भिवानी में बरसात के बाद जगह-जगह जलभराव से हालात बिगड़ने लगे हैं। वहीं भिवानी के गांव पुर की गलियां व घर जलमग्न हो रहे हैं। घरों में पानी घुसने के कारण लोगों को अपना घर तक छोड़ना पड़ा। मजबूरन किसी दूसरे के यहां आसरा लेना पड़ा। इधर, श्मशान घाट तक जाने वाले रास्ते में जलभराव होने के कारण ग्रामीण शव को चार कंधों की बजाय ट्रैक्टर-ट्राली में श्मशान घाट तक लेकर जाना पड़ा। गांव के हालात ऐसे होने से ग्रामीणों में रोष है और विधायक व डीसी से गुहार लगाने के बाद भी कोई समाधान नहीं हो पाया। घर में घुसा पानी
भिवानी के गांव पुर निवासी असमंती ने कहा कि बरसात का पानी उनके घर में घुस गया है जिसके कारण ने मजबूर होकर घर छोड़ना पड़ा। मजबूरन उन्हें किसी दूसरे के घर में आसरा लेना पड़ा। इसके बावजूद भी उनके घर में रखा काफी सामान पानी में डूब गया यहां तक कि अनाज भी पानी में डूबने के कारण खराब हो गया। खुद घर छोड़कर दूसरे के यहां रह रहे पोता-पोती रिश्तेदारी में भेजे
उन्होंने अपने पशु भी ऊंचाई पर रहने वाले किसी दूसरे के प्लाट में बांधने पड़े। अपने घर में रखते तो बीमार हो जाते। उन्होंने बताया कि घर में पानी भरने के बाद अपने पोता-पोती को भी रिश्तेदारी में भेज दिया, ताकि कोई परेशानी ना आए। घर व गली में पानी भरने के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा है। आने-जाने में बीदर लगा रहता है। कहीं कोई गड्ढा हो या कोई जीव काट ले। इसी डर से उन्हें घर छोड़ना पड़ा। अभी मानसून की शुरुआत है हालात ऐसे रहे तो पूरा गांव डूब जाएगा
गांव पुर निवासी नाथूराम ने बताया कि जलभराव की भारी समस्या। सबसे पानी निकासी के लिए गुजारिश कर ली। डीसी भी गांव में आए थे और उनके सामने भी यह समस्या रखी थी। उन्होंने पानी निकासी का आश्वासन दिया था और मोटर लगाने के लिए भी कहा था। लेकिन मोटर के लिए कनेक्शन अभी तक नहीं मिला। गलियों में पानी भरा होने के कारण बच्चे स्कूल जाने में भी परेशान होते हैं। करीब 10 दिन से पानी जमा होने के कारण गंदा व बदबूदार भी हो गया है। जिसके कारण यहां पर रहना भी मुश्किल हो गया है। स्थानीय विधायक से भी इस समस्या को लेकर गुहार लगाई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अभी तो मानसून की शुरुआत हुई है अगर हालात ऐसे ही रहे तो पूरा गांव डूब जाएगा। घर व प्लाट भी पानी में डूबे
गांव पुर निवासी मूर्ति ने बताया कि गांव की गलियों में पानी भरा हुआ है। जिसके कारण अगर उन्हें घर से बाहर निकालना पड़ता है तो इसी गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। इसलिए घरों में पीने व नहाने तक का पानी नहीं बचा। मजबूरन पशुओं को भी ऊंचाई वाले इलाके में शिफ्ट करना पड़ा है और पशुओं को समय पर चारा भी नहीं डाल पाते। घर व प्लाट भी पानी में डूब गए और पशुओं का चारा भी पानी में डूबने के कारण खराब हो गया। 10 दिन से गांव में पानी भरा हुआ है और कोई भी उनकी सुनवाई नहीं कर रहा। बच्चों को भी इसी गंदे पानी से होकर स्कूल जाना पड़ता है। बीमारियों का भी खतरा बना हुआ है और उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द इस पानी की निकासी की जाए। श्मशान घाट तक के रास्ते में भरा पानी तो ट्रैक्टर-ट्राली में लेकर गए शव
