ है। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… पहले लॉटरी बंद की, अब सरकार आएगी तो शराब बंद होगी
लखनऊ में बसपा के 3 लाख से ज्यादा कार्यकर्ता इकट्ठा हुए। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की यह सबसे बड़ी रैली थी। उस चुनाव के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के मन में जो हताशा थी, उसे यहां मौजूद भीड़ ने काफी हद तक कम करने की कोशिश की। अयोध्या के पूर्व बसपा जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश वर्मा कहते हैं- ये बहन जी का जलवा, बहन जी के साथ पूरे प्रदेश के लोग लगे हैं। 2027 में बहन जी को हम सब मिलकर सीएम बनाएंगे। बाराबंकी से आए माता प्रसाद गौतम शुरुआत से ही बसपा से जुड़े हैं। वह कहते हैं- जब भाजपा का अंत होगा, तभी बसपा आएगी। सपा का तो ऑटोमैटिक अंत हो जाएगा। बहन जी ने अपने शासनकाल में गरीबी दूर करने के लिए काम किया। उन्होंने लॉटरी सिस्टम बंद किया था, न जाने कितने गरीब लालच में उसमें बर्बाद हो गए। 2027 में जब बहन जी सीएम बनेंगी तो शराब बंद करेंगी। क्योंकि मजदूर 800-900 रुपए कमा रहा, 300 रुपए ठेके पर दे दे रहा है। घर पर बिना खाए सो जा रहा है, जिसके चलते असमय ही मर जा रहा है। माता प्रसाद कहते हैं- राम नरेश यादव सीएम बने तो नारा लगा कि राम नरेश यादव घर जाओ, भैंस चराओ। बिहार में कर्पूरी ठाकुर के लिए कहा गया, कर्पूरी कर्पुरा पकड़ छूरा। अखिलेश सीएम पद से हटे तो गंगाजल-गोमूत्र से शुद्ध करवाया जा रहा। इटावा में यादव कथावाचकों को गोमूत्र से शुद्ध किया जा रहा। कुल मिलाकर इस देश में जातिवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। जाति-धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है। सपा भाजपा की B- टीम, परिवार के लोग वहां भरे
प्रयागराज की प्रतापपुर विधानसभा से अशोक कुमार बिंद रैली में पहुंचे। वह कहते हैं- बसपा आएगी, तो भाजपा अपने आप खत्म हो जाएगी। लोग बसपा को भाजपा की बी टीम बोलते हैं, जबकि सपा भाजपा की बी टीम है। अखिलेश के बहुत सारे रिश्तेदार भाजपा में हैं। किसी भी फंक्शन में देख लीजिए, मायावती जी कहीं नहीं जातीं। लेकिन, बाकी पार्टी के लोग तुरंत पहुंच जाते हैं। बसपा की कम रैलियों को लेकर अशोक कहते हैं- बहन जी को पता है कि हमारा समाज कहां है? उसकी आर्थिक स्थिति क्या है? अगर वह बार-बार रैली करेंगी, तो इसका भार पड़ेगा। हमारा समाज पीछे छूट जाएगा। बहन जी यह नहीं चाहतीं। वह चाहती हैं कि लोग शिक्षा ले सकें। बाकी आज तो कांशीराम साहब को फूल समर्पित करने के लिए बुलाया था। सोचिए जब श्रद्धांजलि में इतनी भीड़ है, तो अगर चुनावी सभा का आह्वान कर देंगी तब क्या होगा? अशोक के बगल खड़े अकबर अली कहते हैं- जब बसपा का शासन था तो उनका कानून पसंद आया था। पार्टी अच्छी लगी और बहन जी के लोग भी अच्छे लगे। इसलिए हम इसके समर्थक बन गए। आज 25 साल हो गए। हर मीटिंग अटेंड करते हैं। हमें उम्मीद है कि हम आगे सारे लोगों को जोड़ेंगे और 2027 में सरकार बनाएंगे। चंद्रशेखर को RSS एजेंट बताया
