बॉयफ्रेंड की मौत के बाद जेठ-ससुर से इश्क:झांसी में सास की हत्या करने वाली बहू के सैकड़ों फालोवर, ससुर बोले- बहू को फांसी हो

झांसी में सास की हत्या करने वाली पूजा जाटव के हुस्न का पूरा घर दीवाना था। पति पर गोली चलवाने के बाद वो अपने बॉयफ्रेंड कल्याण राजपूत के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी थी। 6 साल पहले एक्सीडेंट में बॉयफ्रेंड की मौत होने के बाद उसके घर में आश्रय ले लिया। फिर अपने हुस्न के जाल में शादीशुदा जेठ संतोष राजपूत को फंसाया। साथ ही ससुर से भी इश्क लड़ाया। अब वो प्रॉपर्टी बेचकर ग्वालियर में रहना चाहती थी। जेठ और ससुर तैयार थे, मगर सास सुशीला देवी अड़चन डाल रही थी। ऐसे में ग्वालियर में बड़ी बहन कमला उर्फ कामिनी के घर जाकर सास का मर्डर प्लान किया। प्रॉपर्टी में हिस्सा देने का लालच देकर कामिनी और उसके प्रेमी अनिल वर्मा को शामिल कर लिया। प्लान के तहत पूजा ने जेठ और ससुर को ग्वालियर बुला लिया। 24 जून को कामिनी और अनिल बाइक से टहरौली के कुम्हरिया गांव पहुंचे। यहां बेड से सास सुशीला के हाथ-पैर बांध दिए। मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। फिर जहरीले इंजेक्शन देकर गला घोंटकर सुशीला की हत्या कर दी थी। पूरे केस को विस्तार से समझने के लिए दैनिक भास्कर कुम्हरिया गांव पहुंचा। पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट बेटी के बर्थ-डे पर ससुर को बुलाया, जेठ को अलगे दिन बुलाया ससुर अजय प्रताप राजपूत ने बताया-पूजा जाटव झांसी के नगरा की रहने वाली थी। उसके पिता बौधराम रेलवे में लोको पायलेट थे। पूजा की शादी 2014 में रमेश से हुई थी, जो रेलवे में नौकरी करता था। दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता था। तब पूजा ने पति पर गोली चलवा दी। इस मुकदमे में पूजा आरोपी थी और तारीख करने कोर्ट में जाती थी। मेरे छोटे बेटे कल्याण राजपूत पर भी चोरी, लूट के केस चल रहे थे। वो भी तारीख पर जाता था। कचहरी में दोनों की मुलाकात हो गई, जो प्यार में बदल गई। दोनों झांसी में किराए के कमरे में लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे। 25 मई 2019 को एक्सीडेंट में मेरे बेटे कल्याण राजपूत की मौत हो गई थी। बहू बोली- मैं अनाथ हो गई, इसलिए आश्रय दिया ससुर ने कहा- कल्याण की मौत के बाद पूजा अपनी बहन के पास ग्वालियर चली गई थी। मगर त्रियोदशी पर पूजा घर आ गई। वो मेरी पत्नी सुशीला देवी की गोद में सिर रखकर रोने लगी और बोली कि मेरा कोई नहीं है। बचपन में मां की मौत हो गई। पिता भी नहीं है। मैं अनाथ हूं। तब उसे आश्रय दे दिया। वो इंटर पास थी। हमने उसका बिजना डिग्री कॉलेज में बीए में एडमिशन करा दिया। सोचा था कि पढ़ जाएगी तो नौकरी लग जाएगी। ये भी कहा कि कल्याण के एक्सीडेंट के क्लेम का पैसा मिलेगा तो वो तुम ले जाना। तुम्हारा जीवन सुधर जाएगा। सेकेंड ईयर पास करने के बाद कोरोना आ गया तो पढ़ाई छूट गई। फिर बड़े बेटे से संबंध हो गए ससुर ने कहा- पूजा घर पर रहती थी और सारा काम करती थी। बड़ा बेटा संतोष, उसकी पत्नी रागिनी भी साथ रहती थी। इस दौरान पूजा और संतोष के संबंध बन गए। 3 साल पहले उनकी एक बच्ची भी हो गई। बड़ी बहू रागिनी ने भी उसे अपना लिया था। दोनों बहू अच्छे से रहने लगी थी। ससुर ने आगे बताया- 16 मई को पूजा ग्वालियर गई थी। तब उसे 5 हजार रुपए दिए थे। 