मोहाली की स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (SSOC) ने प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) के मुख्य ऑपरेटिव और अमेरिका में बैठे SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के करीबी सहयोगी रेशम सिंह को गिरफ्तार किया है।रेशम सिंह को फिल्लौर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा से तोड़फोड़ और राज्यभर में खालिस्तान समर्थक ग्राफिटी करने के आरोप में पकड़ा गया है। आरोपी के बैंक खातों की पड़ताल करने से पता चला है कि आरोपी ने 10 लाख की फंडिंग हुई थी । वहीं अब यह पता लगाया जा रहा है कि वह कितने सालों से फंडिंग हो रही थी। इसकी क्या-क्या प्रॉपर्टी है पिछले 6 सालों की इसकी प्रॉपर्टी का सारा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है ताकि आने वाले समय में संपत्ति को भी अटैच कराया जा सके। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जांच में सामने आया है कि अमेरिका में बैठे सुरिंदर सिंह ठिकरीवाल, जो कई यूएपीए मामलों में वांछित है और SFJ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के निर्देश पर आरोपी ने जून 2025 के पहले सप्ताह में फिल्लौर के नंगल में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया। बरनाला के गांव का रहने वाला है रेशम आरोपी रेशम सिंह, जो बरनाला के गांव हमीदी का रहने वाला है, ने पटियाला, फरीदकोट, जालंधर सहित कई जिलों में SFJ और खालिस्तान समर्थक ग्राफिटी की और तब से फरार था। डीजीपी ने कहा, “मई 2025 में भारत-पाक तनाव के दौरान, रेशम सिंह ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ जैसे भड़काऊ नारे लिखे ताकि जनता में अशांति फैलाई जा सके और देशविरोधी भावना फैले।”उन्होंने बताया कि आरोपी को इन गतिविधियों के लिए विदेश से फंडिंग भी मिल रही थी। पहले भी हो चुका गिरफ्तार रेशम सिंह पहले भी दो UAPA मामलों—करनाल (हरियाणा) और संगरूर—में देशविरोधी ग्राफिटी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है।इस केस में आगे की जांच जारी है ताकि इसके नेटवर्क के अन्य सदस्यों की जानकारी मिल सके। एआईजी एसएसओसी मोहाली रवजोत ग्रेवाल ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी दीवारों और पुलों पर ऐसे नारे लिख रहा है जो विद्रोह और अलगाववाद को बढ़ावा देते हैं।सूचना के आधार पर SSOC की टीम ने खुफिया ऑपरेशन चलाकर मोहाली के खरड़ से रेशम सिंह को गिरफ्तार किया, जहां उसे सुरिंदर ठिकरीवाल ने छिपा रखा था। पूछताछ में आरोपी रेशम सिंह ने बताया कि वह 2019 में अमेरिका में रहने वाले हरप्रीत सिंह उर्फ राणा के जरिए SFJ नेटवर्क से जुड़ा, जो “पॉलिटिक्स पंजाब” नाम का (अब प्रतिबंधित) मीडिया चैनल चलाता था।हरप्रीत राणा ने ही उसे बिक्रमजीत सिंह (USA), जेएस ढालीवाल और गुरपतवंत सिंह पन्नू से मिलवाया था। कर रहा था देशविरोधी गतिविधियां एआईजी ने बताया कि संगरूर जेल से मई 2024 में रिहा होने के बाद रेशम सिंह ने फिर से सुरिंदर ठिकरीवाल के कहने पर देशविरोधी गतिविधियां शुरू कर दीं।जांच में पता चला है कि वह हर घटना का वीडियो बनाकर विदेश में बैठे हैंडलरों को भेजता था, जो इसका इस्तेमाल अलगाववादी प्रचार में करते थे।अब तक उसे ₹8-10 लाख की फंडिंग मिल चुकी है। आरोपी रेशम सिंह द्वारा की गई घटनाएं…..