ये डॉक्टर्स की दूसरी पारी है… मरीजों के लिए फिर से मैदान में डटे हुए हैं

जालंधर| आज डॉक्टर्स डे है। डॉक्टर्स को यूं ही नहीं धरती पर भगवान का दर्जा नहीं मिला। वे अंतिम तक लड़ते हैं मरीजों के लिए। कई डॉक्टर तो ऐसे हैं जो हार नहीं मानते रिटायर होने के बाद भी। सेवाएं जारी रखते हैं। उनमें से ही एक हैं डॉक्टर एनएस नेकी। पिम्स के सीनियर फिजीशियन हैं। डॉ. नेकी अमृतसर मेडिकल कॉलेज से साल 2022 में रिटायर हो गए थे, लेकिन मरीजों की सेवा का जज्बा या कहें जिम्मेदारी अब भी इतनी है कि वह पिम्स जॉइन कर लोगों की सेवा कर रहे हैं। वह खुद के पैसों से मरीजों के लिए कभी जरूरत का सामान जुटाते हैं तो कभी गरीब तीमारदार का हाथ पकड़कर कैंपस में कैमिस्ट के पास भी लेकर जाते हैं कि दवा की कीमत कम से कम लगे। यही नहीं, लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए डॉ. नेकी साल 2004 से ही साइक्लि​ंग क्लब का संचालन कर रहे हैं। धार्मिक और संस्कृति गतिविधियों में भी सक्रिय हैं। उनका मानना है कि बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली महत्वपूर्ण है। आज लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बढ़ता बीपी और शूगर है। अगर आप दिनचर्या में साइक्लिंग को शामिल करते हैं तो यह आपको इससे राहत दे सकती है और सबसे बड़ी बात इस पर कोई बड़ा खर्च भी नहीं होता। सिविल अस्पताल के मेडिसन विभाग के वरिष्ठ डॉ. तरसेम लाल बताते हैं कि वे साढ़े 4 साल पहले रिटायर हुए थे। लेकिन उन्होंने फिर से सिविल अस्पताल जॉइन कर लिया। इसी तरह 4 साल से ही कपूरथला के चैरिटेबल अस्पताल में मरीजों का मुफ्त इलाज कर रहे हैं। यहां वह मरीजों के लिए दो घंटे मुफ्त ओपीडी रखते हैं ताकि जरूरतमंदों को बेहतर इलाज मिल सके। उनका कहना है कि मरीजों की सेवा से बड़ा कोई भी काम नहीं हो सकता है।

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