मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट:सीनियर डिप्टी मेयर ने सचिव से मांगी जानकारी, स्टेशन प्वाइंट सर्वे करवाएगा निगम

मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट को लेकर अभी भी नगर निगम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है। अभी तक यही पता नहीं लग पाया है कि वहां पर निर्माणाधीन जमीन कितनी है और खाली जमीन कितनी पड़ी है। सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह की तरफ से अब नगर निगम सचिव से इस संबंधी पूरी जानकारी मांगी गई है। दूसरी तरफ जमीन का सही आकलन करने के लिए स्टेशन प्वाइंट सर्वे करवाने के लिए नगर निगम की तरफ से कार्रवाई की जा रही है। लगातार खटाई में पड़ रहा मनीमाजरा हाउसिंग प्रोजेक्ट
नगर निगम की तरफ से मनीमाजरा की पॉकेट नंबर 6 की जगह को आक्शन के जरिए बेचने की कार्रवाई की जा रही है। जिसे लेकर यूटी प्रशासन के आर्किटेक्ट विभाग की तरफ से बनाए गए जॉनिंग प्लान पर ही सवाल खड़े हो गए थे। इसके बाद नगर निगम में विवाद के बाद कमेटी बनाई गई तो जगह की पैमाइश हुई। इसके बाद जगह कम पाई गई तो विवाद और बढ़ गया है। सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह और डिप्टी मेयर तरुणा मेहता समेत कई पार्षदों का कहना है कि प्रोजेक्ट के लिए गोलमाल किया जा रहा है।
सीनियर डिप्टी मेयर ने मांगी जानकारी
सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह की तरफ से नगर निगम सचिव को पत्र लिखा गया है और पूछा गया है कि यह बताया जाए कि यह जमीन कब अधिगृहीत की गई थी। भूमि के एकड़ में दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध करवाएं, जिससे यह स्पष्ट हो कि अधिसूचित क्षेत्र समिति ने भूमि को नगर निगम को हस्तांतरित किया था। उनकी तरफ से भूमि रिकॉर्ड, खसरा खतोनी नंबर की मांग की गई है। जिसपर सीनियर डिप्टी मेयर ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन के आर्किटेक्ट विभाग के अनुसार, उक्त भूमि की लेआउट योजना माननीय सचिव, शहरी नियोजन द्वारा दिनांक 21.03.25 को स्वीकृत की गई थी। फाइल नंबर M72, चित्र संख्या 104, जॉब 77, दिनांक 24.03.25 के अनुसार भूमि का क्षेत्रफल 33.55 एकड़ दर्शाया गया है। कृपया स्पष्ट किया जाए कि वास्तविक क्षेत्रफल 33.55 एकड़ ही है या कुछ और। यह भी बताने की कृपा करें कि क्या इस विषय की समीक्षा चंडीगढ़ प्रशासन के वास्तु विभाग या नगर निगम विभाग द्वारा की गई है या इसमें कोई भ्रामक जानकारी दी गई है। अब स्टेशन प्वाइंट सर्वे में पता चलेगी सही स्थिति
नगर निगम की तरफ से इससे पहले मेनुअल सर्वे करवाया गया है। नगर निगम के एक्सीयन और अर्बन डिवेलपमेंट प्लानिंग डिपार्टमेंट की तरफ से इसकी दो अलग अलग रिपोर्ट पेश की गईं। इस पर तर्क दिया गया है कि जमीन टेडी है और इस कारण ही जगह की पैमाइश सही से नहीं हो पाई है। यही कारण है कि अब यह फैसला लिया गया है कि अब स्टेशन प्वाइंट सर्वे करने का फैसला लिया गया है। जिससे जमीन का सही आकलन किया जा सके। इसके बाद न्या जॉनिंग प्लान भी बनाने की आवश्यकता पड़ सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *