गुरुग्राम के मानेसर में शहरी स्थानीय निकायों के पहले राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल, भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह शामिल हुए। मंच पर पहली पंक्ति में राव इंद्रजीत और मनोहरलाल खट्टर साथ बैठे थे, लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई, जिससे सियासी माहौल को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। इस बीच “डिनर डिप्लोमेसी” से जुड़े सवालों पर राव इंद्रजीत ने प्रतिक्रिया देने से बचते हुए सिर्फ इतना कहा, “कुछ नहीं था”, और भीड़ का हवाला देते हुए आगे बढ़ गए। वहीं, मनोहरलाल ने भी किसी भी मुद्दे पर बोलने से साफ इनकार कर दिया। डिनर डिप्लोमेसी पर बात करने से बचे इस सम्मेलन के बारे में राव इंद्रजीत ने कहा कि आज मानेसर में आयोजित दो दिवसीय “शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन” में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ। स्थानीय स्वशासन लोकतंत्र की नींव है, जहां जनता की भागीदारी से नीति निर्माण होता है। नगर निकायों की नियमित, मर्यादित बैठकों और जवाबदेही भरे संचालन से पारदर्शिता और विकास संभव है। हमारी समृद्ध लोकतांत्रिक परंपरा संवाद, सहभागिता और उत्तरदायित्व पर आधारित रही है इन्हीं मूल्यों को सशक्त करते हुए भारत को ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ के रूप में मजबूत बनाना है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह पहल भारत की विकास यात्रा में एक निर्णायक नीति का काम करेगा। डिनर डिप्लोमेसी को लेकर पूछे गए सवाल पर सिर्फ इतना कहा कि कुछ नहीं कुछ नहीं, इसके बाद वो भीड़ ज्यादा होने पर चले गए। स्थानीय निकास लोकतंत्र की नींव वहीं कैलाश विजय वर्गीय ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय हमारे लोकतंत्र की नींव हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की जड़ें जितनी गहरी स्थानीय स्तर पर सिंचित होंगी, हमारा राष्ट्र उतना ही सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनेगा। यह सम्मेलन हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को और अधिक सशक्त करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के स्वप्न को साकार करने की दिशा में अहम कदम है।