भाखड़ा जल विवाद में हाईकोर्ट का फैसला:6 मई के पानी छोड़ने के आदेश लागू रहेंगे; पंजाब को हिदायत- आपत्ति केंद्र को बताए

भाखड़ा के पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे विवाद में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश आ गए हैं। कोर्ट का कहना है कि इस मामले में छह मई को दिए गए आदेश बिल्कुल सही थे। अब उसमें दखल देने का कोई आधार नहीं है। पंजाब सरकार की याचिका खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब 6 मई को जारी आदेश ही लागू रहेंगे। कोर्ट ने कहा कि पानी छोड़ने का जो आदेश दिया गया था, वह एक आपात स्थिति में की गई कार्रवाई थी, जिससे लाखों लोगों को पानी की सप्लाई सुनिश्चित की गई। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि पंजाब को कोई आपत्ति है, तो वह नियम सात के तहत केंद्र सरकार को औपचारिक संदर्भ दे सकता है, जिसके लिए उसे पहले से ही आदेश में स्वतंत्रता दी जा चुकी है।
पंजाब सरकार ने कोर्ट में रखा था यह तर्क BBMB द्वारा हरियाणा को पानी देने के फैसले पर हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई। इस याचिका में सरकार ने कहा कि BBMB ने 2 मई 2024 को हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी देने का जो फैसला लिया, वह पंजाब सरकार की अनुमति के बिना और नियमों के खिलाफ था। केंद्र और हरियाणा सरकार पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाया गया। सरकार ने एक एप्लिकेशन लगाई। इसमें कहा गया कि 28 अप्रैल को बीबीएमबी में पानी के मुद्दे पर सभी राज्यों की मीटिंग हुई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद हरियाणा सरकार ने बीबीएमबी के चेयरमैन को पत्र लिखा, और हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को पत्र भेजा। बीबीएमबी के चेयरमैन ने मामला केंद्र को भेज दिया। इसके बाद गृह सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जबकि पावर डिपार्टमेंट कभी मीटिंग नहीं लेता है। सीआईएसएफ की तैनाती पर भी विवाद जब केंद्र सरकार यह पानी का विवाद सुलझाने में लगी थी, तब 19 मई को डैम की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ को मंजूरी दी गई। इसके लिए 296 कर्मचारियों की यूनिट मंजूरी दी गई है। सीआईएसएफ ने बीबीएमबी को पत्र भेजकर चालू वित्त वर्ष के लिए 8.59 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा है, साथ ही आवास और परिवहन आदि की व्यवस्था भी करने को कहा है। हालांकि, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने इस पर एतराज जताया। उन्होंने कहा कि जब पंजाब पुलिस यह काम मुफ्त में कर रही थी, तो इसके लिए पैसे क्यों दिए जाएं? उन्होंने पंजाब के बीजेपी नेताओं से पूछा कि क्या उनकी सहमति से यह पत्र जारी हुआ था। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि सीआईएसएफ का काम सुरक्षा का है, पानी छोड़ने से उनका लेना-देना नहीं है।

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