मनीष कश्यप के साथ सोमवार को पटना के PMCH में जूनियर डॉक्टरों ने मारपीट की। दरअसल, मनीष एक मरीज की पैरवी करने पहुंचे थे। उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर्स से मरीज के साथ हो रही परेशानी और अंदर की व्यवस्था को लेकर सवाल करना शुरू कर दिया। इसके बाद ड्यूटी में तैनात महिला डॉक्टर से बहस हो गई। बहस इतनी ज्यादा बढ़ गई कि धक्का मुक्की के बाद मारपीट होने लगी। डॉक्टर कैंपस से खींचकर मनीष कश्यप को हॉस्टल की तरफ ले जाने के फिराक में थे। तभी ऐन वक्त पर पीरबहोर थाने के कैंपस में स्थापित TOP के पुलिसकर्मी पहुंच गए। जैसे-तैसे मनीष को वहां से निकालकर TOP में लाए। जहां जूनियर डॉक्टरों की भीड़ जमा हो गई। लगभग 3 घंटे तक मनीष और उनके समर्थक बेबस रहे। जिस जूनियर महिला डॉक्टर से मनीष कश्यप की बहस हुई, वह सब इंस्पेक्टर की बेटी है। पिता पटना में ही पोस्टेड हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद वो भी भागे-भागे TOP आए थे। मनी द्विवेदी लगातार मैनेज करते रहे TOP के अंदर मनीष कश्यप बेबस जूनियर डॉक्टरों के सामने बैठे रहे। बाहर उनके सहयोगी मनी द्विवेदी नेताओं, समर्थकों से फोन पर लाइनअप करते रहे। घंटों बाद मनीष के परिचय के एक एक जूनियर डॉक्टर ने जैसे-तैसे मैनेज करना शुरू किया। तब जाकर मनी द्विवेदी मनीष से TOP में मिल पाए। हॉस्टल में ले जाकर बांधना चाहते थे छात्र छात्र इस कदर आक्रोशित थे कि मनीष कश्यप को हॉस्टल में ले जाकर बांधना चाहते थे। फिर बांधकर पिटाई करना चाहते थे। आक्रोश के दौरान कई बार छात्रों ने TOP के सामने इस बात का भी जिक्र किया, लेकिन पुलिसकर्मियों के काफी समझाने के बाद डॉक्टर्स का गुस्सा शांत हुआ। मनीष कश्यप को डॉक्टर्स से माफी मांगनी पड़ी 3 घंटे बाद मनीष कश्यप PMCH से बाहर निकले। उनके चेहरे पर चोट के निशान दिख रहे थे। वे अपने दोस्त मनी द्विवेदी के साथ कार से निकल गए। ऐसा बताया जा रहा है कि मनीष ने डॉक्टरों से माफी मांगी तब जाकर समझौता हुआ। ये भी कहा जा रहा है कि मनीष को छुड़वाने के लिए BJP नेताओं को पैरवी करनी पड़ी। PMCH के बाहर जुटे मनीष के समर्थक कश्यप के साथ मारपीट की खबर लगते ही उनके समर्थक PMCH के बाहर जुट गए थे। पटना सदर की ASP दीक्षा ने बताया- ‘ अभी किसी की शिकायत नहीं मिली है। धक्का-मुक्की हुई है। शिकायत मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।’ 2024 में जॉइन की थी BJP मनीष कश्यप ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान BJP जॉइन की थी। BJP में शामिल होने के बाद झारखंड और दिल्ली चुनाव में अहम भूमिका निभाई थी। झारखंड चुनाव में उन्होंने प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया था। दिल्ली में BJP सांसद मनोज तिवारी के लिए भी प्रचार कर चुके हैं। फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले में फंसे थे इससे पहले मनीष कश्यप तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का फर्जी वीडियो शेयर करने के मामले में कश्यप फंसे थे। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज की थी। केस की छापेमारी में कई दिनों तक गिरफ्तारी के डर से बिहार से फरार थे। तलाश में कई जगहों पर पुलिस ने छापेमारी की थी। बेतिया पुलिस ने 18 मार्च 2023 को दूसरे केस में मनीष के घर की कुर्की जब्ती शुरू की तो उन्होंने शिकारपुर थाने में सरेंडर किया। उसी दिन EOU की टीम ने तमिलनाडु वाले मामले में कश्यप को हिरासत में ले लिया था। रिमांड पर पूछताछ के बाद जेल भेज दिया था। दिसंबर 2023 में कोर्ट से जमानत मिली। ————————- मनीष कश्यप से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए…. 20 घंटे में बदले मनीष कश्यप के सुर,बोले-झूठी खबर फैलाई:फेसबुक पर लाइव आकर कहा था- पुलिस ने केस दर्ज किया, BJP से इस्तीफा दूंगा यूट्यूबर और भाजपा नेता मनीष कश्यप के सुर 20 घंटे में ही बदल गए हैं। गुरुवार देर रात उन्होंने कहा था- ‘पुलिस ने मेरे यूट्यूब चैनल पर FIR दर्ज की है। मैं शुक्रवार को BJP से इस्तीफा देने जा रहा हूं।’ वहीं शुक्रवार को मनीष छपरा SP राज किशोर सिंह से मिलने उनके आवास पहुंचे। बाहर निकलते ही उन्हें पत्रकारों ने घेर लिया। मनीष कश्यप ने कहा- ‘कुछ लोगों ने मेरे ऊपर FIR की खबर चला दी थी। जो गलत खबर थी। मुझे पुलिस ने नोटिस भेजा है केस दर्ज नहीं किया है।’ पूरी खबर पढ़िए