22 जून को पूजा की बेटी का बर्थ-डे था। उसने फोन किया तो मैं ग्वालियर पहुंच गया। धूमधाम से बर्थ-डे मनाया गया। उसकी बहन कामिनी और अनिल भी बर्थ-डे में आए थे। 23 को मैं घर लौटने लगा तो बोली कि थोड़ी देर रुक जाओ, संतोष आ रहा है। उसने संतोष को इसलिए बुलाया था कि वो प्रेग्नेंट है और गर्भपात कराना चाहती है। जिसमें साइन होने हैं। दोपहर में संतोष भी आ गया। शाम होने के कारण मैं भी ग्वालियर में रुक गया। रात को बड़ी बहन और अनिल बहाने से निकले ससुर ने बताया- बहू पूजा की बड़ी बहन कामिनी ने कहा कि उसके रिश्तेदार का पैर ट्रेन से कट गया। सब उसे देखने अस्पताल गए थे। कामिनी बोली- रात को अस्पताल रुकना है। वहां अनिल वर्मा भी था। कामिनी और अनिल अस्पताल में रुक गए और हम लोग घर आ गए। कामिनी और अनिल बाइक से गांव पहुंचे और 24 जून की सुबह मेरी पत्नी सुशीला देवी की हत्या कर दी। 24 जून की सुबह ग्वालियर से घर के लिए रवाना हुआ। दोपहर में घर आया तो बाहर से कुंडी लगी थी। अंदर गया तो पत्नी नजर नहीं आई। आवाज दी तो कोई नहीं बोला। बाहर आकर पत्नी के बारे में पूछा। फिर अंदर जाकर देखा तो एक कमरा खुला था, जिसका हमेशा ताला बंद रहता है। यह देख मुझे शक हुआ। चमीटे से मुंह में कपड़ा ठूंसा गया ससुर ने बताया- कमरा के अंदर गया तो पत्नी सुशीला बेड पर मृत पड़ी थी। बेड के एक छोर पर उसके हाथ बंधे थे और दूसरे छोर पर पैर बंधे थे। उसके मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था। पास में इंजेक्शन भी पड़े थे। दो कप में चाय, नमकीन और बिस्कुट रखे थे। करीब 1 लाख रुपए कैश और 8 लाख के गहने भी गायब थे। मैं चिल्लाते हुए बाहर भागा। पूजा और उसकी सास के बीच अच्छे संबंध थे। उसने कोई मांग भी नहीं की थी। मैं और बेटा उसी के पास थे, इसलिए शक नहीं हुआ। बड़ी बहू रागिनी और उसके भाई पर हत्या की FIR करा दी। क्योंकि, रागिनी 8 महीने से मायके में रह रही थी। मैं लेने गया तो आई नहीं। भाई ने धमकी दी तो शक उसी पर गया। बाद में पता चला कि हत्या पूजा, उसकी बहन कामिनी और अनिल ने की है। तीनों पकड़े जा चुके हैं। उनके 8 लाख के गहने भी बरामद हो चुके हैं। पुलिस के सामने पूजा मुझे फंसाना चाहती थी ससुर ने बताया- कामिनी बहुत ही शातिर दिमाग की है। जब वो पकड़ी गई तो उसने मुझे फंसाने की कोशिश की। पुलिस को बयान दिया कि ससुर ने मर्डर करने के लिए कहा था। पूजा व ससुर के संबंध है। पुलिस के सामने मुझसे बोली- मैं तुम्हे बचा लूंगी। इसलिए पुलिस को मुझ पर शक हो गया। पूजा को पकड़ा गया तो हम दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की। तब उनका झूठ पकड़ा गया। मेरे ऊपर आरोप इसलिए लगाए कि मैं ही घर में पैरवी करुंगा। दूसरा कोई है नहीं तो अपने को बचाने के लिए मुझे फंसा रहे थे। मेरे पूजा से कोई संबंध नहीं थे। पूजा ही इस हत्या की मास्टरमाइंड है। उसे सबकुछ पता था। कहां क्या रखा है, इसलिए जिस कमरे में जेवर और कैश रखा था। ये सब पूजा ने ही बताया होगा। तभी कामिनी व अनिल ने उसी कमरे को खुलवाया और उसी में सुशीला की हत्या कर बक्से का कुंडा तोड़ा। कैश व गहने लूटकर फरार हो गए। ऐसी बहू को फांसी की सजा मिले ससुर ने कहा- जिसने हत्या की है, उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए। हमारा बुढ़ापा छीन लिया। मैं पूजा काे कभी माफ नहीं करुंगा। किसी की हत्या करने की माफी नहीं होती। अब माफी की कोई जगह नहीं है। उन्होंने बहुत ही बेरहमी से पत्नी सुशीला की हत्या की है। अगर गोली मार देते तो इतना कष्ट नहीं होता। लेकिन जिस तरह मारा है, उसके मुंह में चमीटे से कपड़ा ठूंसकर भर दिया। हाथ-पैर बांधकर जहरीले इंजेक्शन लगाए और गला घोंट दिया। बहुत ही बेरहमी से हत्या की है। तीनों को फांसी होनी चाहिए। पूजा की सौतन रागिनी ने क्या कहा…अब वो पढ़िए मुझसे ज्यादा पूजा को चाहते थे संतोष रागिनी ने कहा- पूजा रहने आई तो मुझे कोई दिक्कत नहीं थी। हम दोनों मिलकर रहने लगे थे। हमारा कोई झगड़ा भी नहीं होता था। जब 3 साल पहले पूजा ने एक बच्ची को जन्म दिया तो पता चला कि उसके मेरे पति संतोष से संबंध है और बच्ची उसकी की है। मैंने पति से कहा भी ऐसा क्यों किया? मगर बाद में मैंने बच्ची को स्वीकार कर लिया। हम मिलकर रहने लगे। हम दोनों मिलकर घर का काम करते थे। धीरे-धीरे संतोष का मेरे प्रति लगाव कम हो गया। वो पूजा से ज्यादा चाहने लगे और मुझसे कम मतलब रहने लगे। इस बात पर पति से झगड़ा होने लगा। एक दिन सास से मंगलसूत्र मांगा तो उन्होंने नहीं दिया। इस पर झगड़ा हो गया। तब मैं 8 महीने पहले मायके चली गई। ससुर से 8 बीघा जमीन और मंगलसूत्र मांगा था। ससुराल नहीं आई तो उनको शक हो गया और मेरे ऊपर FIR करा दी। मगर बाद में पता चला कि सास की हत्या पूजा ने कराई है। 200 मीटर दूर बाइक खड़ी की, मुंह पर कपड़ा बांधे थी कामिनी पूजा के चचेरे देवर सौरव राजपूत ने बताया- हमारा घर से 100 मीटर दूर पशुबाड़ा है। 24 जून की सुबह करीब 5 बजे चाची सुशीला पशुबाड़े में थी। तभी बाइक से कामिनी और अनिल आए। दोनों ने गांव के बाहर घर से लगभग 200 मीटर दूर अपनी बाइक खड़ी कर दी। पैदल घर आए तो कामिनी मुंह पर कपड़ा बांधे थी। घर पर चाची नहीं मिली तो अनिल पशुबाड़ा में गया। वहां से ताई को घर लाया। यहां ताई ने उनके लिए चाय बनाई। बिस्कुट और नमकीन दी। इस दौरान दोनों ने हत्या कर दी। करीब 6:30 बजे दोनों हत्या कर भाग गए। दोनों कप में आधी-आधी कप चाय थी। ऐसा लग रहा है कि दोनों ने चाय पीते-पीते मौका पाकर वारदात की है। हत्या के बाद पूजा का नए नंबर से कॉल आया सौरव ने आगे बताया- चाचा अजय प्रताप घर पर आए तो सबसे पहले उन्हीं ने चाची को देखा। वो चिल्लाए तो मैं भागता हुआ घर आया। देखा तो चाची के हाथ-पैर बंधे थे। आंख पर चोट थी। मुंह में कपड़ा था, जो बाहर निकाला। इंजेक्शन भी पड़े थे। चाचा बहुत घबराए हुए थे। मैंने तुरंत 112 पर कॉल लगाया तो पुलिस आ गई। दोपहर 3:10 बजे पूजा का मेरी पत्नी के पास कॉल लगाया। कॉल उसने नए नंबर से लगाया था। पहले चाची सुशीला के बारे में पूछा और फिर मेरा नंबर मांगने लगी। तब मैंने पुलिस को नंबर दे दिया। बाद में तीनों आरोपी पकड़े गए। ————————- ये खबर भी पढ़ें… जौनपुर डबल मर्डर केस में बाहुबली धनंजय सिंह बरी, कोर्ट को सबूत नहीं मिले, पूर्व सांसद बोले-कुछ लोग हमें जेल भेजना चाहते थे जौनपुर के बेलाव घाट डबल मर्डर केस में गुरुवार को बड़ा फैसला आया। एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इस मामले में बरी कर दिया। यह डबल मर्डर केराकत थाना क्षेत्र में 1 अप्रैल, 2010 को हुआ था।घटना के दिन बेलाव घाट पर संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस मामले में धनंजय सिंह समेत 5 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें आशुतोष सिंह और पुनीत सिंह भी शामिल थे। पढ़ें पूरी खबर…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *