बॉलीवुड सिंगर मास्टर सलीम के पिता का निधन:बोले- आज सुरों की सदी शांत हुई, आखिरी इच्छा से होगी उस्ताद शाहकोटी की विदाई

पंजाब के मशहूर बॉलीवुड सिंगर मास्टर सलीम के पिता पूरण शाह कोटी (72) का सोमवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। जिसके बाद उनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके 2 बेटे, मास्टर सलीम और पेजी शाहकोटी हैं। शाहकोटी पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के बड़े चेहरे थे। उन्होंने मशहूर सिंगर हंसराज हंस, जसबीर जस्सी, बब्बू मान सरीखे कई सिंगरों को म्यूजिक सिखाया था। उनके निधन पर हंसराज हंस रोते हुए दिखाई दिए। AAP नेता दीपक बाली और पूर्व सांसद सुशील रिंकू भी परिवार से हमदर्दी जताने पहुंचे। उनके निधन की सूचना मिलते ही पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के कई कलाकार घर पहुंचे। जिनमें हंसराज हंस, गुरलेज अख्तर, बूटा मोहम्मद भी शामिल हैं। पिता के निधन पर मास्टर सलीम ने कहा- एक सुरों-म्यूजिक की पूरी सदी शांत हो गई। बच्चे का वैसे ही बाप हो तो वह बाप को बहुत प्यार करते हैं। वह एक बाप होने के साथ बड़े कलाकार, फिलॉस्फर और गुरु थे। उनका घाटा कभी पूरा नहीं हो सकता। सिंगर हंसराज हंस ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पूरण शाहकोटी को उनके जालंधर स्थित घर देओल नगर में ही सुपुर्द ए खाक किया जाएगा। उनकी अंतिम इच्छा यही थी कि उन्हें श्मशान घाट न ले जाया जाए। हंसराज हंस बोले- मेरे माईं-बाप थे, मैं उनका दास
सिंगर हंसराज हंस ने कहा- आज वह हस्ती भी इस जहान से कूच कर गई, जो सारे जहान के उस्ताद थे। हमारा अस्तित्व उनसे था। मैं उनका दास था। बचपन में मैं इनके पास आया था। एक बायलॉजिकल मां-बाप हैं दूसरे ये हमारे माई-बाप थे, जिन्होंने गूंगों को बोलना सिखाया। आज जो कुछ भी अचीव हुआ, उस शहंशाह, उस्ताद शाहकोटी साहब के नाम से हुआ। हमें पता नहीं था कि कभी हमें ये लफ्ज भी बोलने पड़ेंगे कि वह नहीं रहे। गुरलेज अख्तर ने कहा- शाहकोटी सच्चे लीजैंड थे
पंजाबी सिंगर गुरलेज अख्तर ने कहा कि सबसे ज्यादा घाटा परिवार को होता है। पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री को भी यह कभी न पूरा होने वाला घाटा है। हम किसी को भी लीजेंड कह देते हैं लेकिन ये असली लीजेंड हैं, जिन्होंने इतने फनकार पैदा किए हैं। आज आधी इंडस्ट्री उन्हीं की बनाई हुई है। मैं खुशकिस्मत है कि 22-23 साल बाद 2 दिन पहले उनसे मुलाकात करने के लिए घर आए थे और वह खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि उनके साथ पुरानी यादें ताजा की गई। बूटा मोहम्मद बोले- उनसे कई चिराग पैदा हुए
पंजाबी सिंगर बूटा मोहम्मद ने कहा कि ऐसे मौके पर आदमी स्पीचलैस हो जाता है। मां–बाप ने उनका नाम पूरण रखा, पूरण वही होता है जो किसी काम के क्षेत्र में पूरा हो जाए। शाहकोट शहर का नाम उन्होंने पूरी दुनिया में उजागर किया। वह पटियाला घराने के चिराग थे, जिनसे बहुत सारे चिराग पैदा हुए और उन्होंने रोशनी दी है। उस्ताद शाहकोटी की अंतिम विदाई के लिए सूचना… निधन के पल-पल के अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…

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