मजीठिया की पेशी से जुड़े मामले इंस्पेक्टर पर होगी FIR:चाबी के लिए चौकीदार से की थी मारपीट; अगली पेशी एक को

आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से मिलने के लिए आज शिरोमणि अकाली दल के तीन नेता मुलाकात के लिए पटियाला स्थित न्यू नाभा जेल गए थे। लेकिन उन्हें जेल में प्रवेश करने से रोक दिया यगा। जिससे उनकी मजीठिया से मुलाकात नहीं हो पाई। यह जानकारी खुद डॉ. दलजीत सिंह चीमा की तरफ से अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर दी। वहीं, मजीठिया की पेशी से जुड़े मामले में अदालत में चौकीदार से मारपीट मामले में अदालत ने थानाप्रभारी, सोहाना को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जारी किया, जिसमें कहा गया कि पुलिस अधिकारी इंस्पेक्टर जशनप्रीत सिंह ने ड्यूटी के दौरान अपनी सीमा से परे जाकर कोर्ट चौकीदार बलजीत सिंह से दुर्व्यवहार किया और उसकी पिटाई की। चाबी के लिए चौकीदार से मारपीट की थी 6 जुलाई 2025 विक्रम मजीठिया की पेशी के दौरान कोर्ट परिसर के एक गेट को खुलवाने के लिए को इंस्पेक्टर जशनप्रीत सिंह चौकीदार से उलझ पड़े थे। चौकीदार द्वारा न्यायिक अनुमति मांगे जाने पर, इंस्पेक्टर ने उससे जबरन चाबी छीनकर उसे धक्का दिया और मुक्के मारे। घटना के तुरंत बाद इसकी जानकारी अदालत के सीनियर सिविल जज अनिश गोयल को दी गई, जिन्होंने बलजीत सिंह को मेडिकल जांच कराने को कहा। बाद में बलजीत सिंह ने पुलिस को कार्रवाई से इनकार कर दिया, लेकिन रीडर ने इसे राज्य के खिलाफ अपराध बताते हुए औपचारिक शिकायत अदालत में दायर की। पुलिस जांच के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं किया गया, जिसके बाद अदालत ने सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन कर पाया कि इंसपेक्टर के व्यवहार आपराधिक तत्व हैं। न्यायालय ने यह भी कहा कि यह मामला व्यक्तिगत विवाद नहीं बल्कि ड्यूटी पर तैनात एक सरकारी कर्मचारी के साथ की गई हिंसा है। जो गैर-संधीय अपराध है और राज्य के खिलाफ अपराध माना जाता है। अतः, थाना सोहाना को निर्देश दिए गए हैं कि वह जशनप्रीत सिंह के खिलाफ बीएनएस की धाराओं 115(2), 132, 221, 304 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच करें। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई आज की निर्धारित की है। मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है मजीठिया से मिलने से रोके जाने के बाद अकाली दल के नेता डॉ चीमा ने पोस्ट में लिखा है कि अत्यंत निंदनीय! सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के निर्देश पर, नाभा जेल ने अकाली दल के तीन वरिष्ठ नेताओं- महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा और सिकंदर सिंह मलूका को जेल में प्रवेश से रोक दिया। यह जेल मैनुअल और मानवाधिकारों का उल्लंघन है और विपक्ष को चुप कराने और डराने की आम आदमी पार्टी की बदले की राजनीति को उजागर करता है। याद रहे कि उन्होंने आज ढाई बजे मिलने की योजना बनाई थी। अदालत से नहीं मिली राहत, एक को सुनवाई मजीठिया की जमानत याचिका पर आज मोहाली अदालत में सुनवाई हुई। लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली है। जमानत याचिका पर आज सुबह 10:30 बजे से दोपहर 3 बजे तक सुनवाई हुई, जिसमें दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। अदालत ने अब इस मामले की अगली सुनवाई एक अगस्त तक के लिए टाल दी है, उस दिन भी बहस जारी रहेगी। पिछली सुनवाई में सरकार की ओर से मजीठिया की बैरक बदलने से जुड़ी याचिका पर जवाब दाखिल कर दिया गया था। फिलहाल मजीठिया 2 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में हैं और पटियाला की न्यू नाभा जेल में बंद हैं। अमृतसर से किया था मजीठिया को अरेस्ट मजीठिया को विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को अमृतसर से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी आय से अधिक संपत्ति जुटाई है। इससे पहले 2021 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मजीठिया पर एनडीपीएस एक्ट के तहत भी केस दर्ज हुआ था। जिसमें अब तक पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चटोपाध्याय और ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर समेत 6 लोगों के बयान दर्ज हो चुके हैं। पंजाब, हिमाचल, दिल्ली और यूपी में मजीठिया की संपत्तियों पर छापेमारी हो चुकी है। सरकार का कहना है कि उसके पास पुख्ता सबूत हैं, जबकि मजीठिया के वकील इसे राजनीति से प्रेरित और बेबुनियाद मामला बता रहे हैं।

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