बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता पुनरीक्षण का काम चल रहा है। शुक्रवार तक राज्य के 6,86,17,932 मतदाताओं तक गणना प्रपत्र पहुंच गया है। राज्य में कुल 7.90 करोड़ वोटर हैं। निर्वाचन आयोग के उपनिदेशक पी. पवन ने बताया कि बिहार के 1.5 लाख करोड़ घरों में बीएलओ का पहला दौरा पूरा हो गया है। जिन मतदाताओं को अबतक गणना फॉर्म नहीं मिला है या जिनका घर बंद है और दूसरे राज्यों में हैं, उनके घर पर बीएलओ तीन बार जाएंगे। यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। अभी तक मतदाताओं के हस्ताक्षरित 38 लाख गणना फॉर्म बीएलओ को मिल चुका है। यह कुल गणना फॉर्म का पांच प्रतिशत है। उपनिदेशक ने कहा कि अब तक राजनीतिक दलों के 1,54,977 बीएलए की नियुक्ति की गई है। सभी बीएलए पुनरीक्षण कार्य में सहयोग दे रहे हैं। प्रत्येक बीएलए प्रतिदिन अधिकतम 50 प्रमाणित प्रपत्र जमा कर सकते हैं। इसमें भाजपा के 52,689, राजद के 47,504, जदयू के 34,669, कांग्रेस के 16,500, राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी के 1,913, भाकपा-माले के 1,271, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के 578, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के 270 और अन्य दलों में शामिल बसपा के 74, एनपीपी के 3 और आप के 1 बीएलए शामिल है। उपनिदेशक ने कहा कि 25 जुलाई तक प्री-प्रिंटेड गणना प्रपत्र हस्ताक्षर कर जमा करना अनिवार्य है। गणना प्रपत्र जमा करने वाले मतदाताओं का नाम एक अगस्त को प्रकाशित होने वाली ड्राफ्ट में शामिल होगा। इस पर दो अगस्त से दावा-आपत्ति ली जाएगी। 30 सितंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। उपनिदेशक ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर भरने की सुविधा है। ऑनलाइन अपलोड किए गए फॉर्मों का सत्यापन शुरू कर दिया गया है। विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान सभी पात्र व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा।