हरियाणा के जींद बिजली निगम SE (अधीक्षक अभियंता) हरिदत्त को सरकार ने बहाल कर दिया है। 16 अप्रैल 2025 को बिजली मंत्री अनिल विज के आदेश पर उन्हें सस्पेंड किया गया था। एसई हरिदत्त के पास शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने किसान के खेत कनेक्शन को लेकर फोन किया था, लेकिन कई बार फोन करने पर भी एसई ने फोन नहीं उठाया। बाद में भी एसई की तरफ से दोबारा कॉल नहीं की गई। वहीं डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने भी दो गांवों को जगमग योजना में जोड़ने के निर्देश दिए थे, जिन पर एसई द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इसके चलते डिप्टी स्पीकर मिड्ढा ने भी सरकार को एसई के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा था। इसके बाद चंडीगढ़ में अनिल विज की अध्यक्षता में बिजली निगम के अधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक में भी एसई हरिदत्त का मामला उठा, जिसके बाद बिजली मंत्री अनिल विज ने एसई के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसी दिन शाम को ही DHBVNL हिसार अधीक्षक अभियंता प्रशासन की तरफ से हरि दत्त के सस्पेंशन के आदेश जारी कर दिए थे। एमडी बिजली निगम को रिपोर्टिंग करेंगे SE बिजली निगम के नए आदेशों में कहा गया है कि हरिदत्त अधीक्षण अभियंता, जिन्हें कार्यालय आदेश संख्या 290/एसई/प्रशासन दिनांक 23 अप्रैल 2025 के तहत निलंबित कर दिया गया था, को उनके विरुद्ध लंबित विभागीय कार्रवाई आदि पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाता है। पुनर्नियुक्ति पर अधिकारी के संबंध में नियुक्ति आदेश बाद में अलग से जारी किया जाएगा। नियुक्ति आदेश जारी होने तक वे एसई/प्रशासन, डीएचबीवीएनएल, हिसार के कार्यालय में रिपोर्ट करेंगे। इसमें प्रबंध निदेशक, डीएचबीवीएनएल हिसार का अनुमोदन शामिल है। हाईकोर्ट चले गए थे SE हरिदत्त सस्पेंशन की अवधि के दौरान हरिदत्त का मुख्यालय डीएचबीवीएनल दिल्ली हेड ऑफिस निर्धारित किया गया था। इसके बाद SE हरिदत्त ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस मामले में सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से दलील दी गई कि सस्पेंड अधिकारी की डिवीजन में बहुत कम रिकवरी रही थी। इस कारण से उसे सस्पेंड किया गया है। बताया गया कि अधिकारी के खिलाफ विभाग चार्जशीट की तैयारी कर रहा है। इस पर हाईकोर्ट ने यह कहते हुए दलीलों को खारिज कर दिया कि यह आदेश बिना किसी तर्क के और तकनीकी रूप से निरस्त किए जाने योग्य है। प्रतिवादी यानी सरकार को कानून के अनुसार नया आदेश पारित करने के लिए स्वतंत्रता है। सरकार ने दूसरी बार किया था सस्पेंड सरकार ने 16 अप्रैल 2025 को हरिदत्त को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद वे हाईकोर्ट गए बावजूद सरकार ने हरिदत्त को 23 अप्रैल को फिर से सस्पेंड कर दिया था। हाईकोर्ट ने विज के फैसले पर सस्पेंशन का कारण नहीं बताने को आधार बनाते हुए रोक लगा दी थी और साथ ही ये कहा था कि किसी कारण के साथ सरकार चाहे तो वह इस मामले में नए आदेश कर सकती है। इसके बाद सरकार ने दोबारा से सस्पेंशन का लेटर जारी कर दिया था। इन 2 कारणों से SE को सरकार ने सस्पेंड किया था..