बेंगलुरु में 2020 में हुए दंगों के मामले में NIA की विशेष अदालत ने तीन आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में सैयद इकबालुद्दीन (44), सैयद आसिफ (46) और मोहम्मद आतिफ शामिल हैं। कोर्ट ने तीनों पर ₹20,000 का जुर्माना भी लगाया है। यह दंगे 11 अगस्त 2020 को कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे की एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद भड़के थे। करीब 3,000 लोगों की भीड़ ने डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस थानों, विधायक मूर्ति और उनकी बहन जयंती के घर में आग लगा दी थी। हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई थी, 90 गाड़ियां जलाई गईं और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे, जिनमें 70 पुलिसकर्मी भी थे। NIA की जांच में सामने आया कि तीनों दोषी प्रतिबंधित संगठन PFI की राजनीतिक शाखा SDPI से जुड़े हैं। उन्होंने पेट्रोल डालकर गाड़ियों को जलाया और भीड़ को उकसाया। उन्होंने जानबूझकर दहशत फैलाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची।