बिना पैसे गाना गाने वाले पवन सिंह की कहानी:बड़े भाई की साली से पहला प्यार, मां के कहने पर दूसरी शादी;अब बच्चे के लिए तरस रहे

‘मैं अपने आप पर आ जाऊंगा, एक मिनट में सब… नहीं बोलता हूं, आदमी चुप रहता है। तुम पांच घंटे चिल्लाओगे न और 30 सेकेंड चुप रहकर भी पवन सिंह टीवी पर दिखेगा न तो टीआरपी 30 सेकेंड की ही ज्यादा आएगी।’ ये डायलॉग भोजपुरी सिंगर और एक्टर पवन सिंह का है। जो उन्होंने सितंबर के पहले हफ्ते में रियलिटी शो ‘राइज एंड फॉल’ में कहा था। पवन सिंह इन दिनों बिहार विधानसभा चुनाव में भी खूब टीआरपी बटोर रहे हैं। पवन सिंह जब उपेंद्र कुशवाहा, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मिले, तो चर्चा तेज हुई कि वो आरा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। वो राजनीतिक टीआरपी बटोर ही रहे थे कि अचानक उनकी फैमिली कन्ट्रोवर्सी शुरू हो गई। पत्नी ज्योति सिंह उनके लखनऊ वाले फ्लैट में पहुंच गईं। फिर पॉलिटिकल करियर से लेकर निजी जिंदगी पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। अब पवन सिंह ने चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी है। पवन सिंह पावर स्टार कैसे बने..? आरा के छोटे से गांव से निकलकर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री पर राज करना कैसे शुरू किया? उनकी लाइफ में कब–कब कौन–कौन सी कन्ट्रोवर्सी आई? राजनीति की सीढ़ी चढ़ने से पहले किसने रोक दिया? चार चैप्टर में पढ़ें उनकी पूरी कहानी…। भोजपुर के जोकहरी गांव में 5 जनवरी 1986 को रामाशंकर सिंह और प्रतिमा सिंह के घर दो बेटों और एक बेटी के बाद चौथे बच्चे का जन्म हुआ। बच्चे का नाम पवन सिंह रखा गया। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे होने की वजह से काफी लार-प्यार से उनका पालन पोषण किया गया। पवन सिंह के पिता रामाशंकर सिंह सेंट्रल गवर्नमेंट के मालवाहक जहाज के कप्तान थे। काम के सिलसिले में वे कोलकाता में ही रहते थे। पवन सिंह की मां प्रतिमा सिंह कभी आरा के पकड़ी वाले मकान तो कभी लखनऊ वाले मकान में रहती हैं। पवन सिंह के दो बड़े भाई रानू और गुड्डू सिंह हैं, जो आरा में रहते हैं। गुड्डू आरा के परशुराम स्कूल में टीचर हैं, जबकि पवन सिंह के सबसे बड़े भाई रानू सिंह प्रॉपर्टी डिलिंग का काम करते हैं। तीनों भाइयों की एक बहन माला सिंह हैं, जिनकी शादी बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र के कुरैनी गांव में हुई है। पवन सिंह की 5वीं तक की पढ़ाई जोकहरी गांव के प्राइमरी (अब मिडिल स्कूल) से हुई है। 5वीं की पढ़ाई के बाद पवन सिंह ने आगे की पढ़ाई आदर्श जनता प्राथमिक सह माध्यमिक उच्च संस्कृत स्कूल चकिया से की। उन्होंने बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड से 10वीं की परीक्षा साल 2004 में पास की। पवन सिंह के चाचा अशोक सिंह दैनिक भास्कर से बातचीत में बताते हैं, ‘पवन को बचपन से ही गाना गाने का शौक था। चूंकि मेरे बड़े भाई और पवन सिंह के पापा कोलकाता में रहते थे, इसलिए पवन सिंह बचपन में कोलकाता गए थे। पवन 5 साल के थे, तब उन्होंने पहली बार हारमोनियम पकड़ा और गाना गाने लगे, तब मेरे बड़े भाई अजित सिंह ने पवन को गाते सुना। अजीत भइया को पवन की गायकी पसंद आई। जब पवन सिंह वापस गांव लौटे तो अजीत भइया उन्हें साइकिल पर बैठाकर रियाज कराने ले जाते थे।’ उन्होंने कहा, ‘जब दिक्कत आने लगी तो पवन सिंह के भविष्य को देखते हुए भइया ने आरा में किराए का कमरा लिया और वहीं रहने लगे और पवन को प्रैक्टिस कराने लगे। धीरे-धीरे पवन सिंह ने अपनी गायकी, अदाकारी और अब राजनीति में पहुंच मजबूत कर ली है।’ अशोक सिंह ने कहा कि, पवन सिंह शुरुआत से ही भाजपा में थे। लोकसभा चुनाव में भाजपा से उनकी बात हुई, उन्हें आसनसोल से टिकट भी मिला। बाद में पवन सिंह ने किस कारण से भाजपा के टिकट पर आसनसोल से चुनाव लड़ने से इनकार किया, ये तो वही बता सकते हैं। विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के बाद जेपी नड्डा और अमित शाह से मुलाकात की थी। हालांकि, अब एक बार फिर से उन्होंने जानकारी दी है कि वे बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, ये फैसला उन्होंने क्यों लिया, ये तो वहीं जानते हैं। झारखंड के डाल्टेनगंज में किया पहला स्टेज शो एक इंटरव्यू में पवन सिंह ने बताया, ‘चाचा ट्रेनिंग देकर मुझसे शादियों और मंदिरों में सिंगिंग कराते थे। पहली बार झारखंड के डाल्टेनगंज में एक स्टेज शो में गाने का मौका मिला। दरअसल, डाल्टेनगंज में तत्कालीन एसपी का ट्रांसफर हुआ था और नए एसपी को कामकाज संभालना था। इसी को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें मुझे बुलाया गया था।’ पवन सिंह बताते हैं, ‘उस वक्त मेरी उम्र करीब 11 साल होगी। चूंकि, कार्यक्रम में बड़े-बड़े और उस वक्त के फेमस भोजपुरी सिंगर आए थे, लिहाजा मुझे बताया गया था कि आपको सिर्फ एक गाना ही गाना है। मैं खुशी-खुशी चला गया था। देर रात मुझे स्टेज पर बुलाया गया और जब मैंने माइक संभाला, वहां मौजूद लोगों ने कहा कि अब जब तक प्रोग्राम खत्म नहीं हो जाता, यही लड़का गाना गाएगा। प्रोग्राम खत्म होने के बाद मैं चाचा के साथ घर आ गया। आगे और भी कार्यक्रम थे, जिनमें हम लोग जाने लगे। करीब दो से तीन महीने बाद पवन सिंह और उनके चाचा को पता चला कि कोई हम लोगों से कोई मिलने आया है। जब मैं चाचा के साथ बाहर आया तो कुछ लोग खड़े थे। उन्होंने कहा कि हम लोगों को पवन सिंह के साथ काम करना है, स्टेज शो में गाना गाने के लिए ले जाना है।’ पवन सिंह के मुताबिक, ‘उनलोगों ने बताया कि पवन सिंह का एक एल्बम आया है, जिसके गाने खूब चर्चित हैं। जब मुझे और चाचा को ये बात पता चली, तो हम लोग हैरान हो गए। हम लोगों ने तो कोई गाना रिकार्ड नहीं किया था, तो एल्बम की बात ही समझ नहीं आई।’ ‘घर आए लोगों ने ही बताया कि डाल्टेनगंज में हुए प्रोग्राम में जिस गाने को मैंने गाया था, उसे किसी ने रिकार्ड कर लिया था और मास्टर कॉपी बनाकर करीब 4000 कैसेट बेच चुका था और इस बारे में मुझे और मेरे चाचा को कुछ नहीं पता था। इस एल्बम का नाम ‘ओढ़निया वाली’ था, जिसके लिए मुझे एक रुपए भी नहीं मिला था।’ लालीपॉप लागेलू एल्बम से हुए फेमस बात साल 2008 की है। जब पवन सिंह ने 22 साल की उम्र में ‘लालीपॉप लागेलू’ एल्बम में गाया, तो उनके इस एल्बम ने उन्हें न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरे देश और विदेश में भी चर्चित शुरू हो गई। आज भी शादियों, बर्थडे पार्टी, कॉलेज फंक्शन समेत अन्य प्रोग्राम में ये गाना बजता है। एक इंटरव्यू में जब पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा और एक अलग प्रोग्राम में यो यो हनी सिंह से जब इस गाने के बारे में पूछा गया तो दोनों ने कहा कि पवन सिंह अपना भाई है। पवन सिंह के इस गाने ने जितनी प्रसिद्धि दिलाई, उतनी किसी गाने से नहीं आई। यही वो वक्त था, जब पवन सिंह को उनके फैंस ने पावर स्टार का नाम दिया। दरअसल, एक ओर उनकी प्रतिज्ञा मूवी में एक्शन सीन और फिर उसी साल ‘लालीपॉप लागेलू’ एल्बम ने पवन सिंह को अलग पहचान दे दी। पवन सिंह कहते हैं, ‘जब एल्बम के टाइटल ट्रैक ‘लालीपॉप लागेलू’ ने मुझे रातोंरात स्टार बना दिया, तो फैंस ने मुझे ‘पावर स्टार’ कहना शुरू कर दिया। खासकर आरा में जब कोई प्रोग्राम होता था, तो फैंस मेरे परफॉर्मेंस के दौरान पावर स्टार कहकर चिल्लाने लगते थे।’ पवन सिंह ने भाई की साली से की पहली शादी पवन सिंह के परिवार से जुड़े एक शख्स ने काफी रिक्वेस्ट के बाद बताया, ‘पवन सिंह के बड़े भाई रानू सिंह की शादी 2012 में पूनम सिंह से हुई। जब रानू सिंह की पत्नी यानी पवन सिंह की भाभी घर आईं, तो उनके साथ प्रिया कुमारी यानी नीलम सिंह भी आईं। नीलम सिंह के आने के बाद उनकी बातचीत पवन सिंह से होने लगी। करीब दो तीन महीने की बातचीत के बाद पवन सिंह और नीलम सिंह ने एक दूसरे से प्यार का इजहार किया और दोनों का अफेयर शुरू हो गया। साल 2014 की मई-जून तक नीलम और पवन सिंह के घर में अफेयर की जानकारी हो गई। शुरुआत में नीलम सिंह के परिवार ने इस रिश्ते से साफ इनकार कर दिया और कहा कि एक घर में दो बेटियां नहीं जा सकतीं। चूंकि पवन सिंह स्टार बन गए थे, कमाई अच्छी थी। लिहाजा, नीलम सिंह ने अपने परिवार पर दबाव डाला और कहा कि मैं शादी सिर्फ पवन से ही करूंगी।’ नीलम की जिद के आगे उनके परिवार को झुकना पड़ा और 1 दिसंबर 2014 को पवन और नीलम की शादी हिंदू रीति-रिवाजों से पटना में हुई। शादी में भोजपुरी इंडस्ट्री के कुछ सितारे जैसे मनोज तिवारी शामिल हुए थे। पवन सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था, नीलम मेरे लिए ‘देवी’ जैसी थीं। हालांकि, शादी के मात्र 3 महीने बाद ही 8 मार्च 2015 को नीलम सिंह ने मुंबई के अंधेरी स्थित एवरशाइन कॉम्प्लेक्स फ्लैट में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना रात 1 से 3 बजे के बीच हुई, जब पवन काम के सिलसिले में बाहर थे। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला, लेकिन पुलिस जांच में सामने आया कि नीलम पवन की व्यस्तता और देर रात घर आने से परेशान थीं। अम्बोली पुलिस स्टेशन ने एक्सीडेंटल डेथ का केस दर्ज किया और पोस्टमॉर्टम के बाद नीलम की लाश को पटना भेज दिया था। पवन सिंह ने 2024 में दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘जिसे मेरे फैंस भाभी कहते थे, वो मेरी जिंदगी की देवी थी। मैंने उस देवी को खो दिया और वैसी दूसरी नहीं मिल सकती। यह मेरी किस्मत पर लिखा था।’ ज्योति सिंह से तलाक का मामला कोर्ट में पेंडिंग नीलम की मौत के ठीक 3 साल बाद 5 मार्च 2018 को पवन ने उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली ज्योति सिंह से पहले कोर्ट मैरिज की और अगले दिन 6 मार्च को हिंदू रीति से सात फेरे लिए। शुरुआत में सब कुछ ठीक चला, लेकिन दोनों की दांपत्य जीवन के बीच अक्षरा सिंह आ गई। इसके बाद पारिवारिक विवाद बढ़ता चला गया। बीच में एक मौका साल 2024 में आया, जब काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने से पहले पवन सिंह ने कैमरे के सामने ज्योति सिंह की मांग में सिंदूर भरा और चुनाव में उन्हें साथ लेकर घूमे। हालांकि, चुनाव खत्म होने के बाद फिर से दोनों अलग हो गए। इससे पहले ज्योति और पवन सिंह की शादी के तीन साल बाद यानी 2021 में फैमिली कोर्ट में तलाक का केस फाइल हुआ। फिलहाल, केस आरा कोर्ट में पेंडिंग हैं। ज्योति के