मायावती की जन्मस्थली गौतमबुद्धनगर से अनिल संविधान की कॉपी लेकर रैली में पहुंचे थे। हमने संविधान लेकर चलने की वजह पूछी। अनिल कहते हैं- हमें हर किसी को संविधान पढ़ाना है और इसे बचाना है। संविधान के नाम पर विपक्ष भी वोट मांग रहा, लेकिन वह घूम-घूमकर झूठ बोल रहा। जहां तक बात चंद्रशेखर की है तो वह भी अपना भाई है, अपना नेता है। लेकिन, मायावती जी बाबा साहब की विचारधारा को पहले से आए बढ़ाने का काम कर रही हैं। इसलिए चंद्रशेखर को भी मायावती के साथ आ जाना चाहिए। हमने कहा लेकिन बहन जी ले कहां रही हैं? अनिल कहते हैं- अगर ऐसा नहीं है, तो फिर हम कुछ नहीं बोल पाएंगे। चंद्रशेखर को लेकर ही झांसी से आए वकील रिंकू कहते हैं- बसपा भले कमजोर हुई, लेकिन कोई भी कार्यकर्ता चंद्रशेखर की तरफ नहीं गया। बाकी आज की भीड़ देख लीजिए, न कभी बसपा खत्म हुई थी और न ही कभी खत्म होगी। हमारा वोटर भटक गया था। क्योंकि कुछ मनुवादी लोग संविधान लेकर घूम रहे थे कि संविधान की रक्षा करेंगे। लेकिन, अब संविधान की रक्षा नहीं कर रहे। हमारा वोटर समझता है कि संविधान सिर्फ बसपा बचा सकती है। अंबेडकरनगर से आए प्रभाकर वर्मा कहते हैं- जब भी बहन जी और काशीराम साहब ने चाहा, तब सरकार बनाई। आज बहन जी ने फिर से अपनी ताकत दिखा दी। 2007 में जिस तरह से भाईचारा बनाकर हमने सरकार बनाई थी, ठीक उसी तरह 2027 में भी हम मिलकर सरकार बनाएंगे। दलित-मुस्लिम मिलकर मायावती को सीएम बनाएंगे
बरेली से अनुज कुमार हाथों में एक दफ्ती लेकर आए। उसमें नारा लिखा है- दलित-मुसलमान करो विचार, कब तक सहोगे अत्याचार। इस पोस्टर पर लिखी लाइन का मतलब पूछने पर अनुज ने कहा- हम 2027 में सरकार बना रहे हैं। 2029 में देश की सत्ता पर भी काबिज होंगे। 24 फीसदी दलित, 20 फीसदी मुस्लिम मिलकर जब हम इकट्ठा हो जाएंगे, पिछड़े और अपर कास्ट के कुछ लोग साथ आ जाएंगे, फिर हमारी सरकार बनेगी। हम किसी भी कीमत पर बहन जी को सत्ता तक पहुंचाकर रहेंगे। EVM हटे, तो हमारी ही सरकार बनेगी
बहुत सारी महिलाएं भी इस रैली में आई थीं। बस्ती जिले की विमला कहती हैं- हम लोग तो हर बार वोट देते हैं। जब तक जिंदा रहेंगे, वोट देते रहेंगे। विमला की ही तरह चंपा भी कहती हैं- मायावती के बारे में हम बहुत सोचते हैं। चाहते हैं कि एक बार जीत जाएं, लेकिन जीत ही नहीं रही हैं। ऐसा लगता है कि हम लोग वोट देते हैं, हमारे ही कुछ लोग वोट नहीं देते। बसपा में पिछले 10 साल से जुड़ी मधुबाला कहती हैं- भाजपा विपक्ष में है, इसलिए हम लोग हार जाते हैं। अभी बैलेट पेपर से चुनाव होने लगे, तो हम जीत जाएंगे। बहन जी की पार्टी में सबको सम्मान मिलता है। लेकिन भाजपा में किसी को कोई सम्मान नहीं मिलता। हम लोग बहन जी को लाना चाहते हैं। ————————— ये खबर भी पढ़ें… आजम बोले- अखिलेश मुलायम से 2% ज्यादा सभ्य, 10 साल जेल में और बंद कर दीजिए, फिर मुर्दे से बात करिएगा.. ‘मैंने रामपुर की पहचान कलम से करना चाही, उसकी सजा इतनी तो नहीं मिलनी चाहिए, जितनी मिल रही है। मैं चोर हूं। मुझ चोर पर डकैती की धाराएं लगा दी गईं।’ जेल से छूटने के 15 दिन बाद अखिलेश और आजम की यह पहली मुलाकात थी। मुलाकात के बाद अखिलेश आजम के घर से बाहर आए, तो उन्होंने मीडिया से बात की। मगर, आजम खामोश रहे। ये खबर भी पढ़ें… .