भिवानी के कर्नल का अहमदाबाद में निधन:बेटे का एडमिशन करवाने गए, इंस्टीट्यूट में ही हार्ट अटैक आया; 22 जुलाई को रिटायरमेंट थी

हरियाणा के जिले भिवानी के कर्नल शमशेर सिंह बिजारणिया का गुजरात के अहमदाबाद में निधन हो गया। वह अपने बेटे शुभम के एडमिशन के लिए माइका कॉलेज गए थे। वहां अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। सोमवार को उनके पैतृक गांव में सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। कर्नल शमशेर सिंह बिजारणिया भिवानी जिले के लोहारू उपमंडल के गांव ढाणी रहीमपुर के रहने वाले थे। उनकी कोलाबा (मुंबई) में तैनाती थी। कर्नल के चचेरे भाई रणवीर सिंह ने बताया है कि एडमिशन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद कर्नल की तबीयत बिगड़ी थी। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भाई ने बताया कि शमशेर सिंह 1990 में सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने 35 वर्षों तक भारतमाता की सेवा की। अब 22 जुलाई 2025 को वह रिटायर होने वाले थे। कर्नल के अंतिम संस्कार के 3 PHOTOS… पत्नी और बेटे के साथ अहमदाबाद गए थे
परिजनों के अनुसार, कर्नल का परिवार वर्षों से दिल्ली में रहता है। उनके परिवार में पत्नी और इकलौता बेटा शुभम है। कर्नल खुद भी अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। बीते शनिवार, 28 जून को वह बेटे शुभम का मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशंस, अहमदाबाद (MICA) में एडमिशन करवाने गए थे। एडमिशन प्रक्रिया के बाद हार्ट अटैक आया
उन्होंने इंस्टीट्यूट में एडमिशन की पूरी प्रक्रिया कराई। जब वह लौटने लगे तो अचानक उनके सीने में दर्द होने लगा। कर्नल शमशेर सिंह असहाय होकर जमीन पर गिर पड़े। उनके 25 वर्षीय बेटे ने उन्हें उठाया और नजदीकी अस्पताल ले गया। कर्नल की पत्नी भी उनके साथ थीं। अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत बताया। दिल्ली में सेना मुख्यालय में श्रद्धांजलि दी
इसके बाद शुभम ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को पैतृक गांव लाने की व्यवस्था की। घटना के बारे में सेना के मुख्यालय में भी सूचना दी गई। रविवार को कर्नल का शव अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया। वहां सेना के मुख्यालय में उच्चाधिकारियों ने कर्नल बिजारणिया को श्रद्धांजलि दी। तिरंगे में लपेटकर पैतृक गांव लाए गए
इसके बाद कर्नल की पार्थिव देह को तिरंगे में लपेटकर उनके पैतृक गांव ढाणी रहीमपुर के लिए रवाना किया गया। कर्नल का शव सोमवार सुबह गांव में पहुंचा। यहां परिजनों और रिश्तेदारों ने अंतिम दर्शन किए। इसके बाद अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। लोहारू के विधायक ने भी श्रद्धांजलि दी
शव यात्रा में लोहारू के विधायक राजवीर सिंह फरटिया और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद। शव के श्मशान घाट पहुंचने के बाद सेना की टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी। इसके बाद कर्नल के बेटे शुभम ने उन्हें मुखाग्नि दी। सरपंच बोले- जीवनभर राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि रखा
गांव के सरपंच राकेश शर्मा ने कहा कि कर्नल बिजारणिया ने जीवनभर राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि रखा। वह अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उनके निधन से परिवार और राष्ट्र को अपूरणीय क्षति हुई है।

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