‘ब्राह्मणों का पूजा-पाठ कराना मना है, वरना दंड लगेगा’:रक्सौल के गांव में ब्राह्मणों का बहिष्कार; UP में यादव कथावाचक के अपमान के बाद लगे पोस्टर

यूपी के इटावा से शुरू हुआ ब्राह्मण-यादव विवाद बिहार पहुंच गया है। पूर्वी चंपारण के टिकुलिया गांव में ब्राह्मणों के प्रवेश और पूजा-पाठ पर रोक लगा दी गई है। यादव समाज के लोगों ने आदापुर प्रखंड की बखरी पंचायत स्थित इस गांव में ब्राह्मणों के बहिष्कार को लेकर पोस्टर लगाए हैं। गांव की दीवारों और सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाए गए हैं। इनमें लिखा है- ‘इस गांव में ब्राह्मणों को पूजा-पाठ कराना मना है। नियम तोड़ने पर दंड के भागीदार होंगे।’ गांव वाले बोले- कोई भी कथावाचक बन सकता है स्थानीय निवासी जनार्धन कुमार यादव ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश के इटावा की एक घटना के विरोध में की गई है। उनका कहना है कि ‘इटावा में यादव समाज के एक कथावाचक का अपमान किया गया था। कथावाचक होने का अधिकार सिर्फ ब्राह्मणों को नहीं है। अन्य जातियों के लोग भी धर्मकथा कर सकते हैं।’ प्रशासन ने पोस्टर हटाने का कहा वही SDM मनीष कुमार ने बताया कि ‘मामला संज्ञान में आया है जांच कराई जा रही है।’ यादव कथावाचक की चोटी काटकर, सिर मुंडवाया पूरा विवाद यूपी के इटावा से शुरू हुआ है। इटावा में 21 जून से भागवत कथा शुरू हुई। शाम को पता चला कि कथावाचक ब्राह्मण नहीं, यादव हैं। इसके बाद हंगामा हो गया। कथावाचक को मारा-पीटा गया। उनकी चोटी काट दी गई। सिर मुंडवा दिया गया। एक महिला के पैरों में नाक रगड़वाई गई। इन सबका वीडियो बनाया। अगले दिन एक ब्राह्मण कथावाचक को बुलाया गया। उनसे भागवत करवाई गई। तभी पिछली रात वाले वीडियो वायरल हुए और हंगामा हो गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कथावाचक मुकुट मणि और संत सिंह यादव को लखनऊ बुलाया। उनकी मदद की। इसके बाद इटावा पुलिस एक्टिव हुई। 4 कथावाचकों के साथ बदसलूकी करने वाले 5 लड़कों को गिरफ्तार किया। इसके बाद यादव-ब्राह्मण वर्ग आमने-सामने हो गया। कथावाचकों के खिलाफ भी FIR हुई। कथावाचक पर महिला का हाथ पकड़ने का आरोप इटावा जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर दादरपुर गांव है। इस गांव में ब्राह्मणों की तादाद ज्यादा है। यहां ब्राह्मणों के 103 घर हैं। इसके अलावा ठाकुर, दलित वर्ग के लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं। गांव के ही एक छोर पर मंदिर बना है। गांव के धार्मिक कार्यक्रम यहीं होते हैं। दादरपुर गांव में 21 जून से कथा शुरू हुई। गांव के ही जयप्रकाश तिवारी और उनकी पत्नी रेनू को मुख्य यजमान बनाया गया था। जयप्रकाश ने बताया कि, ’21 जून की रात कथा खत्म होने के बाद ये लोग हमारे घर आए। इनके लिए भोजन की व्यवस्था थी। ये घर के अंदर खाना खाने गए। मेरी पत्नी रेनू से कहा कि हाथ पकड़कर खाना खिलाओ। 7 दिन मेरी खूब सेवा करो, पुण्य मिलेगा। इससे मेरी पत्नी हड़बड़ा गई और वह मेरे पास आई। हम अंदर गए तो वो लोग भी हड़बड़ा गए। तुरंत ही बाहर निकल आए। उनकी झोली से 2 आधार कार्ड गिर गए। एक में अग्निहोत्री और दूसरे में यादव लिखा था। उनके साथ यहां कुछ नहीं हुआ। वो कथा स्थल पर गए। वहीं गांव के कुछ लड़कों ने उनके बाल काटे, वह वीडियो वायरल है।’ ———————————————– इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… ग्राउंड रिपोर्ट UP के कथावाचक से मारपीट में जाति पर बहस:यादवों ने कहा- चोटी काटना अपमान; ब्राह्मण बोले- पत्नी का हाथ पकड़ा इटावा में 21 जून से भागवत कथा शुरू हुई। शाम को पता चला कि कथावाचक ब्राह्मण नहीं, यादव हैं। इसके बाद हंगामा हो गया। कथावाचक को मारा-पीटा गया। उनकी चोटी काट दी गई। सिर मुंडवा दिया गया। एक महिला के पैरों में नाक रगड़वाई गई। इन सबका वीडियो बनाया। अगले दिन एक ब्राह्मण कथावाचक को बुलाया गया। उनसे भागवत करवाई गई। तभी पिछली रात वाले वीडियो वायरल हुए और हंगामा हो गया। पूरी खबर पढ़ें।

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