पंजाब में आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार शिअद नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को 4 जुलाई को भी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई तो हुई, लेकिन कोई फैसला नहीं आया। दूसरी तरफ मोहाली अदालत ने दिल्ली और शिमला के पुलिस कमिश्नरों को निर्देश दिए कि वे विजिलेंस की जांच में पूरा सहयोग करें। यह आदेश उन फर्जी कंपनियों की तलाशी और सीज की कार्रवाई को लेकर दिए गए हैं, जिनमें मजीठिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। इससे पहले दिल्ली और शिमला पुलिस ने विजिलेंस की रेड में मदद नहीं की थी। याचिका क्यों खारिज हुई? सरकारी वकील के अनुसार, मजीठिया के वकीलों द्वारा जो एप्लिकेशन दाखिल की गई थी, वह कानूनी रूप से सही नहीं थी, इसलिए उसे वापस ले लिया गया। वहीं मजीठिया के वकीलों ने दलील दी कि रिमांड ऑर्डर में तारीख को लेकर भ्रम है- कल जो आदेश आया था उसमें 6 जून लिखा था, जबकि आज जो आदेश मिला उसमें 6 जुलाई लिखा है। इसी कारण सुनवाई आगे नहीं बढ़ पाई। आगे क्या होगा? मजीठिया के वकीलों ने कहा है कि वे आज ही नई एप्लिकेशन दाखिल करेंगे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। मजीठिया का आरोप- गलत तरीके से पुलिस हिरासत में रखा मजीठिया की याचिका में गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार देते हुए रिमांड आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। मजीठिया का आरोप है कि उन्हें गलत तरीके से पुलिस हिरासत में रखा गया है। 25 जून को सुबह 9 बजे के करीब पुलिस उनके अमृतसर स्थित घर पहुंच गई थी। लेकिन 11 बजकर 20 मिनट तक उन्हें अवैध हिरासत में रखा। उन्होंने मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है। अकाली दल का कहना यह केस उस खारिज रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया है। जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया था। शीर्ष कोर्ट में भी पंजाब सरकार के वकीलों ने यही तथ्य रखे थे। इससे पहले दो जुलाई को मजीठिया को 7 दिन का रिमांड खत्म होने पर पेश किया गया। कोर्ट ने विजिलेंस ने जांच में उनकी प्रॉपर्टी को लेकर नए चीजें सामने रखी। साथ ही कहा कि यूपी के गोरखपुर जाकर मामले की जांच करनी है। कोर्ट ने सारे तथ्य सुनने के बाद चार दिन का रिमांड दिया है। रविवार को उनका रिमांड खत्म हो रहा है। 9 प्वाइंटों में जाने गिरफ्तारी से अब तक की कहानी 1. 25 जून को अमृतसर से गिरफ्तारी विजिलेंस ब्यूरो ने 540 करोड़ रुपए ड्रग मनी से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में 25 जून की सुबह साढ़े 4 बजे केस दर्ज किया। इसके बाद राज्य के 26 स्थानों पर मजीठिया से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई। फिर सुबह साढ़े 11 बजे के बाद मजीठिया को अमृतसर स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और अन्य दस्तावेज बरामद करने का दावा किया। दावा किया गया कि ये मजीठिया से मिली हैं। 2. मोहाली कोर्ट ने 7 दिन का रिमांड दिया 26 जून को विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को मोहाली अदालत में पेश किया। मगर, इस दौरान विजिलेंस ने मीडिया के सामने मजीठिया को नहीं आने दिया। पहली बार 4 गेटों को बंद कर दो बजे तक आम जनता को रोका गया और मजीठिया को पेश किया गया। 3 जिलों की पुलिस वहां तैनात की। साथ ही वहां पहुंचे अकाली वर्करों को हिरासत में लिया। इस दौरान अदालत में विजिलेंस ने 12 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन उन्हें 7 दिन की ही मिली। 3. पूर्व डीजीपी ने दर्ज करवाए बयान
