भागलपुर में नदी के कटाव की आशंका से दहशत:पलायन की योजना बना रहे ग्रामीण; बच्चों की पढ़ाई बाधित, इलाज के लिए जाना पड़ता 20KM दूर

भागलपुर के पीरपैंती और कहलगांव प्रखंड में नदी के कटाव की आशंका से दहशत है। रानीदियारा व टपुआ दियारा में रहने वाले लोग परेशान है। बुधवार को गांव के कई घर के पास पानी आ गया। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। पीड़ित अपने घर खाली कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने का योजना बना रहे हैं। पानी के डर से बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि जिन लोगों के घर नदी के पास हैं। वे कभी भी गंगा में समा सकते हैं। बुधवार को हुए तेज कटाव का निरीक्षण करने के लिए कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं आए है। टपुआ दियारा के ग्रामीण ने विभाग से बंबू रोल देकर कटाव रोकने की मांग की। टपुआ दियारा, रानी दियारा, तौफिल, अठनिया दियारा में कटाव जारी है। आसपास के लोगों ने बताया कि कटाव को देखते हुए आधा से ज्यादा लोग अपने-अपने सामानों के साथ सुरक्षित स्थानों पर भेजना चाहते हैं, ताकि कटाव और बाढ़ से क्षति नहीं पहुंचे। अब-तक लगभग 6 ग्रामीणों की फसल वाली खेत गंगा में विलीन हो चुकी है। इस संबंध में पशु चरवाहों ने बताया कि बाढ़ और कटाव की वजह से खेतों में घास नहीं है। हम लोग को पशु के लिए चारा नहीं मिल पा रहा है। मजबूरन सूखा घास पशुओं को खिलाना पड़ रहा है। इलाज के लिए जाना पड़ता 20KM दूर दोनों गांव में चिकित्सा की बात करें, तो किसी भी प्रकार की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। अगर किसी को जहरीला सांप या बिच्छू डंस लें, तो उनकी 20 किलोमीटर दूर जाकर रेफरल अस्पताल में इलाज करानी पड़ती है। कटाव रोधी बालू की बोरी का काम धीमी गति से हो रहा है। गांव के बच्चों की भी पढ़ाई लिखाई ठप है। नदी किनारे घर के मालिक बिरेंद्र कुमार ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि कटाव होने के डर से घर में नहीं रह पाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे है। घर में पानी की डर से स्कूल नहीं जाने देते हैं, जिसके कारण से बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। सरकार ने हमारे लिए नहीं की व्यवस्था पीड़ित ग्रामीण महिला रेणु देवी ने कहा कि गांव कट जाता है। सामानों की बर्बादी होती है। हम लोग को कभी भी कुछ नहीं मिला है। राधा देवी ने कहा कि सरकार ने कटाव पीड़ित लोगों के लिए कुछ भी व्यवस्था नहीं की है। सुजय ने बताया कि कटाव गांव में आ गया है, गांव कट रहा है। पशु के लिए खेतों में चारा नहीं है। अगले साल के कटाव में कोई मुआवजा नहीं मिल पाया है। आवासीय छात्रावास के लिए कुछ भी व्यवस्था नहीं बचाने को लेकर सरकार की व्यवस्था ठीक नहीं है। कालीचरण ने कहा कि पशु को चारा नहीं मिल पा रहा है। हम लोग को बहुत दिक्कत है। कटाव को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। कभी एक पैसा का मुआवजा नहीं मिल पाया है। यहां पर काफी दिक्कत है। लोग एक दिन दस दिन के बराबर कट रहा है। इधर, पीरपैंती प्रखंड के खवासपुर पंचायत के सड़कों पर पानी आ गया है। जिसकी वजह से लोगों को इसी गंदे पानी होकर गुजरना पड़ता है। स्कूल जाने वाली एक बच्ची ने बताया कि गंदे पानी होकर स्कूल जाना होता है। घर से नहा धोकर साफ कपड़ा पहन कर आते है। लेकिन, वो गंदा हो जाता है।

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