बिस्तर गीला करने पर छात्राओं को टॉयलेट के बाहर सुलाया:प्रयागराज में 6 छात्राओं को मिली सजा, खाने में कच्चे चावल दिए; अब स्कूल छोड़ा

‘एक दिन मैं बिस्तर पर लेटने गई तो रसोइया ने मना कर दिया। उसने हम 6 छात्राओं को कमरे से बाहर निकाल दिया। फिर टॉयलेट के पास ले गई। बोली- आज से तुम लोग यहीं जमीन पर सोओगे। बिस्तर नहीं दिया जाएगा। हमने कारण पूछा तो बोली- तुम लोगों ने बिस्तर पर टॉयलेट की है। ये इसकी सजा है। बदबू और मच्छरों के कारण हम लोग रात भर सोए नहीं। अगले दिन हम लोगों ने वार्डन से शिकायत की तो हम लोगों को पीटा गया।’ ये कहना है प्रयागराज के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा आकांक्षा का। उसने कहा- बिस्तर पर कोई जानबूझकर तो टॉयलेट करेगा नहीं। पता नहीं किसने किया। मगर हम बच्चों को ऐसी सजा नहीं देनी चाहिए। खाने में कच्चे चावल दिए गए। अब मारपीट से डरी सभी छात्राओं ने स्कूल जाने से इनकार कर दिया है। उनके परिजनों का कहना है कि हमने वार्डन से मामले की शिकायत की। मगर कोई एक्शन नहीं लिया गया। विस्तार से पढ़िए पूरा मामला बिस्तर पर टॉयलेट मिलने पर बाहर सुला दिया
मऊआइमा के जमखुरी गांव में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय है। इसमें क्लास आठवीं तक की पढ़ाई होती है। इस स्कूल में आसपास के गांव की 100 से अधिक छात्राएं पढ़ती हैं। यहां एक वार्डन, 2 महिला टीचर और एक रसोइया की तैनाती है। सुरक्षा के लिए एक होमगार्ड भी है। 25 सितंबर की सुबह रसोइया और टीचर को क्लास 6th की छात्राओं के बिस्तर गंदे मिले। बिस्तर पर किसी ने टॉयलेट कर दिया था। टीचर ने इसकी जानकारी वार्डन वर्तिका सिंह का दी। वार्डन ने उस कमरे में सोने वाली सभी छात्राओं को कमरे के बाहर टॉयलेट के पास बरामदे में सोने का निर्देश दे दिया। 26 सितंबर को सुधा, संध्या, आकांक्षा, रिया व रीता एवं सरिता को रसोइया लेकर बरामदे लेकर पहुंची। बोलीं- आज से तुम सब यहीं सोओगे। तुम लोगों को बिस्तर भी नहीं दिया जाएगा। ऐसा वार्डन ने कहा है। छात्राओं ने जब वार्डन से शिकायत की तो उन्हें डांट पड़ी और पिटाई भी हुई। छात्राएं 6 दिन तक बाहर बरामदे में सोईं। अब पढ़िए कैसे खुला मामला छात्राएं घर पहुंची तो रो पड़ीं, बोलीं- मुझे स्कूल में नहीं पढ़ना
2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर विद्यालय की छुट्‌टी थी। सभी छात्राएं घर पहुंचीं। उन्होंने अपने घरवालों को इस टॉर्चर के बारे में बताया। आंकाक्षा की दादी जादूगहीवा ने बताया- बच्ची स्कूल से आई तो उसके शरीर पर मच्छरों के काटने के निशान थे। हमने पूछा तो वह रोने लगी। उसने बताया- उसे कमरे के बाहर खुले में बिना बिस्तर के सुलाया जा रहा है। उन्होंने कहा- बच्चियों के साथ अगर कोई घटना हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। हमने बच्चियों को पढ़ने के लिए भेजा था। मगर वहां तो उन्हें टॉर्चर किया जा रहा है। अब बेटी स्कूल जाने में डर रही है। सुदनीपुर के रहने वाले मुकेश कुमार ने कहा- मेरी बेटी ने बताया कि स्कूल में खाने में कच्चे चावल दिए जाते हैं। बिना बिस्तर के सुलाया जाता है। टॉर्चर किया जा रहा है। धमकी और गालियां दी जा रही हैं। शिकायत के बाद भी वार्डन ने एक्शन नहीं लिया
मुकेश कुमार ने कहा- मैं 3 अक्टूबर को स्कूल पहुंचा। मैंने वार्डन वर्तिका मैडम से लिखित शिकायत की। इस पर वार्डन ने बिस्तर खराब करने की बात स्वीकारी। मगर ऐसा करने वाले के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। अब बेटी स्कूल जाने को तैयार नहीं है। दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने स्कूल की वार्डेन व टीचर्स से बात करने की कोशिश की। मगर गार्ड ने बताया कि वार्डन छुट्टी पर चली गई हैं। जिला समन्वयक संतोष तिवारी ने बताया कि छात्राओं के परिवार के लोगों ने जानकारी दी थी। जिसके संबंध में जांच की जा रही है। जांच के दौरान सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर संबन्धित से जवाब तलब किया जाएगा। स्कूल मे पढ़ने वाली 2 बच्चियों को समझा दिया गया है। रिया और रीता स्कूल में आने लगी हैं। अन्य छात्राओं को भी जल्द स्कूल लाया जाएगा। ————————–
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