यूपी MLC चुनाव के लिए सपा ने 5 प्रत्याशी उतारे:लखनऊ में LPS की मालिकन को टिकट; PDA पाठशाला वाले मान सिंह रिपीट हुए

समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को यूपी विधान परिषद (MLC) शिक्षक और स्नातक चुनाव के लिए प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है। इनमें शिक्षक चुनाव के लिए वाराणसी-मिर्जापुर खंड और गोरखपुर-फैजाबाद खंड शामिल हैं। वहीं इलाहाबाद-झांसी खंड, वाराणसी-मिर्जापुर खंड और लखनऊ खंड के लिए स्नातक चुनाव होंगे। लाल बिहारी यादव को वाराणसी-मिर्जापुर खंड से टिकट मिला है। कमलेश को गोरखपुर-फैजाबाद खंड में उतारा गया है। इलाहाबाद-झांसी खंड से डॉक्टर मान सिंह को टिकट मिला है। जबकि वाराणसी-मिर्जापुर खंड में आशुतोष सिन्हा और लखनऊ खंड में कांति सिंह का नाम फाइनल हुआ है। लाल बिहारी यादव, डॉ. मान सिंह और आशुतोष सिन्हा वर्तमान में एमएलसी हैं। सपा ने तीनों को रिपीट किया है। वहीं, कांति सिंह को पिछले चुनाव में भी सपा ने उतारा था। लेकिन चुनाव में उन्हें हार मिली थी। कांति सिंह राजधानी में लखनऊ पब्लिक स्कूल (LPS) के मालिक और प्रतापगढ़ से सपा सांसद एसपी सिंह की पत्नी हैं। लिस्ट देखिए… अब प्रत्याशियों को जानिए… लाल बिहारी यादव: लोकसभा चुनाव बाद अखिलेश ने बनाया था नेता प्रतिपक्ष
लाल बिहारी यादव को अखिलेश ने लोकसभा चुनाव बाद विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया था। लाल बिहारी शिक्षकों से जुड़े मुद्दे पर लंबे समय से संघर्ष करते रहे हैं। लाल बिहारी ने 2020 में सपा से वाराणसी खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी और विधान परिषद सदस्य बने थे। वित्त विहीन शिक्षकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए लालबिहारी ने 2004 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (वित्त विहीन गुट) का गठन किया था। लाल बिहारी यादव का जन्म 1 जुलाई, 1960 को यूपी के आजमगढ़ जिले के विशुनपुर गांव में हुआ था। परिवार की स्थिति लाल बिहारी यादव के जन्म के दौरान बहुत अच्छी नहीं थी। इसके चलते उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। लाल बिहारी यादव ने एमए, बीएड और एलएलबी की पढ़ाई की है। वो मौजूदा वक्त में राधा कृष्ण इन्टर कॉलेज खरिहानी आजमगढ़ में प्रिंसिपल भी हैं। आशुतोष सिन्हा: छात्रसंघ चुनाव से सियासत में आए
सपा ने आशुतोष सिन्हा को वाराणसी से फिर स्नातक MLC पद का प्रत्याशी बनाया है। वे लॉ में ग्रेजुएट हैं। इससे पहले 2006 में समाजवादी छात्रसभा के पैनल से हरिश्चन्द्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय वाराणसी के छात्रसंघ चुनाव में उपाध्यक्ष बने। फिर समाजवादी छात्रसभा के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं। छात्रसभा में पदाधिकारी रहते हुए इन्होंने कई बड़े जन आंदोलन भी किए। लोकसभा चुनाव-2014 के पहले दिल्ली से लखनऊ तक चल रही समाजवादी साइकिल यात्रा में हिस्सा लिया। 7 सितम्बर 2019 में सपा ने विधान परिषद का टिकट दिया था। 5 दिसंबर 2020 में सदस्य विधान परिषद के चुनाव में जीत हासिल की। कमलेश: राजनीति में 10 साल से एक्टिव
गोरखपुर फैजाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से सपा के प्रत्याशी बनाए गए कमलेश यादव (53) भोलाराम मस्करा इंटर कॉलेज, सहजनवा में सहायक अध्यापक हैं। वह शिक्षक राजनीति में 10 साल से सक्रिय हैं। वह वित्त विहीन शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव भी हैं। मूलरूप से जिले के महदेवा बाजार के छतियारी गांव के रहने वाले हैं। उनका परिवार पिछले कई दशक से गांव की राजनीति में सक्रिय है। कांति सिंह: 2 बार एमएलसी रह चुकी हैं
लखनऊ पब्लिक स्कूल के मालिक एसपी सिंह की पत्नी कांति सिंह को सपा ने लखनऊ खंड से मैदान में उतारा है। वह 2 बार एमएलसी रह चुकी हैं। लेकिन 2020 का चुनाव हार गई थीं। कांति सिंह अपना पिछला चुनाव हार गई थीं। तब उनके पति ने कहा था- ये शिक्षक और स्नातक बुद्धिजीवियों का चुनाव है जिसमें कभी भी, किसी भी ब्लॉक प्रमुख और स्थानीय निकायों के चुनावों जैसा बर्ताव नहीं किया जाता था, लेकिन इस बार धन बल और सरकारी मशीनरी द्वारा दबाव बनाकर मतदाताओं को धमकाया गया और लोकतंत्र की हत्या की गई। शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा विद्यालय प्रबंधकों पर दबाव बनाया गया। मान सिंह यादव: सपा के लिए PDA पाठशाला लगाई
डॉक्टर मान सिंह यादव वर्तमान में इलाहाबाद-झांसी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य हैं। इस सीट पर पहले भाजपा का कब्जा था। मान सिंह ने 2020 में इस सीट पर चुनाव जीतकर सपा का दबदबा बढ़ाया था। डॉ. यादव एक शिक्षक हैं। उनका स्थायी पता प्रयागराज के धूमनगंज क्षेत्र में है। वे शिक्षा, समाज और राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने प्रयागराज में सपा के लिए PDA पाठशाला लगाई थी। अब MLC शिक्षक और स्नातक चुनाव को समझिए… इस चुनाव में इंटर कॉलेज और उससे ऊपर के सभी कॉलेज, डिग्री कॉलेज और यूनिवर्सिटी के शिक्षक वोट करते हैं। हर निर्वाचन क्षेत्र में सवा लाख से 10 लाख तक मतदाता होते हैं। स्नातक चुनाव में सभी ग्रेजुएट पास लोग वोट करते हैं। इनकी संख्या भी डेढ़ लाख के करीब है। 2025-2026 में होने वाले द्विवार्षिक चुनाव (बायनियल इलेक्शन) के लिए स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की 5 सीटें रिक्त हो रही हैं, जिन पर चुनाव होना है। ये सीटें लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ और इलाहाबाद-झांसी खंड की हैं। सदस्यों का कार्यकाल 6 दिसंबर 2026 को समाप्त हो रहा है, और मतदाता सूची का पुनरीक्षण 30 सितंबर 2025 से शुरू हो चुका है। इसी तरह शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की 6 सीटें रिक्त हो रही हैं, जिन पर चुनाव होना है। ये सीटें लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, बरेली-मुरादाबाद और गोरखपुर-फैजाबाद खंड की हैं। सदस्यों का कार्यकाल 6 दिसंबर 2026 को समाप्त हो रहा है, और मतदाता सूची का पुनरीक्षण 30 सितंबर 2025 से शुरू हो चुका है। खबर अपडेट हो रही है…

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