बेटे का चेहरा नहीं देख सका, कीड़े खा गए:आगरा में पिता का दर्द- लोग मक्खी भी नहीं मारते, उड़ा देते हैं; दोस्त ने बेटे को क्यों मारा

मैं अपने बेटे कुणाल का चेहरा तक नहीं देख पाया। उसका चेहरा था ही नहीं। कीड़े खा गए थे। मैंने उसके कपड़ों से और हाथ की अंगूठी से पहचाना था। शिवम के साथ उसकी दोस्ती थी। हम तीन पीढ़ी से उनके साथ व्यापार कर रहे थे। मेरी नजर में शिवम भी मेरा बच्चा था। आखिर शिवम ने क्यों मारा, क्या लालच था, मुझे नहीं पता। आदमी चींटी को हाथ से हटाता है, मक्खी को भी हाथ से उड़ा देता है। मारता नहीं है, पर मेरे बच्चे को उसने एक झटके में मार दिया। यह दर्द है कुणाल प्रजापति के पिता देवेंद्र ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बयां की। आगरा के हरीपर्वत क्षेत्र के सुल्तानगंज पुलिया निवासी देवेंद्र प्रजापति के बेटे कुणाल (20) की लाश मंगलवार तड़के हाथरस के सहपऊ में कुएं से बरामद हुई थी। कुणाल दोस्त शिवम के साथ गया था। ऐसे में हत्या का आरोप उसके ही दोस्त शिवम यादव सहित रिश्ते के चाचा डॉली उर्फ लक्ष्मीकांत, भाई कार्तिक और पिता पप्पू यादव पर लगा। अब कुणाल के पिता की बातचीत, फिर पुलिस इन्वेस्टिगेशन और हत्या के बारे में सिलसिलेवार बताते हैं… पिता बोले- शिवम मेरे घर के चप्पे-चप्पे को जानता है
कुणाल के पिता देवेंद्र ने बताया- शिवम के पिता पप्पू यादव हमारी हलवाई की दुकान पर दूध देने आता था। उसके साथ हमारा पीढ़ियों से दूध का व्यापार है। पहले पप्पू यादव के पिता मेरे पिता को दूध देते थे। पप्पू के बेटे शिवम से मेरे बेटे कुणाल की दोस्ती हो गई। वो मेरे पूरे घर, रिश्तेदारों और घर के चप्पे-चप्पे को जानता है। देवेंद्र ने बताया- मैंने कई बार शिवम को फोन किया। उससे पूछा कि कुणाल तेरे साथ है तो उसने मना कर दिया। फिर रात में भी मैंने शिवम को फोन किया। लेकिन, शिवम ने कुछ नहीं बताया। मैंने उससे पूछा बेटे कुणाल का कुछ पता है। तब उसने कहा, नहीं अंकल मुझे नहीं पता। आरोपी का पिता भी उलझाता रहा
देवेंद्र का कहना है कि पप्पू यादव भी बेटे की तरह शुरू से उलझाता रहा। बार-बार मुझसे यही पूछता कि अब क्या कर रहे हो? किससे मिलोगे? कहां शिकायत करोगे? एकदम सामान्य चेहरे के साथ मेरे घर आता था। बातें करता था। फिर आश्वासन देता था कि वो आ जाएगा, लेकिन मेरा बेटा नहीं आया। मैं तो उसके घर भी गया था कि मेरा बेटा खो गया है, उसका पता लगवाओ। उसने मदद नहीं की। मदद का आश्वासन देता रहा। उसे मेरे बेटे पर तरस नहीं आया। उसके भी तो दो बेटे हैं। मेरे बच्चे को मार दिया। पिता बोले- मेरा बेटा बहुत मिलनसार था
देवेंद्र ने कहा- मेरा बेटा बहुत मिलनसार था। बहुत कम दोस्त थे। सबसे दुआ सलाम करता था। मैंने इसीलिए पहले पुलिस के सामने किसी का नाम नहीं ले पाया। मैंने तो पुलिस से कहा था कि वो ऐसा नहीं कर सकते। देवेंद्र के पड़ोसी विपिन दुबे का कहना है कि कुणाल बहुत अच्छा बच्चा था। अपने काम से काम रखता था। पूरा परिवार ही बहुत अच्छा है। शिवम का पूरा परिवार ही गलत है
देवेंद्र ने यह भी बताया कि पप्पू यादव का पूरा परिवार ही गलत है। दहेज, हत्या के कई मामले दर्ज हैं। शिवम भी बदमाशी करता है। जमीन बिकवाना, पुलिस में लोगों के फैसले कराना, जाम लगाना, मारपीट करना… उसका रोज का काम है। हमें तो बाद में पता चला। डेढ़ लाख रुपए की लालच में जिंदा कुएं में फेंका, फिर ऊपर पत्थर डाल दिया