गांव पुर निवासी पूर्व प्राचार्य रामचंद्र चौहान ने बताया कि पिछले 10 दिन से भारी बारिश हुई है। जिसके कारण गांव में पानी भर गया। पानी निकासी के लिए हम प्रशासन से रिक्वेस्ट कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इसकी निकासी की जाए। गलियों में भरा पानी गंदा हो चुका है। सभी औरतें, आदमी व बच्चे पानी में से गुजर रहे हैं। चारों गलियां बंद हो गई है और पानी निकासी के लिए प्रशासन से रिक्वेस्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रात बिजली आती है तो करंट का भी खतरा रहता है और दूसरा बीमारियों का भी खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि गांव में एक मौत हो गई थी, लेकिन श्मशान घाट के रास्ते में पानी भरा हुआ है। दाह संस्कार के लिए भी जगह नहीं है। मजबूरन ट्रैक्टर ट्राली में शव को लेकर जाना पड़ा। हम तो अब प्रशासन से पानी निकासी की गुहार ही लगा सकते हैं। लकड़ियां व उपले भी पानी में डूबे
गांव पुर निवासी भतेरी ने बताया कि उनके घरों में व घरों के बाहर गलियों में पानी भरा हुआ है। जिसके कारण उन्हें यहां से गुजरने में भी परेशानी होती है। पानी भरने के कारण वे घरों में कैद हो गए हैं और जब बाहर निकलते हैं तो गलियों में गंदा पानी होता है। लकड़ियां व उपले भी इस पानी में डूब गए और खराब हो गए। प्रशासन उनकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान करें। बिजली का कनेक्शन नहीं मिला
गांव पुर के सरपंच प्रतिनिधि अजय कुमार ने बताया कि गांव में चारों तरफ पानी ही पानी भरा हुआ है। चार-पांच दिन पहले डीसी भी यहां से गुजरे थे। उन्होंने आदेश दिए थे कि जल्द से जल्द पुर गांव का पानी निकल जाए। सिंचाई विभाग ने उन्हें मोटर तो उपलब्ध करवा दी, लेकिन बिजली विभाग ने उन्हें कनेक्शन नहीं दिया। जिस लाइन से पानी निकासी होती है वह करीब ढाई किलोमीटर लंबी है। पानी निकासी के लिए हमने 3 दिन ट्रैक्टर लगाया, लेकिन उस पानी निकासी संभव नहीं हुई। मोटर तो लगा दी, लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं मिल रहा। जब बिजली निगम के अधिकारियों से मिलते हैं तो उनका कहना होता है कि पहले फाइल अप्लाई की जाएगी, उसके बाद कनेक्शन दिया जाएगा। वे फाइल अप्लाई करने भी गए थे, लेकिन साइट नहीं चलने के कारण फाइल अप्लाई नहीं हो पाई। विधायक को भी बताई समस्या
उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर विधायक कपूर वाल्मीकि से भी बात की थी, उन्होंने आश्वासन दिया था कि इसका जल्दी ही समाधान करवाया जाएगा। विधायक ने बिजली निगम के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि जल्दी ही कनेक्शन दे दिया जाएगा। लेकिन अब फिर से वे बिजली कनेक्शन देने की बजाय फाइल अप्लाई करने की बात पर अड़े हुए हैं। बिजली निगम का कहना है कि फाइल अप्लाई करने व एस्टीमेट तैयार होने तक वे कनेक्शन नहीं देंगे। इसमें चाहे 5 दिन लगो या 7 दिन। पानी भरने के कारण गांव में आने-जाने के रास्ते भी बंद हो चुके हैं। चारों तरफ मच्छर ही मच्छर हो रखे हैं, जिसके कारण बीमारियां पनप रही है। जहरीले जीवों का भी डर बना हुआ है और सबसे ज्यादा महिलाओं को दिक्कत हो रखी है। जिन्हें सुबह से शाम तक इसी पानी से होकर गुजरना पड़ता है। गांव में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, लेकिन श्मशान घाट तक जाने के लिए रास्ते में पानी भरा हुआ था। इसलिए मजबूरन ग्रामीण शव को चार कंधों की बजाय ट्रैक्टर ट्राली में रखकर श्मशान घाट तक ले गए। भिवानी के गांव पुर में जलभराव की समस्या के फोटो….