यूपी के फर्रुखाबाद में बड़ा विमान हादसा टल गया। यहां प्राइवेट प्लेन रनवे से उड़ान भरते समय नियंत्रण खो बैठा और पास की झाड़ियों में जा घुसा। हादसे में विमान के विंग्स, फ्रंट व्हील और जेट फैन टूट गए। फ्यूल टैंक भी डैमेज हुआ है। रनवे पर एयरो फ्यूल टपक रहा है। फिलहाल, विमान में बैठे सभी 6 लोग सुरक्षित हैं। इनमें वुडपैकर ग्रीन एंग्री न्यूट्री पैड प्राइवेट लिमिटेड के MD अजय अरोड़ा, वाइस प्रेसिडेंट राकेश टीकू और SBI अफसर सुमित शर्मा, दोनों पायलट नसीब बामल, प्रतीक फर्नांडीज और एक क्रू टेक्नीशियन शामिल हैं। अजय अरोड़ा अपनी टीम के साथ खिमसेपुर औद्योगिक क्षेत्र में बन रही बीयर फैक्ट्री के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने भोपाल से आए थे। घटना गुरुवार सुबह 10:30 बजे हुई। हादसे और प्लेन की स्थिति की जांच के लिए दिल्ली से एक टीम बुलाई गई है। प्लेन ‘जेट सर्विस एविएशन प्राइवेट लिमिटेड’ का है। तस्वीरें देखिए- 400 मीटर रनवे पर दौड़ा, फिर बेकाबू हुआ वुडपैकर ग्रीन कंपनी के यूपी प्रोजेक्ट हेड मनीष कुमार पांडेय ने पायलट पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- उन्हें पहले से ही पहियों में हवा कम होने की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। हवा कम होने के कारण रनवे पर 400 मीटर तक दौड़ने के बाद जेट बेकाबू हो गया और हवाई पट्टी के किनारे बनी झाड़ियों में घुस गया। इसके चलते ही हादसा हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार शुक्ला फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। फायरब्रिगेड की टीम भी पहुंची। पुलिस टीम ने मौके पर जांच-पड़ताल की। डीएम बोले- पायलट की लापरवाही से हुआ हादसा
डीएम आशुतोष कुमार द्विवेदी ने बताया- विकसित भारत योजना के तहत 570 करोड़ का एक बीयर प्लांट लगाया जा रहा है। बुधवार शाम को कंपनी के अधिकारी 6 सीटर प्राइवेट जेट से आए थे। आज टेक ऑफ करते समय पायलट की लापरवाही के कारण जेट रनवे से स्लिप कर गया। हादसे में सभी लोग सुरक्षित हैं। प्लेन थोड़ा क्षतिग्रस्त हुआ है। वुडपैकर के MD बोले- अब आगरा से फ्लाइट लेकर वापस जाऊंगा
वुडपैकर ग्रीन कंपनी के MD अजय अरोड़ा ने बताया कि वे प्लांट का मुआयना करके प्राइवेट विमान से लौट रहे थे, तभी हादसा हो गया। अब वे आगरा से जाएंगे। वहां दूसरी फ्लाइट लेकर भोपाल जाएंगे। FSO बोले- टेक ऑफ से सिर्फ 25 मिनट पहले ही दी सूचना
फायर ब्रिगेड के FSO आशीष ने बताया- प्राइवेट फ्लाइट में टेक ऑफ के 12 घंटे पहले सूचना देनी होती है, जिसके लिए टेक ऑफ से पहले सुरक्षा के तौर पर फायर टेंडर भेजे जाते हैं, मगर सिर्फ 25 मिनट पहले सूचना दी गई। ट्रेजरी में फीस भी जमा नहीं की गई। खबर अपडेट की जा रही है…..