यूपी में मुस्लिम लड़कियों पर नजर रख रहा हैदरी दल:पार्क में बैठे लड़का-लड़की सॉफ्ट टारगेट, इंस्टाग्राम पर 68 अकाउंट

7 जून को बकरीद का त्योहार था। बरेली के गांधी पार्क में तमाम मुस्लिम लड़कियां अपने दोस्तों के साथ पहुंची थीं। तभी एक ग्रुप पहुंचा। उसने मुस्लिम लड़कियों और उनके साथ बैठे लड़कों से नाम पूछने शुरू किए। लड़कियों ने विरोध किया, तो इस्लाम और हिजाब का हवाला देकर धमकाया। यह सब जब हो रहा था, तब ग्रुप के ही लड़के इसे मोबाइल में रिकॉर्ड कर रहे थे। बाद में इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। यह हैरान करने वाला मामला था। पुलिस हरकत में आई और जांच शुरू की। पता चला कि एक पूरा दल है, जो इस तरह के काम में लगा है। वह वीडियो बनाकर बाकायदा सोशल मीडिया पर शेयर करता है। इस दल का नाम है- हैदरी दल। टैग लाइन है- मुस्लिम लड़कियों को भगवा जिहाद से बचाना। यह दल वॉट्सऐप ग्रुपों में प्लान बनाता, इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट होता। इसके सिर्फ एक नहीं, दर्जनों ग्रुप सामने आए। 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दैनिक भास्कर की टीम ने इस पूरे मामले की पड़ताल की। हम बरेली में आरोपियों के घर भी गए। इस दल के मकसद और काम करने के तरीके को समझा। पुलिस की कार्रवाई के बारे में जाना। चल रही जांच को भी समझा। बकरीद के दिन पहली बार सामने आया हैदरी दल
यूपी का बरेली जिला। 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की आबादी 44 लाख 48 हजार है। इसमें सिर्फ बरेली शहर की आबादी 15 लाख 68 हजार है। हिंदू-मुस्लिम लगभग बराबर हैं। इसलिए अक्सर दो धर्मों के बीच विवाद की स्थिति बन जाती है। कोई भी अपने आप को दूसरे से कम नहीं समझता। इन सबके बीच कुछ मुस्लिम युवाओं ने बजरंग दल की तर्ज हैदरी दल बना लिया। यह दल मुस्लिम लड़कियों को हिंदू लड़कों से बचाने का दावा करता है। कई बार हिंसक काम भी करता है। 7 जून को बकरीद के चलते बरेली गुलजार था। तमाम लोग नमाज के बाद शहर में घूमने निकले थे। इसमें मुस्लिम लड़कियां भी शामिल थीं। कई लड़कियां गांधी पार्क गईं। वहीं अपने हिंदू दोस्तों के साथ बैठकर बातें करने लगीं। तभी 4 लड़के पहुंचे। ये शहबाज रजा उर्फ सूफियान, समीर रजा, मुफ्ती खालिद और रियाजुद्दीन थे। ये हिजाब और बुर्का पहनी लड़कियों के पास पहुंचे और उनके बारे में पूछना शुरू किया। साथ बैठे लड़कों को धमकाकर पूछताछ की। इन लड़कों की इस हरकत पर लड़कियों ने आपत्ति जताई। इस पर इन लोगों ने कहा- अगर तुम यहां बैठोगी तो नकाब उतारकर बैठोगी, क्योंकि यह तुम्हारे मां-बाप की जागीर नहीं है, बल्कि फातिमा की जागीर है। इसके बाद इन लड़कों का ग्रुप दूसरी लड़कियों के पास जाता है और वीडियो बनाकर उन्हें बेइज्जत करता है। ये सारे वीडियो सूफियान ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर डाले। एक वीडियो में उसने लिखा- पहली बार समझा दिया है। दूसरी बार मिली, तो हिजाब की इज्जत नीलाम नहीं होने देंगे। हैदरी दल इन चीजों को रोकेगा। क्यूआर कोड के जरिए चंदा जुटाते थे
एक के बाद एक वीडियो वायरल हुआ, तो बरेली प्रशासन एक्टिव हो गया। जांच शुरू की, तो पता चला कि यह सब हैदरी दल कर रहा है। धर-पकड़ तेज हुई। पुलिस ने 10 जून को शहबाज रजा उर्फ सूफियान और समीर रजा को गिरफ्तार कर लिया। मुफ्ती खालिद और रियाजुद्दीन फरार हो गए। पुलिस ने इस पूरे दल की जांच में छापेमारी शुरू कर दी। एसओजी, सर्विलांस और क्राइम ब्रांच की भी टीम को लगा दिया गया। 16 जून को हैदरी दल के वॉट्सऐप ग्रुप में शामिल मोहम्मद जैश और शानू को गिरफ्तार किया गया। 26 जून को फरार रियाजुद्दीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया। हैदरी दल की एक्टिविटी को समझने हम बरेली पहुंचे। हम सबसे पहले यह जानना चाहते थे कि इस दल का काम क्या था? इसके लिए हम सीधे पीलीभीत बाईपास रोड के पास बनी असलम कॉलोनी पहुंचे। गिरफ्तार किए गए जैश का यहीं घर है। उसे 16 जून को गिरफ्तार किया गया था, अब वह जमानत पर है। जैश और उसके परिवार के लोग कैमरे पर बात करने को तैयार नहीं हुए। हमने ऑफ कैमरा ही उनसे बात शुरू की। जैश कहते हैं- मैंने 3 साल पहले नीट परीक्षा क्वालिफाई किया था और उसके बाद पढ़ाई करने लगा। साथ में बारादरी में बहन की क्लिनिक थी। उनके पास जाकर भी बैठता और सीखता था। हैदरी दल के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी। मुफ्ती खालिद ने एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया था। जोड़ते वक्त कहा गया कि यह ग्रुप गरीब मुस्लिम लड़कियों की शादी करवाने के लिए बनाया है। वह उसमें अपना क्यूआर भी भेजता था, जिस पर लोग चंदा भी भेजते थे। जैश कहता है- वॉट्सऐप ग्रुप में मैं जुड़ा जरूर था, लेकिन उसमें क्या मैसेज आ रहे थे मैं उनको देखता भी नहीं था। पुलिस ने ग्रुप में होने के चलते मुझे गिरफ्तार किया। हमने कहा- पुलिस के मुताबिक आपकी क्लिनिक पर हैदरी दल की बैठक होती थी। जैश कहते हैं- पुलिस ने वह तस्वीर मुझे भी दिखाई, लेकिन मैंने कहा कि यह हमारे क्लिनिक की नहीं है। पीछे जो दीवार दिख रही है, उससे हमारे यहां का रंग अलग है। पुलिस ने जो कुछ भी पूछा, हमने साफ-साफ बताया। इसलिए कोर्ट ने मुझे जमानत दी है। हैदरी दल की नजर मुस्लिम लड़कियों की एक्टिविटी पर
हम बरेली शहर में कुछ और लोगों से मिले। ये वो लोग हैं जो हैदरी दल में तो नहीं जुड़े, लेकिन इनकी एक्टिविटी को लगातार देखते और समझते रहे हैं। बातचीत में पता चला कि हैदरी दल काफी वक्त से एक्टिव है। मुफ्ती खालिद बरेली में एक्टिव रहता था। ये लोग अक्सर पार्कों और मॉल में जाकर उन मुस्लिम लड़कियों को निशाने पर लेते थे, जो किसी हिंदू लड़के के साथ नजर आती थीं। उनसे घर का पता और पिता का नाम पूछते। इसके बाद उस लड़की को समझाते। अगर लड़की ने जवाब दिया, तो इसकी शिकायत उसके परिवार से कर देते थे। हैदरी दल बनाने का आइडिया इन्हें बजरंग दल से मिला था। ये लड़के बजरंग दल के लव जिहाद के आरोपों का जवाब देना चाहते थे। इन लोगों ने हैदरी दल से जुड़े इंस्टाग्राम अकाउंट में इस तरह के वीडियो अपलोड किए, जिनमें एक मुस्लिम लड़की एक लड़के के साथ नजर आती है। लड़के के गले में भगवा गमछा था। दोनों को ये लोग पकड़ते हैं और फिर समझाते हैं। इसके बाद लड़के को लात-घूसों से पीटते हैं। इस वीडियो पर भगवा जिहाद शब्द लिखा हुआ है। हैदरी दल के 68 इंस्टाग्राम अकाउंट
पुलिस की जांच में अब तक हैदरी दल के 68 इंस्टाग्राम अकाउंट्स और 12 से ज्यादा वॉट्सऐप ग्रुप मिले हैं। हैदरी दल के दो इंस्टा अकाउंट बरेली के थे, बाकी दूसरे जिलों और राज्यों के थे। इन सभी पर मुस्लिम लड़कियों को रोकते, उनसे साथ के लड़कों को पीटते हुए दिखाया गया है। जिस सूफियान को गिरफ्तार किया गया है, उसके अकाउंट पर इस तरह से कई वीडियो पड़े थे। उसके 4 हजार से ज्यादा फॉलोअर थे। हालांकि, पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद उन सभी वीडियो को डिलीट करवा दिया है। हमारे सामने एक सवाल था कि हैदरी दल को ऑपरेट कौन कर रहा? पुलिस ने 24 जून को नबी हसन को गिरफ्तार किया था। बरेली के फरीदपुर के पिपरथरा गांव का रहने वाला नबी हसन शाहजहांपुर के गुलशने मुस्तफा मदरसा में रहकर दीनी तालीम ले रहा है। उसकी वैसे पढ़ाई 5वीं क्लास तक की ही थी। उसका मोबाइल चेक हुआ, तो हैदरी दल के ग्रुप मिले। साथ ही 40 से ज्यादा अश्लील वीडियो-फोटो मिले। मदरसे के एक बच्चे के साथ कुकर्म के वीडियो भी थे। पुलिस ने उस नाबालिग बच्चे के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया और नबी को जेल भेज दिया। जांच में पता चला कि नबी हसन, हैदरी दल का प्रमुख मेंबर था। हालांकि यही मेन है, इसे लेकर कन्फ्यूजन है। क्योंकि पुलिस के अफसर भी इसे हैदरी दल का मुखिया नहीं मानते। वह अभी भी इस मामले में अन्य लोगों तक जांच में लगे हुए हैं। महिलाओं की निजता का हनन करना मकसद
हैदरी दल को लेकर हम बरेली जिले के एसपी सिटी मानुष पारीक से मिले। मानुष हैदरी दल से जुड़ी कार्रवाई को लगातार ट्रैक कर रहे हैं। हमने उनसे पूछा कि पहली जानकारी कब मिली थी? मानुष कहते हैं, 20 दिन पहले इनके बारे में पहली सूचना मिली थी। इनके कई वीडियो पब्लिक के बीच पहुंचे थे, उसी को देखते हुए हम लोगों ने कार्रवाई शुरू की। इन लोगों का जो मुख्य काम था वह महिलाओं की निजता का हनन करना था। ये उनकी फोटो वीडियो शेयर करते थे। टीम बनाकर सार्वजनिक स्थान पर जाकर महिलाओं को परेशान करते थे। मानुष आगे कहते हैं, हैदरी दल के कुल 68 अकाउंट्स मिले हैं। इसमें 2 इंस्टाग्राम अकाउंट बरेली से चलते थे। कुछ वॉट्सऐप ग्रुप हैं, जिसके जरिए ये लोग मीटिंग करते थे। उनके एडमिन को गिरफ्तार किया गया, तो पता चला कि ये लोग इन ग्रुप्स से चंदा इकट्ठा करने का काम करते थे। प्लान बनाकर महिलाओं को परेशान करते थे। पुलिस टीम लगी हुई है। मानुष ग्रुप की बनावट को लेकर कहते हैं- ये डि-सेंट्रलाइज ग्रुप है। अलग-अलग जिलों और राज्यों से ग्रुप बने हैं। बरेली में जो दो लोग अकाउंट चला रहे थे, दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस पूरे मामले में अब तक दो मुकदमे लिखे गए हैं। एक कोतवाली में और दूसरा फरीदपुर में। कुल 6 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। गांधी पार्क में अब आधार कार्ड चेक होता है
हैदरी दल सबसे ज्यादा गांधी पार्क में बैठे लड़के-लड़कियों को टारगेट करता था। इसलिए अब यहां की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव हुआ है। हम गांधी पार्क पहुंचे और गार्ड रोहित से मुलाकात हुई। वह कहते हैं- अब लड़के-लड़कियां साथ आते हैं, तो उनका आधार कार्ड चेक होता है। अगर कोई हिंदू-मुस्लिम जैसा होता है, तो उसे हम बाहर कर देते हैं। महिला सुरक्षा और 112 नंबर भी अब पार्क के अंदर आकर खड़ी होती है। मौलाना बोले- युवाओं में बढ़ा कट्टरपंथ
हमने हैदरी गैंग की एक्टिविटी को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी से बात की। वह कहते हैं- हिंदू और मुस्लिम दोनों वर्ग के युवाओं में कट्टरपंथ बढ़ा है। जो इस तरह की विचारधारा के हैं, वही ऐसा कर रहे हैं। नौजवानों को अगर अपने समाज की बुराइयां खत्म करनी हैं, तो उन्हें पॉजिटिव सोच के साथ काम करना होगा। किसी भी समाज के खिलाफ जाकर काम नहीं किया जा सकता। हिंदू और मुस्लिम नौजवान इस तरह की जो भी एक्टिविटी कर रहे हैं, वो समाज के लिए और देश के लिए घातक है। समाज में जो पढ़े-लिखे लोग हैं, उन्हें समझाना चाहिए। ————————– ये खबर भी पढ़ें… भोले बाबा हाथरस भगदड़ के बाद से अंडरग्राउंड, एक साल से कहां हैं, किसी को पता नहीं; एक भी सत्संग नहीं किया यूपी के हाथरस में 2 जुलाई, 2024 को सत्संग में हुई भगदड़ को एक साल पूरे हो गए हैं। इस भगदड़ में 121 मौतें हुई थीं। इसके बाद नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल उर्फ भोले बाबा ने एक भी सत्संग नहीं किया। बाबा कहां हैं, किसी को नहीं पता। जिस आश्रम से बाबा का नया दौर शुरू हुआ, वहां भी वो सालभर से नहीं आए। भक्त कहते हैं- बाबा का जब मन होगा, तब आ जाएंगे।बीते एक साल में बाबा के उन भक्तों ने थोड़ी दूरी जरूर बनाई है, जिनके परिवार में भगदड़ से मौतें हुई थीं। बाकी भक्तों की भक्ति में कोई कमी नहीं दिख रही। वो बाबा के साथ पूरी आस्था से जुड़े हैं। पढ़ें पूरी खबर

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