मंडी में दो दिनों की मूसलाधार बारिश ने भारी नुकसान पहुंचाया है। डीसी अपूर्व देवगन के अनुसार, 30 जून की रात और 1 जुलाई की सुबह करसोग, थुनाग, गोहर, धर्मपुर और सदर उपमंडलों में बारिश और बादल फटने से 13 लोगों की मौत हो गई। 30 लोग अभी भी लापता हैं। जिले में 154 घर ढह गए हैं और यह संख्या 300-400 तक पहुंच सकती है। 105 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। 164 पशुओं की मौत हो गई है। 14 पुल बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रशासन ने 6 राहत कैंप स्थापित किए हैं। 354 लोगों को रेस्क्यू कर इन कैंप में पहुंचाया गया है। पड्डुल गुरुद्वारा, विपाशा सदन, थुनाग, बगगस्याड और त्रयांबड़ा माता मंदिर में स्याठी के 61 लोग ठहरे हैं। बाड़ा स्थित विश्रामगृह में 42 लोगों को ठहराया गया है। जिले को 15 करोड़ रुपए की सरकारी संपत्ति का नुकसान- DC
डीसी अपूर्व देवगन के अनुसार, सबसे अधिक नुकसान सराज क्षेत्र के थुनाग उपमंडल में हुआ है। सड़कें टूटने और भूस्खलन से राहत कार्य प्रभावित हो रहा है। दूरदराज के क्षेत्रों में घोड़े-खच्चरों से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हेलिकॉप्टर से कम ऊंचाई पर अनाज, सब्जियां, चाय और दालें गिराने की योजना है। जिले में 188 सड़कें अवरुद्ध हैं। धर्मपुर में 42, सराज में 37 और करसोग में 27 सड़कें बंद हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की पांच टीमें और सेना की एक टीम बचाव कार्य में जुटी हैं। थुनाग सब स्टेशन में बिजली बहाल होने से राहत कार्यों में तेजी आई है। डीसी के अनुसार, इस आपदा से करीब 115 करोड़ रुपए की सरकारी संपत्ति को नुकसान हुआ है।