कुणाल की हत्या के आरोप में शिवम यादव और डॉली उर्फ लक्ष्मीकांत को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शुरुआती पूछताछ में दोनों ने डेढ़ लाख रुपए की लालच में मर्डर की बात स्वीकार की है। पुलिस ने हाथरस के सहपऊ में जहां लाश मिली, उससे कुछ नहर से कुणाल की स्कूटी भी बरामद कर ली है। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया- 26 जून को कुणाल को हमने सिकंदरा क्षेत्र में पार्टी दी थी। शराब के नशे में पैसे को लेकर विवाद हुआ था। इससे पहले कुणाल ने शिवम को कुछ पैसे उधार दे रखे थे, जिन्हें लेकर वो तकादा कर रहा था। इसके बाद 27 जून को शिवम ने कुणाल को सस्ता सोना दिलाने के बहाने बुलाया। उससे कहा कि डेढ़ लाख रुपए लेकर आना। हाथरस में किसी परिचित से सोना खरीदने की बात हुई है। कुणाल पैसे लेकर पहुंच गया। रास्ते में सभी ने बीयर पी। इसके बाद डॉली ने कुणाल के सिर पर ईंट से वार किया। जिस समय उन्होंने कुणाल को कुएं में फेंका, उसकी सांसें चल रही थीं। कुएं में फेंकने के बाद उसके ऊपर भारी पत्थर फेंक दिए। इससे उसकी मौत हो गई। कुणाल जो डेढ़ लाख रुपए लेकर पहुंचा था, शिवम ने वो रुपए डॉली को दे दिए। 27 जून को लापता हुआ, 1 जुलाई तड़के लाश मिली
आगरा में सुल्तानगंज पुलिया निवासी 12वीं का छात्र कुणाल प्रजापति 27 जून को लापता हुआ। एक जुलाई तड़के हाथरस के सहपऊ में कुएं में उसका शव मिला। शव के ऊपर ईंट-पत्थर, गांजा के पौधे और झाड़ी फेंक दी। पुलिस ने परिवार वालों के आरोप और CCTV के आधार पर दोस्त शिवम को पकड़ा तो उसने जुर्म कबूल लिया। पुलिस आरोपी को उसी कुएं पर ले गई और शव बरामद किया। कुणाल चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। दो बहन और एक छोटा भाई है। करीब छह महीने से उसके पिता की तबीयत खराब चल रही। कुणाल की भी गर्मी की छुटटी चल रही थी। तो इन दिनों हलवाई की दुकान कुणाल ही संभाल रहा था। बहन से बोला- शिवम के साथ हूं, मार न डाले
कुणाल की बहन तृप्ति ने बताया- 27 जून को भाई घर से अकेला ही स्कूटी से गया था। देर शाम तक वापस नहीं आया। हम उसे बार-बार कॉल कर रहे थे। लेकिन फोन नहीं उठ रहा था। देर रात मम्मी ने फोन किया तो भाई से कुणाल से बात हुई। भाई ने कहा कि वो अपने दोस्त शिवम यादव के साथ आया है। पता नहीं वो कहां ले जा रहा। उसने हंसते हुए कहा था कि पता नहीं ये मुझे मार न डाले। फिर कहता है कि ये मेरा अच्छा दोस्त है। मैं दो घंटे में आ जाऊंगा। इसके बाद उसका फोन बंद हो जाता है। ——————– ये खबर भी पढ़िए पिता और दो बेटियों समेत 5 को कैंटर ने रौंदा: हापुड़ में 10 फीट उछलकर सड़क पर गिरे, फिर पहिए के नीचे आ गए यूपी के हापुड़ में बेकाबू कैंटर ने बाइक सवार 4 बच्चों समेत 5 लोगों को कुचल दिया। सभी की मौके पर मौत हो गई। मरने वालों में पिता, दो बेटियां और एक भतीजा भी शामिल हैं। सभी बुधवार रात स्विमिंग पूल से नहाकर एक ही बाइक से घर लौट रहे थे। स्विमिंग पूल से 15 किमी हाफिजपुर थाना क्षेत्र में रॉन्ग साइड से आ रहे कैंटर ने बाइक में सामने से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बाइक सवार सभी लोग 10 फीट उछलकर सड़क पर गिर और कैंटर के पहिए के नीचे आ गए। पढ़ें पूरी खबर…

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