मोहाली में बलबीर सिंह बोले-सीचेवाल ही थापर मॉडल:​​​​​​डिग्रियों वाले आज उसपर पीएचडी कर रहे, 25 साल पहले अपने गांव में तैयार किया

नदियों और नालों के पानी को साफ करने के लिए सीचेवाल मॉडल को लेकर मार्च महीने में पंजाब विधानसभा में बवाल हो गया था। इसी मामले को लेकर मोहाली विश्व पर्यावरण दिवस समारोह में पहुंचे संत बलबीर सिंह सीचेवाल से जब सवाल किया तो उन्होंने कहा कि भले ही उनके पास कोई डिग्री नहीं है, लेकिन जो काम हमने 25 साल पहले अपने गांव में किया था, वह सफलतापूर्वक चल रहा है। आज डिग्रियों वाले उसपर पीएचडी कर रहे हैं। आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। जो आज उनके मॉडल पर सवाल उठाते हैं, उनके पास 60 से 70 साल सत्ता रही है। आईआईटी उनके पास थी। वे इस पर रिसर्च करवा लेते। मीडिया कर्मियों ने सवाल किया कि क्या बाजवा साहब से बात हुई? तो उन्होंने कहा कि बात क्या करनी, जब कोई बात करेगा तो बात कर लेंगे। इस मौके आयोजित समारोह में पंजाब के कैबिनेट मंत्री डॉ रवजोत सिंह भी मौजूद थे। सीचेवाल ही थापर मॉडल है- संत बलबीर​​​​​​ जब मीडिया कर्मी ने उनसे सवाल किया गया कि बाजवा साहब ने दावा किया है कि सीचेवाल मॉडल से थापर मॉडल बढ़िया है, इस पर संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने कहा कि बाजवा को इस बारे में जानकारी नहीं है। सीचेवाल ही थापर मॉडल है। हमने 1999 में इसे बनाया। उन्होंने 2018-19 में किया। हमसे ही वह लिखवाकर लाए थे कि हम यह मॉडल अपना लें, तो आपको कोई एतराज तो नहीं है। तो मैंने कहा था कि हमारे गांवों का भला होना चाहिए। उनका कहना है कि वह बाद में इस मुद्दे पर क्यों नहीं बोले। सीचेवाल मॉडल से लुधियाना के बुड्ढा नाले की सफाई चल रही है। बाजवा ने सीचेवाल को कहा था ठेकेदार दरअसल, पंजाब में इस बार बजट सत्र के दौरान 27 मार्च 2025 को पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद और पर्यावरणविद् संत बलबीर सिंह सीचेवाल के ‘सीचेवाल मॉडल’ को लेकर विवाद हुआ। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने इस मॉडल को “असफल” बताते हुए सीचेवाल को “ठेकेदार” और “व्यापारी” कहा, जिससे सदन में हंगामा मच गया। बाजवा ने कहा कि सीचेवाल इंजीनियर नहीं हैं और उनका मॉडल असफल है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को तकनीकी सलाह के लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज या थापर इंस्टीट्यूट की सेवाएं लेनी चाहिए। AAP विधायकों ने बाजवा की टिप्पणी का विरोध किया। कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा और कुलदीप धालीवाल ने बाजवा की आलोचना की। वित्त मंत्री चीमा ने कांग्रेस से माफी की मांग की। कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बाजवा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने पारित किया। बाजवा ने माफी मांगने से इनकार किया था।

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