बिहार सरकार ने महिला सरकारी कर्मियों को दी बड़ी राहत:राज्य की 4 लाख महिला कर्मी ऑफिस के पास ही रहेंगी… सरकार खोजेगी घर

बिहार सरकार ने महिला सरकारी कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए कार्यालय के समीप आवास की सुविधा देने की नीति को मंजूरी दे दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में इस नीति पर मुहर लगाई गई। इसका लाभ राज्य में कार्यरत करीब 4 लाख महिला शिक्षकों, पुलिसकर्मियों और अन्य महिला सरकारी कर्मियों को मिलेगा। इसके लिए हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय कमेटी निजी मकानों को चिह्नित करेगी। उनके साथ लीज एग्रीमेंट करेगी। महिला कर्मियों को किसी प्रकार की दिक्कत होगी तो उसका निराकरण संबंधित अनुमंडल के एसडीओ करेंगे। कैबिनेट की बैठक में कुल 22 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि यह व्यवस्था पहली बार बिहार सरकार लागू कर रही है है। जिन महिला कर्मियों को आवास की सुविधा मिलेगी, उन्हें आवास भत्ता नहीं मिलेगा। शुरुआत में यह सुविधा प्रमंडलीय और जिला मुख्यालय स्तर पर लागू की जाएगी। भवन का चयन करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनेगी जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) सदस्य सचिव के साथ जिला के एसपी, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि एवं भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता सदस्य होंगे। किराए के लिए इस तरह होगा भवन का चयन 1. इच्छुक भवन मालिक संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) के पास आवेदन करेंगे। 2. समिति भवन के स्थान, पानी, बिजली, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की जांच करेगी। 3 .उपयुक्त पाए गए भवनों का चयन कर लीज पर लिया जाएगा। सरकार से अनुबंध किया जाएगा। 4. महिला कर्मियों को कोई समस्या होने पर संबंधित एसडीओ समाधान सुनिश्चित करेंगे। विज्ञापन नियमावली… अब लाइसेंस के बिना प्रचार नहीं बिहार नगर निगम क्षेत्र में विज्ञापन नियमावली (संशोधन), 2025 पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। नगरपालिका क्षेत्र में लगने वाले विज्ञापनों की दर तय की गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग से लाइसेंस लेना होगा। संशोधित नियमावली के तहत निगेटिव या आपत्तिजनक विज्ञापनों की सूची भी तैयार की गई है। इन पर प्रतिबंध लगाया गया है। सार्वजनिक स्थलों जैसे- दीवारों, वाहनों, होर्डिंग्स, फ्रेम, भवनों, जमीन या किसी अन्य स्थान पर विज्ञापन लगाने के लिए अब अलग-अलग दरें लागू होंगी। इसके लिए नगर निकायों में 5 क्लस्टर बनाते हुए केंद्रीयकृत प्रणाली तैयार की गई है। हर पंचायत में एक क्लर्क रहेंगे, कुल 8093 क्लर्कों की बहाली होगी प्रबंधन के लिए जिम्मेवार होंगे राज्य की सभी 8053 पंचायतों में क्लर्क होंगे। इसके लिए पंचायती राज विभाग 8093 पदों पर बहाली करेगा। कैबिनेट की बैठक में 8093 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई है। पंचायत सरकार भवन समेत अन्य पंचायत स्तरीय कार्यालयों में उनकी तैनाती होगी। वो पंचायत स्तरीय योजनाओं के क्रियान्वयन और समुचित प्रबंधन के लिये जिम्मेवार होंगे। आने वाले दिनों में पंचायत स्तर पर कार्यों के तेजी से निबटारा करने में सहूलियत होगी। योजनाओं का लाभ जल्द मिलेगा लोगों को जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिलेगा। पंचायती राज विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में कार्यरत कर्मियों की नियुक्ति एवं प्रोन्नति हेतु सेवा विनियमित किए जाने के उद्देश्य से लिपिकीय संवर्ग (भर्ती-सेवाशर्त) नियमावली,2018 का गठन किया गया है। रोस्टर क्लीयरेंस की प्रक्रिया पूरी कर विभाग द्वारा शीघ्र सभी पदों पर बहाली के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग को अधियाचना भेजी जाएगी। मेगा स्किल सेंटर से राज्य के 21600 युवा ट्रेंड होंगे राज्य के मेगा स्किल सेंटर से आगामी 5 वर्षों में 21 हजार 600 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन मेगा स्किल सेंटरों से राज्य के युवाओं को बाजार मांग के अनुरूप अत्याधुनिक रोजगारपरक कौशल ज्ञान मिलेगा। चयनित एजेंसी स्वतंत्र प्लेसमेंट सेल का गठन करेगी। जो प्रशिक्षित युवाओं को नियोजित करेगी। इस परियोजना की लागत 280 करोड़ 87 लाख रुपए है। इसकी अवधि 5 वर्ष की होगी। पहले चरण में राज्य के 9 प्रमंडलीय मुख्यालय वाले जिलों में इसकी स्थापना होगी।

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