वकील विष्णुधर पांडेय ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि, लोकसभा चुनाव के समय पवन सिंह झूठ बोलकर, अपने साथ रखने का झांसा देकर ज्योति सिंह को अपने साथ लेकर गए थे, उनकी मांग में दिखावे के लिए सिंदूर भी डाला था। पवन सिंह दरअसल तलाक के केस को खत्म करना चाहते थे। आरा सिविल कोर्ट के फैमिली कोर्ट में पवन सिंह की ओर से सभी गवाहों की गवाही हो चुकी है। ज्योति सिंह की तरफ से उनके पिता राम बाबू सिंह और रिश्ते में लग रहे भाई अंचल की गवाही भी हो गई है। फिलहाल, ज्योति की तरफ से आगे की तारीख ली गई है। तलाक मामले में बिहार विधानसभा चुनाव के बाद यानी 20 नवंबर को ज्योति सिंह की गवाही होने वाली है। इस केस में ज्योति सिंह की ओर से पहले 5 करोड़ रुपए गुजारा भत्ता के रूप में मांगा गया। इसके बाद ये रकम घटकर तीन करोड़ हुई, फिर ज्योति सिंह की ओर से डेढ़ करोड़ रुपए और पुणे में एक फ्लैट की मांग की गई। अक्टूबर 2021 में ज्योति ने तलाक की याचिका दायर की, आरोप लगाते हुए कि पवन ने घरेलू हिंसा की, मारपीट की और जबरन दो गर्भपात करवाए। अप्रैल 2022 में पवन ने भी काउंटर याचिका दायर की। ज्योति ने कहा कि शादी के 20 दिनों में ही अफेयर की बातें सामने आईं। उन्होंने दावा किया कि अक्षरा सिंह पवन से 3 महीने की प्रेग्नेंट थीं और रिकॉर्डिंग उनके पास है। ज्योति सिंह ने पवन पर लगाए गंभीर आरोप ज्योति सिंह ने पवन सिंह पर आरोप लगाते हुए पहली बार 2023 में और फिर हाल में कहा कि पवन ने मुझे दो बार गर्भपात की दवाएं दीं। वे बच्चा चाहते थे, लेकिन दवा क्यों दी? ज्योति सिंह ने मुंबई के बेलव्यू मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती होने का जिक्र किया, जहां पवन के भाई और टीम ने उन्हें पहुंचाया था। ज्योति ने कहा, ‘पवन मुझे नींद की गोलियां देते थे’। उन्होंने दावा किया कि पवन ने उन्हें घर से निकाला और अन्य महिलाओं के साथ होटल जाते थे। उन्होंने अक्षरा के अलावा, अंजली राघव समेत अन्य लड़कियों से पवन सिंह के अफेयर के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने वोट के लिए मेरा यूज भी किया। ज्योति सिंह अक्टूबर के शुरुआती हफ्ते में जब पवन सिंह से मिलने उनके लखनऊ वाले फ्लैट पर पहुंची तो दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे मुलाकात हुई, इसके बाद दोनों ने एक दूसरे पर खुलकर आरोपों की बौछार कर दी। हालांकि, ज्योति सिंह की ओर से लगाए गए आरोपों पर पवन सिंह ने कहा, ‘ये राजनीतिक साजिश है, ज्योति विधायक बनना चाहती हैं। केवल मैं, वह और भगवान जानते हैं सच्चाई क्या है।’ उन्होंने ये भी कहा, ‘मैं ज्योति सिंह से ससम्मान मिला, लेकिन वह चुनाव लड़वाने पर अड़ी रहीं। पुरुष का दर्द कोई नहीं देखता।’ लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे पवन सिंह साल 2014 में ही पवन सिंह को भाजपा ने चुनाव लड़ने और पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया था। चूंकि उस वक्त पवन सिंह पारिवारिक मामलों में उलझे थे, इसलिए उन्होंने पार्टी ज्वाइन करने और चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। 4 सितंबर 2017 को पवन सिंह ने दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा। दिल्ली में भाजपा के ऑफिस में बिहार के पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, भाजपा के सीनियर नेता अरुण सिंह और भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा जॉइन करने के बाद पवन सिंह ने कहा, ‘मैं मोदी जी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। उनकी वजह से राजनीति में आया हूं। मैं राजनीति में MP या MLA बनने नहीं आया हूं। मैं पिछले कई सालों से गाना गा रहा हूं और ऐक्टिंग कर रहा हूं। राजनीति में अभी तो मैं नया सिपाही हूं, ज्यादा जानकारी नहीं है।’ भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन और मनोज तिवारी के बाद पवन सिंह तीसरे ऐसे एक्टर थे, जिन्होंने भाजपा जॉइन की थी। आसनसोल से नहीं लड़े लोकसभा चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें पार्टी के पूर्व कद्दावर नेता और टीएमसी के वर्तमान सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के सामने पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया। हालांकि, टिकट मिलने पर पवन सिंह ने खुशी जताई, लेकिन दो दिन के अंदर ही टिकट वापस भी कर दिया। उन्होंने आसनसोल से चुनाव लड़ने से क्यों इनकार किया, इस बारे में उन्होंने आज तक बात नहीं की है। हालांकि, बिहार प्रेम दिखाते हुए उन्होंने लोकसभा चुनाव में बिहार की काराकाट लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनावी मैदान में कूद गए। जब नतीजे आए तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा। निर्दलीय चुनाव लड़ने पर 22 मई 2024 को भाजपा ने पवन सिंह को पार्टी से बाहर कर दिया। उस वक्त वे प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य थे। इसी साल अगस्त में पवन सिंह ने आरा के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के साथ एक तस्वीर पोस्ट की और लिखा- एक नई सोच के साथ एक नई मुलाकात। दोनों की मुलाकात के बाद कई बार आरके सिंह ने पवन सिंह का नाम लिया और कहा कि लोकसभा चुनाव में उनके साथ नाइंसाफी हुई थी। उन्होंने पवन सिंह को सलाह भी दी कि उन्हें भाजपा जॉइन कर लेना चाहिए। बीजेपी में शामिल होने के बाद मिली Y+ की सुरक्षा 30 सितंबर को पवन सिंह ने दिल्ली में उपेंद्र कुशवाहा से मिलने के बाद भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उसके बाद पवन सिंह के बिहार में किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा थी। हालांकि, पवन सिंह ने साफ कर दिया है कि वे विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इससे पहले जब उन्होंने अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, तब उन्होंने कहा था कि मैं कभी भाजपा से दूर नहीं गया था, बस परिस्थितियां अलग थीं। भाजपा में शामिल होने के बाद पवन सिंह को केन्द्र सरकार ने Y+ की सुरक्षा दे दी। अब पवन सिंह 11 सिक्यूरिटी गार्ड्स के साथ चलते हैं। दरअसल, लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान हरियाणवी एक्ट्रेस अंजलि राघव की कमर छूने के बाद भी पवन सिंह को धमकियां मिल रही थीं। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोग उन्हें धमका रहे थे। हालांकि इसे लेकर पवन सिंह ने माफी भी मांग ली थी। एक्ट्रेस अंजलि राघव ने भी पवन सिंह को माफ कर दिया था। बता दें कि सितंबर महीने में ही पवन सिंह को धमकी मिली थी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। बाबा खान के गुंडों ने पवन सिंह को धमकी दी थी। वीडियो जारी कर उन्होंने कहा था- दम है तो बाबा खान के सामने आकर कुछ बोलकर दिखाओ। इसी खतरे को देखते हुए पवन सिंह को अब वाई प्लस सिक्योरिटी दी गई है।

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