मोहाली में बर्खास्त DSP गुरशेर सिंह पर FIR:आय से अधिक संपत्ति केस, 3 साल में 26 लाख सैलरी मिली, 2.59 करोड़ खर्च किए

गैंगस्टर लॉरेंस के पंजाब में पुलिस कस्टडी से दिए गए टीवी इंटरव्यू मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह और उसकी मां सुखवंत कौर पर अब विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है। यह केस मोहाली की फ्लाइंग स्क्वायड टीम ने दर्ज किया है। जांच में सामने आया है कि गुरशेर को तीन साल में सिर्फ 26 लाख रुपए की सैलरी मिली, लेकिन उसने करीब 2.59 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अब विजिलेंस की टीमें उसे पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही हैं, हालांकि सूत्रों का कहना है कि वह विदेश भाग चुका है। शुरूआती जांच में यह चीज सामने आई थी विजिलेंस के मुताबिक, 1 अप्रैल 2021 को डीएसपी और उसके पारिवारिक सदस्यों के खातों में कुल 3,00,903.98 रुपए जमा थे, जबकि 3,17,415 रुपए का लोन था। फर्म के बैंक बैलेंस स्टेटमेंट के अनुसार, इस अवधि की शुरुआत में कुल 9,67,33,700.06 रुपए की आय का पता चला। 31 मार्च 2024 तक की गई जांच में यह सामने आया कि उनकी 2,47,50,000 रुपए की अचल संपत्ति और अन्य साधन थे। उनका बैंक बैलेंस 83,88,429.08 रुपए था। बर्खास्त डीएसपी और उसके पारिवारिक सदस्यों ने बैंक से 25,17,415 रुपए का लोन लिया था। इसके अलावा, परिवार ने 1,81,35,270.77 रुपए की राशि कंपनी, फर्म और सोसाइटियों में जमा करवाई। गैंगस्टर के दो इंटरव्यू हुए थे गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 व 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्‌डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत
लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। 3 जुलाई को होगी हाईकोर्ट में सुनवाई इंटरव्यू मामले में DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक को सरकार ने सस्पेंड किया था।इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल थे। इसके बाद डीएसपी को सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। इस मामले की उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। तीन जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।

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