यूपी में इस बार होगी अच्छी बारिश:जून में सामान्य से 11% ज्यादा बरसे बादल, जानिए जुलाई में कैसा रहेगा मानसून

यूपी में मानसून की एंट्री 18 जून को हो चुकी है। जून में हर साल के मुकाबले इस बार 11% ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जुलाई में भी उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र को छोड़कर प्रदेश के अन्य भागों में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी। जून के महीने में किन शहरों में कम और ज्यादा बारिश हुई? पिछले 5 साल में किस तारीख को मानसून आया? जुलाई महीने में कैसी स्थिति रहेगी? पेयजल से लेकर नदियों और कृषि पर क्या असर होगा? पढ़िए मौसम स्पेशल खबर… यूपी में जून के महीने में कुल औसत बारिश 106.1 मिमी हुई, जो सामान्य से 11% ज्यादा रही। पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश सामान्य से 15% कम (92.6 मिमी) रही। वहीं, पश्चिमी यूपी में सामान्य से 60% ज्यादा (125.4 मिमी) बारिश हुई। इस दौरान बिजनौर में सबसे ज्यादा 235.8 मिमी बारिश हुई। बारिश के लिए साल 2021 सबसे अच्छा रहा था। तब मानसून में 58% ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी। लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश बताते हैं- यूपी में मानसून हमेशा सोनभद्र जिले के रास्ते दस्तक देता रहा है। लेकिन, पिछले साल बुंदेलखंड के ललितपुर के रास्ते इसकी एंट्री हुई थी। इस वजह से बंगाल की खाड़ी से उठा मानसून पश्चिम बंगाल और बिहार के बॉर्डर पर अटका रहा था। इससे जून- 2024 में 41% कम बारिश हुई थी। इस बार अच्छी बारिश होने की संभावना है। वहीं, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार प्रदेश के उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र के जिलों गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, बलिया, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती में ज्यादा बारिश होने का अनुमान है। मोहम्मद दानिश बताते है- यूपी में मानसून एक्टिव है। 29 जून से यह प्रदेश के बचे हुए हिस्सों के साथ पूरे देश में सक्रिय हो चुका है। जुलाई महीने के दौरान प्रदेश के उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र में औसत बारिश को छोड़कर अन्य भागों में सामान्य से अधिक बारिश होने के अनुमान है। ट्रफ लाइन के असर से यूपी में भारी बारिश की स्थिति देखने को मिल सकती है। दरअसल, इस वक्त यूपी में मानसून ट्रफ लाइन एक्टिव है। जून-सितंबर में यूपी में ज्यादातर बारिश दक्षिण-पश्चिम मानसून से होती है। बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर एरिया बना है। हवा में नमी ज्यादा है, जिससे लगातार बादल बन रहे हैं। इससे तराई इलाकों और पूर्वांचल में बारिश हो रही है। क्या होती है मानसून की ट्रफ लाइन?
पाकिस्तान और राजस्थान के बीच के क्षेत्र में जब लो-प्रेशर सिस्टम बनता है, तब उससे निकलने वाली रेखा ट्रफ लाइन कहलाती है। यह लाइन अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी के साथ दोनों ओर से हवाएं खींचती है। इससे मानसून सक्रिय होता है। बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव कहते हैं- यूपी में इस साल मानसून के दौरान बारिश अच्छी होगी। जुलाई में सामान्य से ज्यादा बारिश होगी और अमूमन स्थिति अच्छी रहेगी। यूपी में कैसे बदला मानसून का पैटर्न यहां देखिए
IMD के आंकड़ों की मानें, तो 2001 से यूपी में सामान्य मानसून की बारिश नहीं हो रही है। साल-दर-साल इसमें कमी आ रही है। यूपी में सामान्य बारिश तब मानी जाती है, जब यह 823 से 860 मिलीमीटर के बीच हो। अगर 5 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ है कि कैसे प्रदेश में मानसून की बारिश में कमी आई? इसका सीधा असर यहां के ग्राउंड वाटर लेवल पर पड़ा। यानी 5 साल में सबसे कम बारिश 2022 में हुई। यह नॉर्मल से करीब 35 फीसदी तक कम थी। IMD के अनुसार, 2020 में जून से सितंबर के बीच राज्य के अधिकतर जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई थी। 2020 में ऐसे 21 जिले थे। इनमें अलीगढ़, इटावा, बागपत, संभल, अमरोहा, बदायूं जैसे जिलों में कमी का स्तर 60 से 80 फीसदी तक था। साल- 2021 की बात करें तो ऐसे 22 जिले थे, जहां मानसून में सामान्य से कम बारिश हुई। इनमें कानपुर नगर, मिर्जापुर, मेरठ, ललितपुर, मैनपुरी, अलीगढ़, मुरादाबाद, एटा और हापुड़ जिले शामिल थे। कृषि से लेकर उत्सव तक का सीजन है मानसून
अगर मानसून का हिसाब-किताब बिगड़ता है, तो पूरे देश की थाली में चावल का हिसाब गड़बड़ हो जाता है। दरअसल, पश्चिम बंगाल के बाद यूपी चावल उगाने वाले दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। देश में कुल चावल का करीब 12 फीसदी यहीं उगता है। लेकिन, धान की बुआई और रोपाई के लिए पानी चाहिए। उस पानी की आपूर्ति मानसून ही करता है। सामान्य से कम बारिश का सीधा असर खरीफ की फसलों पर पड़ता है। पेयजल के लिए हम अब भी ग्राउंड वाटर पर निर्भर हैं। मानसून की बारिश से यह रिचार्ज होता है। इसी तरह प्रदेश की 31 नदियों के लिए मानसून बूस्टर का काम करता है। डैम से लेकर छोटे तालाब, कुएं, नहरें इस मानसून की बारिश पर निर्भर रहते हैं। ————————— ये खबर भी पढ़ें… विदेश में पढ़ाई, फिल्मी लव-स्टोरी और CM की गद्दी, दिग्गजों को मात दी…टीपू से अखिलेश बनने की पूरी कहानी राजनीति में कई चेहरे आते हैं और खो जाते हैं। लेकिन, कुछ चेहरे वक्त के साथ खुद को इस तरह तराश लेते हैं कि उनका जिक्र एक मिसाल बन जाता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आज अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। अखिलेश पहली बार 2012 में यूपी के सीएम बने। पढ़िए पूरी खबर…

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