हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला प्रशासन ने मानसून के दौरान संभावित बाढ़, भूस्खलन और फ्लैश फ्लड से बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 30 (अ) के तहत आदेश जारी किए हैं। सभी विभागों को निर्देश जारी संवेदनशील क्षेत्रों में रह रहे श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाएगा। एनएचएआई, मोर्थ, जल विद्युत परियोजनाएं, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, नगर निकाय और पंचायतों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। ये विभाग अपने क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। अस्थायी झोपड़ी और टैंट लगे है कुछ परियोजना स्थलों और संवेदनशील क्षेत्रों के पास अस्थायी झोपड़ियां और टैंट लगे हैं। भारी बारिश, बाढ़ या भूस्खलन की स्थिति में ये खतरनाक हो सकते हैं, इसलिए मजदूरों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए हैं। नदियों व नालों के करीब न जाए वहीं आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारियों पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। जनता से अपील की गई है कि वे नदियों, नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में न जाए। आपात स्थिति में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।