बिहार राज्य महिला आयोग ने आज पटना के महिला थाना का निरीक्षण किया। यह कदम तब उठाया गया जब आयोग को लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं कि थाने में महिलाओं के साथ व्यवहार सम्मानजनक नहीं है और वहां उनके लिए मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। इस निरीक्षण के दौरान आयोग की अध्यक्ष अप्सरा और सदस्य श्यामा सिंह खुद मौजूद थीं। महिला थाना को दी गई जल्द सुधार की चेतावनी उन्होंने थाने में महिला आगंतुकों के लिए बैठने, संवाद और गोपनीय बातचीत के लिए जरूरी बंदोबस्तों की कमी को लेकर असंतोष व्यक्त किया। टीम को यह भी देखने को मिला कि कुछ पुलिसकर्मियों के व्यवहार में आवश्यक संवेदनशीलता का अभाव है, जो महिला शिकायतकर्ताओं के लिए चिंता का विषय है। जब आयोग ने थाना प्रबंधन से इस स्थिति की सफाई मांगी तो कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इसके बाद आयोग ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अध्यक्ष अप्सरा ने स्पष्ट किया कि महिला आयोग अब केवल सुनवाई तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जमीनी हकीकत को भी परखकर ही कार्रवाई करेगा। बेऊर सेंट्रल जेल और वन स्टॉप सेंटर का भी निरीक्षण किया था इससे पहले महिला आयोग की टीम बेउर सेंट्रल जेल और वन स्टॉप सेंटर का भी निरीक्षण कर चुकी है। आयोग ने जेल में महिला कैदियों की स्थिति, उनके साथ हो रहे व्यवहार, सुविधाओं और सुरक्षा उपायों के लिए समीक्षा की थी। वहीं, वन स्टॉप सेंटर में करीब एक घंटे तक निरीक्षण करने के बाद पाया गया कि कार्यालय में मात्र तीन कर्मचारी उपस्थित थे- एक महिला सिपाही, एक सफाईकर्मी और एक कंप्यूटर ऑपरेटर। ये तीनों एक विजिटर महिला के साथ केंद्र में मौजूद थे। बाकी सभी पदाधिकारी और कर्मी अपने कार्यस्थल से गायब मिले थे।