27 जून को इस मामले में पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की एंट्री हो गई। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस के ऑफिस में पहुंचकर अपने बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि 2021 में जब वह डीजीपी के पद पर तैनात थे, उस समय मजीठिया पर एनडीपीएस का केस दर्ज हुआ था। ऐसे में विजिलेंस को अपने बयान दर्ज करवाकर आया हूं, उन्हें केस की सारी हिस्ट्री बताकर आया हूं, क्योंकि यह केस उसी मामले पर आधारित है। 4. ईडी के पूर्व डायरेक्टर की स्टेटमेंट 28 जून को ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने विजिलेंस मुख्यालय पहुंचकर बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि 2013 में जब ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्डरिंग केस की जांच हुई थी, उस समय उन्होंने करीब 41 लोगों से पूछताछ की थी। उस समय ड्रग तस्करी केस के आरोपी जगदीश भोला और अन्य लोगों ने मजीठिया का नाम स्टेटमेंट में लिया था। मैंने सब विजिलेंस को बताया है। अब विजिलेंस यह स्टेटमेंट ईडी से मांग सकती है। 5. बोनी अजनाला भी मजीठिया के खिलाफ आए 29 जून को पूर्व विधायक बोनी अजनाला ने विजिलेंस ऑफिस पहुंचकर बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि 2013 में जो पत्र उन्होंने तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल और डीजीपी को लिखा था, उसी को बताकर आया हूं। उन्होंने दावा किया कि बिक्रम मजीठिया ने नशा तस्करी से जुड़े सत्ता और पिंडी को अपना जिगरी यार कहकर अपने घर पर उनसे मिलवाया था। इसी दिन शाम को मजीठिया के पूर्व पीए और आम आदमी पार्टी के नेता दलबीर गिल ने अपने बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी सारी जानकारी विजिलेंस को बताई है। 6. विजिलेंस शिमला लेकर गई 30 जून को विजिलेंस ब्यूरो की टीमें मजीठिया को पंजाब और हिमाचल के विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध प्रॉपर्टी की निशानदेही के लिए लेकर गई थी। विजिलेंस का आरोप है कि मजीठिया ने जांच में सहयोग नहीं किया, जिससे उन्हें मुश्किल आई है। मनिंदर सिंह उर्फ बिट्टू और जगजीत सिंह चहल ने अपने बयान दर्ज करवाए हैं। उन्होंने कहा कि 2010 तक उनके मजीठिया से अच्छे संबंध रहे हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि ड्रग केस की भी दोबारा जांच होनी चाहिए। उधर, पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा वह भी मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस को बयान दर्ज करवाने के लिए तैयार हैं। 7. एनसीबी की हुई एंट्री दो जुलाई को सामने आया कि अब इस मामले की जांच NCB भी करेगी। NCB ने पंजाब विजिलेंस ब्यूरो से केस बारे रिकॉर्ड मांगा है। इसका पंजाब सरकार ने विरोध किया और कहा कि ऐसा कर केंद्र सरकार अपनी पुरानी साझीदार पार्टी के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को बचाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा मजीठिया को लेकर पंजाब के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ में एक साथ रेड की गई। मजीठिया को लेकर पुलिस अमृतसर तक गई। वहीं, मजीठिया ने रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर की है। 8. चार दिन का और रिमांड मिला 2 जुलाई को विजिलेंस ने 7 दिन का रिमांड खत्म होने पर मजीठिया को मोहाली कोर्ट में पेश किया। विजिलेंस ने कहा कि मजीठिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। शिमला की प्रॉपर्टी का कागजों में बहुत थोड़ा जिक्र है, लेकिन वह बहुत बड़ा हिस्सा है। दिल्ली में ‘सैनिक फार्म’ नाम से एक फार्महाउस है। इसको पहले नीलाम किया गया था लेकिन बाद में मजीठिया के पिता द्वारा दोबारा खरीदा गया। यह उस समय खरीदा गया जब मजीठिया पंजाब सरकार में मंत्री थे। जालंधर में ‘ग्रीन एवेन्यू’ नाम की एक सोसाइटी विकसित की गई है, जिसमें मजीठिया की पत्नी की 25% हिस्सेदारी है। वहीं, सैनिक फार्म की मौजूदा कीमत सैकड़ों करोड़ आंकी गई है। इसके अलावा गोरखपुर में भी प्रॉपर्टी है। वहां भी लेकर जाना है। ऐसे में 4 दिन का रिमांड मिला है। 9 हाईकोर्ट में सुनवाई हुई बिक्रम सिंह मजीठिया द्वारा रिमांड को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। लेकिन रिमांड की कॉपी अदालत में न पहुंचने से सुनवाई टाल दी गई। आज अदालत में फ्रेश ऑर्डर पहुंचेंगे। इसके बाद इस मामले की अदालत में सुनवाई होगी।