मंत्री विक्रमादित्य बोले- राजा-टिक्का कहकर न बुलाए:नाम से संबोधन करें; जन्मदिन के खास मौके पर की अपील, बुशहर रियासत के 123वें राजा हैं सिंह

हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह का एक सोशल मीडिया पोस्ट खूब चर्चा में आया है। इसमें विक्रमादित्य ने अपने आपको को राजा और टिक्का कहकर नहीं पुकारने की अपील की है। दरअसल, बीते कल विक्रमादित्य सिंह का जन्मदिन था। काफी संख्या में लोगों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। इसमें लोगों ने उन्हें राजा और टिक्का लिखा- इस पर मंत्री विक्रमादित्य ने लिखा- बहुत से लोग स्नेह, सम्मान और आत्मीयता से मुझे ‘राजा जी’ या ‘टिक्का जी’ कहकर पुकारते हैं। इस स्नेह और अपनापन के लिए मैं आप सभी का हृदय से आभारी हूं। किन्तु समय के साथ जीवन और समाज की सोच भी आगे बढ़ी है। आज के युग में ऐसे संबोधन हमारे गौरवशाली इतिहास का हिस्सा अवश्य हैं, परन्तु वर्तमान में इनकी आवश्यकता नहीं रह गई है। मेरी बस यही विनम्र इच्छा है कि आप सभी मुझे मेरे नाम से पुकारें। यही मेरे लिए सबसे बड़ा स्नेह और सम्मान होगा। शिमला ग्रामीण से दूसरी बार MLA विक्रमादित्य सिंह पहले भी कई बार उन्हें नाम से संबोधित करने का आग्रह कर चुके हैं। जन्मदिन के खास मौके पर उन्होंने दोबारा जनता से अपील की है। वह, वर्तमान में शिमला ग्रामीण से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं और कांग्रेस सरकार में PWD व शहरी विकास मंत्री का दायित्व निभा रहे हैं। वीरभद्र के निधन के बाद बुशहर रियासत के राजा बने सिंह बता दें कि हिमाचल के छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह का 8 जुलाई 2021 को निधन हो गया था। रामपुर रियासत में यह प्रथा रही है कि राजा का अंतिम संस्कार तब तक नहीं होता, जब तक अगले उत्तराधिकारी का राजतिलक न हो, क्योंकि राज गद्दी को खाली नहीं छोड़ा जाता। 10 जुलाई 2021 को राजतिलक इसलिए 10 जुलाई को वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार से पहले पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते हुए रामपुर बुशहर स्थित पद्म पैलेस में विक्रमादित्य सिंह का राजगद्दी पर राजतिलक किया गया। उसी दिन विक्रमादित्य सिंह बुशहर रियायत के 123वें राजा बने। बुशहर रियासत भगवान कृष्ण की वंशावली से संबंधित मानी जाती है।

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