बिजली अफसरों से मंत्री बोले- विधायक हमको गाली दे रहे:आपने हमें बदनाम करने की सुपारी ली है; मीटिंग में जमकर लगाई फटकार

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को बिजली विभाग के अफसरों को खूब हड़काया। उन्होंने अधिकारियों को यहां तक कहा कि आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो। बकवास बंद करिए। मैं यहां बकवास सुनने नहीं आया हूं। मुझे विधायक और जनप्रतिनिधि गाली दे रहे हैं। सरकार को गाली दे रहे हैं। उन्होंने शक्ति भवन में UPPCL चेयरमैन आशीष गोयल और प्रदेश के एक्सईएन की मीटिंग रखी। मंत्री ने पहले करीब 10 मिनट तक चेयरमैन और अधिकारियों को सुना। इसके बाद मंत्री ने अफसरों को खूब फटकारा। मंत्री ने कहा, AC ऑफिस में बैठकर रिपोर्ट तैयार कर देना बहुत आसान होता है। ये रिपोर्ट सुनने का कोई मतलब नहीं है। मैं आज बहुत ही नाराज, बहुत ही दुखी होकर यहां आया हूं। और आशीष आपको भी कह रहा हूं। हम एक पब्लिक यूटिलिटी सर्विस चला रहे हैं। कोई बनिया की दुकान नहीं चला रहे। मानसून सत्र के दौरान दिल्ली में बुधवार को अखिलेश यादव ने ऊर्जा मंत्री पर तंज कसा था। उन्होंने कहा, आप देखिए उत्तर प्रदेश में बिजली मंत्री का क्या हाल है। जहां जा रहे हैं, वहीं बिजली चली जा रही है। मंत्री की 7 बातें पढ़िए… जिलों के दौरे पर लौटे: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा पिछले कई दिनों से बिजली व्यवस्था की जमीनी हकीकत जानने के लिए जिलों के दौरे पर थे। मंत्री को फील्ड में तमाम खामियां मिलीं। 20 जुलाई को मुरादाबाद में उनके कार्यक्रम में लाइट कट गई थी। आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो: ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा, आप लोग अपनी बकवास बंद करिए। मैं आपकी बकवास सुनने नहीं बैठा हूं। नीचे जमीनी हकीकत एकदम अलग है। जनता को फेस करिए तब मालूम पड़ेगा। मैं कई जिलों का दौड़ा करके कल ही लौटा हूं। आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो। जनता पर क्या बीत रही है और लोग विभाग के बारे में क्या सोच रहे हैं, यह आपको मालूम ही नहीं है। यह कोई बनिया की दुकान नहीं: अफसरों से कहा कि आपका काम पुलिस से भी खराब है। जो झूठी रिपोर्ट नीचे से आती है, वही आप लोग ऊपर तक बताते हो। बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं है कि खाली बिल के पैसे वसूलने के लिए काम करें। यह एक जनसेवा है। हमें उस हिसाब से बर्ताव करना पड़ेगा। जला ट्रांसफॉर्मर नहीं बदलना कहां का न्याय: पूरा फीडर या गांव की लाइन काटने पर फटकारते हुए बोले कि उन उपभोक्ताओं की क्या गलती है जो समय से बिल भर रहे हैं। उनका जला हुआ ट्रांसफॉर्मर नहीं बदलना या उच्चीकरण नहीं करना कौन सा न्याय है? गलत जगह छापे मारे जा रहे: मंत्री ने कहा, लगता है बिजली विभाग ने हमें बदनाम करने की सुपारी ले ली है। कंप्यूटर के जमाने में एक सामान्य आदमी का 72 करोड़ रुपए का बिल आता है और फिर उसे ठीक करने के लिए पैसा लेते हो तुम लोग। गलत जगह विजिलेंस के छापे डाले जा रहे हैं। जहां बड़ी चोरी हो रही है वहां नहीं जाते। एफआईआर करने के नाम पर पैसा वसूली हो रही है। मनमानी का अधिकार किसने दिया: उन्होंने कहा कि आज की ये सब बातें लिखी जाएं। मौखिक बोल-बोलकर मैं थक गया हूं। आप लोग मीटिंग में हमारी बात सुनने के बाद कहीं और से संचालित होकर उल्टा ही करते हो। अब ये