‘मैडम जी स्कूल खोल दो। गेट खोल दो, आंटी जी गेट खोल दो। हम लोग यहीं पर पढ़ेंगे, कहीं नहीं जाएंगे।’ महराजगंज में सोमवार को एक प्राइमरी स्कूल के बाहर कुछ ऐसा ही नजारा रहा। बच्चे स्कूल बंद किए जाने की बात पर रोते रहे। इसका वीडियो भी सामने आया। लेकिन, अब विभागीय जांच में पूरा मामला फर्जी निकला। डीएम संतोष कुमार का दावा है कि स्कूल की प्रिंसिपल ने बच्चों से रोने का ड्रामा कराया। बच्चों के पेरेंट्स को भी स्कूल के बाहर ड्रामा करने के लिए बोला था। वीडियो सामने आने के बाद जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि इस स्कूल का नाम तो मर्ज लिस्ट में नहीं है। जिसके बाद पूरी सच्चाई सामने आ गई। प्रिंसिपल कुसुमलता पांडे को निलंबित किया गया है। 2 फोटो देखिए… अब विस्तार से जानिए पूरा घटनाक्रम प्रिंसिपल का दावा- बगल के गांव में स्कूल मर्ज
महराजगंज में परतावल ब्लॉक के रुद्रपुर भलुही गांव में प्राथमिक विद्यालय है। कुसुमलता पांडेय के पास इस स्कूल का प्रभार है। उनके अलावा एक टीचर और यहां तैनात है। प्रिंसिपल ने सोमवार को दावा किया था कि इस स्कूल को गांव से 1 किलोमीटर दूर करनौती प्राइमरी स्कूल में मर्ज कर दिया गया है। यह भी बताया कि शुक्रवार को खंड शिक्षा अधिकारी ने इस स्कूल को शिफ्ट करने का मैसेज वॉट्सऐप पर भेजा था। सरकार के फैसले के अनुसार जिस सरकारी स्कूल में 50 से कम बच्चे होंगे, उन्हें दूसरे स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा। इससे बच्चे और उनके परिजन परेशान हैं। सोमवार सुबह कुसुमलता पाण्डेय जरूरी कागज लेने के लिए स्कूल पहुंचीं, तो बच्चे भी स्कूल आ गए। स्कूल का गेट पकड़कर रोने लगे। स्कूल के लिए बच्चों का ऐसा लगाव देखकर प्रधानाचार्य कुसुमलता पाण्डेय भी रोने लगीं। पेरेंट्स बच्चों से वापस चलने के लिए कहते रहे, लेकिन बच्चे गेट छोड़ने को तैयार नहीं थे। प्रिंसिपल ने बच्चों से कहा- चलो करनौती चलो, पढ़ाई मत छोड़ो। मगर बच्चे एक ही बात पर अड़े रहे कि वे किसी और स्कूल में नहीं जाएंगे। बच्चे काफी देर तक स्कूल के बाहर बैठकर रोते रहे। बाद में परिजन बच्चों को समझाकर घर ले गए डीएम ने कहा- स्कूल में पहले की तरह पढ़ाई हो रही है
जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने वीडियो जारी कर बताया, मर्जर नीति के तहत भलुही गांव का स्कूल शामिल नहीं है। पहले की तरह स्कूल में पठन-पाठन का काम चल रहा है। लेकिन गलत तरीके से स्कूल की प्रिंसिपल ने स्कूल बंद कर बच्चों को बहलाते हुए रोने का वीडियो बनाकर वायरल किया गया है। जो गलत है। समय से स्कूल ना खुलने को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। प्रिंसिपल ने जो किया वो गलत है- सूचना अधिकारी
सूचना अधिकारी प्रभाकर मणि त्रिपाठी ने बताया, सरकारी कर्मचारियों का काम होता है, सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाना। ना कि उनको गलत तरह से दिखाना। जो प्रिंसिपल ने किया वो बिल्कुल गलत है। इसमें शामिल पेरेंट्स पर भी जांच के बाद एक्शन लिया जाएगा। उन लोगों ने भी अपने बच्चों को इस झूठ में शामिल किया। ——————- यह खबर भी पढ़ें- यूपी में महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में 1% की छूट: 15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियां कबाड़ होंगी, विधानमंडल का मानसून सत्र 11 अगस्त से यूपी की करीब 12 करोड़ महिलाओं को योगी सरकार ने बड़ी सौगात दी है। अब एक करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टांप ड्यूटी पर एक फीसदी की छूट मिलेगी। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को यह फैसला लिया है। सरकार के मुताबिक, पुरुषों के लिए स्टांप ड्यूटी 7 फीसदी और महिलाओं के लिए 6 फीसदी रहेगी। अभी तक यह छूट केवल 10 लाख तक की संपत्ति खरीद पर थी। स्टांप ड्यूटी में छूट का सुविधा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं के नाम पर संपत्ति रजिस्ट्री कराने वाले लाभार्थियों को मिलेगी। स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा, यह पहल प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम है। सरकार महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। पढ़ें पूरी खबर…