रेलवे ट्रैक पार कराने को मेट्रो अपनाएगा स्टील स्पैन तकनीक:रावली और सेंट जोंस रेलवे पुल के ऊपर होगा इस तकनीक का प्रयोग

एमजी रोड पर रेलवे लाइन पार करने के लिए मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण यू-गर्डर की जगह 60 मीटर लंबे स्टील स्पैन से होगा। जिससे कम जगह में अधिक दूरी कवर की जा सकेगी। इससे मेट्रो कॉरीडोर को मजबूती भी मिलेगी और इससे काम आसान भी होगा।
मेट्रो अधिकारी रावली व सेंट जोंस रेलवे लाइन पर इस तकनीक का उपयोग करेंगे। भगवान टॉकीज पर भी इस पद्धति से निर्माण की योजना पर विचार चल रहा है। आगरा में बन रहे दो कॉरीडोर
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) आगरा में 29.4 किलोमीटर लंबे दो कॉरिडोर बना रहा है। पहला कॉरिडोर ताजमहल पूर्वी गेट से सिकंदरा तक 15 किमी लंबा है, जिसमें 6 एलिवेटेड और 7 भूमिगत स्टेशन हैं। दूसरा कॉरिडोर आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक 14.4 किमी लंबा है, जिसमें 13 एलिवेटेड स्टेशन हैं। इनमें से 6 स्टेशन एमजी रोड पर बनेंगे। एमजी रोड पर काम करना मुश्किल
रावली मंदिर और सेंट जोंस पर रेलवे लाइन हैं। इसलिए चौराहों पर बैरिकेडिंग नहीं की गई, बल्कि डिवाइडर पर पिलर पाइलिंग के लिए बैरिकेडिंग की गई है। यहां 28-28 मीटर की दूरी पर पिलर लगाए जा रहे हैं। प्रतापपुरा से भगवान टॉकीज तक एलिवेटेड कॉरिडोर पर तेजी से कार्य हो रहा है। एमजी रोड की संकरी चौड़ाई और कर्व को देखते हुए यहां निर्माण चुनौतीपूर्ण है। 60-60 मीटर के होंगे स्टील स्पैन
UPMRC रावली व सेंट जोंस रेलवे लाइन पार करने के लिए मेट्रो 60-60 मीटर लंबे स्टील स्पैन का इस्तेमाल करेगी। इससे कम स्थान में लंबी दूरी तय की जा सकेगी और राहगीरों को एमजी रोड पर भरपूर जगह मिलेगी। नागपुर में हो चुका इसका प्रयोग
बताया जा रहा है कि नागपुर में भी इस तकनीक का सफल उपयोग हो चुका है। आगरा में रावली और सेंट जोंस पर स्टील स्ट्रक्चर लगाया जाएगा। भगवान टॉकीज पर भी इसी तकनीक से निर्माण पर विचार किया जा रहा है।
ये है स्टील स्पैन तकनीक
स्टील स्पैन (steel span) का अर्थ है स्टील से बनी वह संरचना जो किसी पुल, छत या अन्य संरचना के लिए दो बिंदुओं के बीच एक दूरी को कवर करने के लिए उपयोग की जाती है।

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