सब नहीं चलेगा। मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूं। विधानसभा में जवाब देता हूं। आपको किसने अधिकार दिया मनमानी करने का। पूरा प्रदेश भुगत रहा: आप लोगों के गलत और असामयिक निर्णयों का खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है। मेरे बार-बार कहने के बावजूद आप लोग सतर्क नहीं हो रहे हो। जैसे संविदा कर्मियों को निकालने का विषय, फोन उठाने का विषय और विद्युत दुर्घटनाओं का विषय। लेकिन सुधर नहीं रहे हैं। 2 घटनाक्रम से समझिए मंत्री की बेबसी 22 जुलाई: कर्मचारियों के सामने हाथ जोड़कर घर से बाहर निकले मंत्री
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के खिलाफ बीते सोमवार को बिजलीकर्मियों ने प्रदर्शन किया। वे मुरादाबाद में चीफ समेत 5 इंजीनियर सस्पेंड किए जाने से नाराज थे। बिजली के निजीकरण के साथ इस मुद्दे के विरोध में बिजलीकर्मी शर्मा के आवास पर पहुंच गए। वहां जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। वे लोग ऊर्जा मंत्री से मिलने की मांग पर अड़े थे। लेकिन मंत्री किसी भी हालत में मिलने को तैयार नहीं हुए। इस पर कर्मचारी ‘इस्तीफा दो-इस्तीफा दो’ के नारे लगाने लगे। करीब ढाई घंटे तक मंत्री अपने घर में कैद रहे और बाहर प्रदर्शन चलता रहा। इसके बाद पुलिस ने उन्हें सुरक्षा घेरा बनाकर बाहर निकाला। इस दौरान एके शर्मा हाथ जोड़कर घर से बाहर निकले और अपनी गाड़ी में बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बिजली विभाग किसी के बाप का नहीं है। यह प्रदर्शन विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में किया गया। 20 जुलाई: मुरादाबाद में ऊर्जा मंत्री के कार्यक्रम में कटी थी लाइट
मुरादाबाद में रविवार को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के कार्यक्रम में 10 मिनट के लिए लाइट कट गई थी। इससे मंत्री का पारा चढ़ गया। हुआ यूं कि नगर निगम ने कंपनी बाग में 5D मोशन थिएटर बनवाया था। मंत्री एके शर्मा इसका इनॉगरेशन करने पहुंचे थे। उन्होंने जैसे फीता काटने के लिए कैंची उठाई, अचानक लाइट कट गई। एकाएक चारों तरफ अंधेरा छा गया। मंत्री हाथ में कैंची पकड़े खड़े रहे थे। इसी दौरान कुछ नेताओं ने यूपी की बिजली व्यवस्था पर कमेंट कर दिया। इस पर मंत्री नाराज हो गए। उन्होंने कार्यक्रम स्थल में ही पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (PVVNL) की MD ईशा दुहन को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद MD ने चीफ इंजीनियर एके सिंघल, अधीक्षण अभियंता सुनील अग्रवाल, अधिशासी अभियंता प्रिंस गौतम, SDO राणाप्रताप और JE ललित कुमार को सस्पेंड कर दिया था। —————— यह खबर भी पढ़िए:- गोरखपुर में 600 ट्रेनी महिला सिपाही रोते-चिल्लाते बाहर आईं:एक बोली- बाथरूम में कैमरे लगे, 3 अफसर सस्पेंड; DGP भड़के, अफसरों को फटकारा गोरखपुर में ट्रेनी महिला सिपाहियों ने बुधवार सुबह 8 बजे हंगामा कर दिया। 600 महिला सिपाही रोती-चिल्लाती ट्रेनिंग सेंटर से बाहर आ गईं। उन्होंने ट्रेनिंग सेंटर की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। एक महिला सिपाही ने कहा- ट्रेनिंग सेंटर के बाथरूम में कैमरे लगे हैं। हमारे वीडियो बन गए हैं। क्या उनको वापस किया जाएगा? अब क्या होगा? कल कुछ अफसर आए थे, वो खरी-खोटी सुनाकर चले गए। पढ़ें पूरी खबर…

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