मंडी की महिलाएं बना रहीं घरेलू उत्पाद:बड़ियां और कुमकुम बनाकर बेच रही, दूसरे प्रदेशों में बेच रही, मिल चुका है पुरस्कार

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के ग्राम पंचायत गौड़ा-गागल के सिहन गांव में नवज्योति स्वयं सहायता समूह महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन रहा है। समूह की महिलाएं घरेलू उत्पादों के निर्माण से न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा भी बन रही हैं। समूह की सदस्य महिलाएं बुनाई, सिलाई-कढ़ाई, बदाणा, बड़ियां और कुमकुम जैसे उत्पादों का निर्माण कर रही हैं। इन उत्पादों की मांग स्थानीय बाजारों के साथ-साथ आस-पास के जिलों से भी आ रही है। महिलाओं को संगठित कर प्रशिक्षण दिलवाया समूह की प्रधान माधुरी गुप्ता ने महिलाओं को संगठित किया और उन्हें प्रशिक्षण दिलवाया। शुरुआत में महिलाओं में संकोच था, लेकिन जब उन्हें समझ आया कि मेहनत से वे आगे बढ़ सकती हैं, तो सभी ने उत्साह से काम करना शुरू किया। चंडीगढ़-देहरादून में बिक रहे उत्पाद समूह के उत्पाद सरस मेलों में शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर, चंडीगढ़ और देहरादून तक बिक रहे हैं। बदाणा-सेपू बड़ी की मांग शिमला के प्रदेश सचिवालय, कांगड़ा और कुल्लू में है। मधु गुप्ता ने समूह की सदस्यों के अलावा गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिया है। उन्हें सिलाई-कढ़ाई के लिए मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। समूह को सर्वश्रेष्ठ समूह के रूप में 15 हजार रुपए का पुरस्कार भी मिल चुका है।

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