यमुनानगर जिले के बाइपास रेलवे पुल के नीचे कूड़े के ढेर में नवजात बच्ची का शव मिलने की घटना को 10 दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक आरोपी का सुराग नहीं लगा पाई है। मामले में पुलिस के आगे सबसे बड़ी परेशानी घटनास्थल के आसपास कोई सीसीटीवी न होना है, जिससे आरोपी की पहचान हो सके। यमुनानगर सिटी से मामले के जांच अधिकारी परमवीर सिंह के अनुसार घटनास्थल के आसपास के सभी अस्पताल का रिकार्ड जांच लिया गया है, लेकिन कोई भी ऐसा संदिग्ध नहीं मिला है, जिसे पूछताछ की जा सके। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि किसी दूसरी एरिया से कोई व्यक्ति चलती सड़क के किराने नवजात बच्ची के शव को कूड़े के ढेर में फैंक कर गया होगा। शव की डीएनए किया प्रिजर्व बच्ची के शव का पोस्टमॉर्टम करा डीएनए सैंपल प्रिजर्व कर लिया गया है ताकि आरोपी के पकड़े जाने पर जांच की जा सके। प्रारंभिक जांच में बच्ची को जन्म के तुरंत बाद फेंके जाने का संदेह जताया गया था, और पुलिस ने जांच के दायरे को विस्तार देते हुए अन्य अस्पतालों में भी लगातार पूछताछ कर रही है। परमवीर सिंह ने बताया कि 1 अक्टूबर को दोपहर करीब 12 बजे स्थानीय निवासी रिहान को एक चरवाहे ने कूड़े के ढेर में पॉलिथीन में लिपटा नवजात बच्ची का शव देखने की सूचना दी थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी। 10 से 15 घंटे पुराना शव शव करीब 10 से 15 घंटे पुराना लग रहा था, जिसे एक तौलिए में लपेटकर पॉलिथीन में डालकर बायपास रेलवे पुल के नीचे कूड़े के ढेर में फेंका गया था। डायल 112 पर सूचना मिलते ही हमीदा चौकी की पुलिस टीम और फोरेंसिक विशेषज्ञ मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल भेजा गया। मामले में लगातार तफतीश जारी है। अब तक आसपास के 20 से ज्यादा अस्पताल में पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन कुछ पता नहीं चला है। घटनास्थल से दूर-दूर तक कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगा हुआ है। आसपास के एरिया में भी पूछताछ की जा चुकी है। वहां से भी कुछ पता नहीं चल पाया है।